जिला महिला अस्पताल बरेली में डीजे के शोर में दब गईं प्रसूताओं की चीखें
(बरेली ब्यूरो)। सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें, कोरोना की तीसरी लहर अब आ चुकी है। इसीलिए बगैर मास्क घर से न निकलें, और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। इस तरह आपको अवेयर करते हुए जिला संयुक्त चिकित्सालय में आवाज सुनाई देगी। लेकिन यह नियम कायदे मंडे को जिला महिला अस्पताल की ग्राउंड पर स्थित ओपीडी में तोड़ दिए गए। ओपीडी कक्ष में इस तरह से डीजे, साउंड, बैलून एवं अन्य व्यवस्थाएं की गईं कि वहां देखकर लगा कि किसी होटल में पार्टी का आयोजन किया गया। यह पार्टी एक वरिष्ठ नर्स के सेवानिवृत्त होने पर आयोजित की गई थी। अस्पताल परिसर में अधिकांश स्टाफ इस आयोजन में मशगूल था, जबकि प्रसूताओं और शिशुओं की चीखें उस डीजे में दबकर रह गईं।
स्टॉफ रहा आयोजन में मशगूल
यहां पर कोविड प्रोटोकाल का भी जमकर उल्लंघन किया गया। पूरा स्टाफ डिप्टी नर्सिंग सुप्रीटेंडेंट नीरा लाल के सेवानिवृत्त होने पर तेज आवाज में बजाए गए साउंड के गीतों में इतना मशगूल हो गया कि मरीजों का ख्याल ही नहीं रहा। दिन में कार्यरत स्टाफ को जल्दबाजी इतनी थी कि एंबुलेंस को काल करने से पहले ही प्रसूताओं को डिस्चार्ज कर दिया गया। वे स्वजन के साथ बाहर इमरजेंसी के बाहर बैठकर इंतजार करती नजर आईं। कुछ मरीजों को पहले आपरेशन के लिए खून लाने को कहा गया, जब स्वजन खून लेकर आए तो उनको इंतजार करने की बात कहकर टरका दिया गया।
साउंड की तेज आवाज उसी फ्लोर पर दर्द से कराह रही प्रसूताओं के कानों में गूंजती रही। उन्होंने अपने दर्द को कहना चाहा तो वहां से स्टाफ नदारद नजर आया। प्रथम तल पर स्थित केएमसी, एसएनसीयू में भी शोर होता रहा। हालत यह हो गई कि वहां मरीजों की सुनने वाला कोई नजर नहीं आया। एंबुलेंस हेल्पडेस्क को अस्पताल भवन के बाहर चाय की दुकान पर संचालित करना पड़ा, क्योंकि शोर में अंदर कुछ सुनाई ही नहीं पड़ रहा था। अफसरों ने साधी चुप्पी
हैरानी की बात यह है कि पड़ोस में स्थित सीएमओ कार्यालय तक इस शोर की आवाज पहुंच रही थी लेकिन किसी ने जिला महिला अस्पताल में जाकर उन्हें रोकने की जहमत नहीं उठाई। सीएमएस की गैरमौजूदगी में हुए इस आयोजन की अनुमति किसने दी और किस नियम के तहत यह आयोजन किया गया। इस पर भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे रहे।
लेबर वार्ड में एडमिट थे सीरियस पेशेंट
जिला महिला अस्पताल में जहां एक तरफ स्टॉफ पार्टी में मशगूल था तो वहीं लेबर रूम में दर्द से प्रसूताएं कराह रहीं थी। महिलाओं की समस्या सुनने के जगह उनको रैफर करने की बात कह दी। इतना ही नहीं डीजे सांउड से परेशान एक महिला को सीरियस हालत में शहर के निजी
को परिजन लेकर चले गए। महिला का नवजात काफी परेशान था उसके लिए बता दिया गया कि हॉस्पिटल में सुविधा नहीं है इसीलिए आप कहीं और ले जाओ। हॉस्पिटल के लेबर रूम में करीब 10 महिला पेशेंट एडमिट थी। जिस समय यह पार्टी आयोजित की गई थी। खाली पड़े रहे काउंटर
हॉस्पिटल में कोविड रजिस्ट्रेशन, एंट्री गेट पर हेल्प डेस्क काउंटर बनाए गए थे। ताकि हॉस्पिटल आने वाले पेशेंट्स को प्रॉब्लम न हो। लेकिन मंडे को पार्टी में इस तरह स्टॉफ पार्टी में मशगूल हुआ कि सभी हेल्प डेस्क खाली पड़ी रहीं .इतना ही नहीं सीढिय़ों से दूसरी मंजिल पर जाने वाला रास्ता भी ब्लॉक कर दिया।
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इस तरह के आयोजन अस्पताल परिसर में करना गलत है। इससे मरीजों को परेशानी होती है। इस पूरे मामले की जांच करने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है।
डा। दीपक ओहरी, अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, बरेली मंडल