गर्भवती महिलाओं में अधिक रहता है लंग्स टीबी का खतरा
बरेली(ब्यूरो)। मां का दूध बच्चे के लिए अमृत होता है। लेकिन, टीबी संक्रमित होने पर कई बार लोग यह धारणा बना लेते हैैं कि संक्रमित महिला स्तनपान नहीं करवा सकती है। इसको लेकर विशेषज्ञ बताते हैैं कि टीबी संक्रमित मां को भी अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए। इसमें सिर्फ ड्रग रेजिस्टेंट टीबी से संक्रमित महिलाएं ही स्तनपान नहीं करवा सकती हैैं। साथ ही एक्सपर्ट बताते हैैं कि प्रेगनेंट महिलाओं में सबसे ज्यादा फेफड़ों की टीबी पाई जाती है। इन के अलावा हड्डी, गुर्दा, पेट की भी टीबी हो सकती है।
जानलेवा है टीबी
जिला महिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ। शैव्या ने बताया कि टीबी विश्व की सबसे जानलेवा बीमारियों में से एक है। अगर मां की टीबी ड्रग रेजिस्टेंट है, तब वह स्तनपान नहीं करा सकती है। बाकी सभी टीबी ग्रसित मां स्तनपान करा सकती हैं। अगर किसी महिला को टीबी है और वह गर्भवती हो जाती है तो सही समय पर निदान और संपूर्ण उपचार किया जाए। उससे टीबी से गर्भवती महिला और शिशु दोनों को कोई हानि नहीं होती है।
ये बातें रखें ध्यान
डॉ। शैव्या ने बताया कि टीबी से ग्रसित मां को स्तनपान कराने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह धोने चाहिए। जब भी बच्चे के बहुत करीब आए तो उसको मास्क पहनना चाहिए। इससे बच्चे को टीबी होने का खतरा कम हो जाता है। टीबी ग्रसित मां का दूध बच्चे के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होता है। अगर टीबी का इलाज बीच में ही छोड़ दिया जाए तो कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
डिस्ट्रिक्ट टीबी ऑफिर डॉ। के.के मिश्रा ने बताया कि टीबी के इलाज के लिए मुख्य चार प्रकार की दवाएं दी जाती हैं। ये सभी दवाएं गर्भावस्था में देना सुरक्षित है जो छह महीने तक चलती हैं। जैसे ही जांच के बाद पता चले कि टीबी है तो डॉक्टर की सलाह से इन दवाओं को शुरू कर देना चाहिए।