बरेली कॉलेज में 15 हजार से अधिक स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हैं. स्टडी के लिए वह यहां कम से कम चार से पांच घंटा तो बिताते ही हैं इस बीच उन्हें प्यास लगना तो लाजमी है पर कॉलेज प्रशासन उन्हें पानी तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.

बरेली (ब्यूरो)। बरेली कॉलेज में 15 हजार से अधिक स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हैं। स्टडी के लिए वह यहां कम से कम चार से पांच घंटा तो बिताते ही हैं, इस बीच उन्हें प्यास लगना तो लाजमी है, पर कॉलेज प्रशासन उन्हें पानी तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। यह समस्या यहां कोई चंद रोज की नहीं है, कि स्टूडेंट्स इसे इग्नोर कर दें। बीते दो महीने से अधिक समय से कॉलेज में स्टूडेंट्स के लिए पेयजल की सुविधा बाधित है। कॉलेज प्रशासन और प्रबंधन से जुड़े जिम्मेदार इससे आखें मूंदे हुए हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने थसर्डे के अपने अंक में इस समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, पर इसके बाद भी कॉलेज के जिम्मेदार नहीं चेते।

हैंडपंपों की भी नहीं सुध
यह मान भी लिया जाए कि कॉलेज में सीवर लाइन बिछाने से पेयजल सप्लाई बाधित है, पर पेयजल के वैकल्पिक साधनों की तो यहां के जिम्मेदारों को सुध लेनी चाहिए थी। कॉलेज में पेयजल के लिए कई जगहों पर हैंडपंप लगाए हैं। यह हैंडपंप अधिकांश लंबे समय से खराब पड़े हैं। कॉलेज केजिम्मेदारों ने कभी न तो इनकी स्थिति पर गौर किया और न ही इनको ठीक कराने की जमहम उठाई। अगर कॉलेज परिसर में हैंडपंप ही सही होते तो, स्टूडेंट्स को कुछ तो राहत जरूर मिलती।

कॉलेज की खुद होने चाहिए व्यवस्था
कॉलेज से ही जुड़े लोग कहते हैं कि यह कोई छोटा कॉलेज नहीं है। हजारों एकड़ में फैला और हर रोज हजारों लोग यहां घंटों अपना समय बिताते हैं। इस लिए यूनिवर्सिटी की तरह ही यहां अपने पंप सेट और अपने ही ओवरहेड टैंक होने चाहिए। अगर ऐसी व्यवस्था होती तो कभी भी पेयजल का संकट नहीं होता।

कंटनेर ही रखवा देते
कॉलेज में पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के पीछे तो कारण तो बताया जा रहा है, पर इसके वैकल्पिक व्यवस्था की बात नहीं की जाती है। स्टूडेंट्स कहते हैं कि अगर कुछ समय के लिए पेयजल लाइन बाधित है भी तो कॉलेज प्रशासन वाटर कंटेनर की तो व्यवस्था करावा ही सकता है। वाटर कंटेनर सिर्फ एग्जाम पीरियड में ही रूम्स के बाहर रखवा दिए जाते हैं। अब जब पानी नहीं तो स्टूडेंट्स के लिए यह कंटेनर मगाए जाने चाहिए।

वॉशरूम की भी दिक्कत
कॉलेज में पानी बिन वॉशरूम भी सूखे हैं। बिना पानी के वॉशरूम के इस्तेमाल की भी कल्पना नहीं की जा सकती है। इसके बाद भी स्टूडेंट्स गंदे वॉशरूम को यूज करने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी यहां गल्र्स को उठानी पड़ रही है। जिम्मेदार इससे भी अंजान बने हैं।

स्टूडेंट्स को नहीं मिल रहा पानी
बरेली कॉलेज में काफी दिनों से स्टूडेंट्स को पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। स्टूडेंट्स को पानी पीने के लिए बाहर भटकना पड़ रहा है। कॉलेज में काफी समय से सीवर लाइन का काम चल रहा है। जिसके चलते पानी की सप्लाई लगातार बाधित बनी हुई है। स्टूडेंट्स प्रॉपर पीने के पानी के लिए यहां वहां भटक रहे है।

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कॉलेज में पेयजल की व्यवस्था कुछ समय से बाधित है। ऐसा यहां सीवर लाइन बिछाने के चलते हुआ है। सीवर लाइन की खोदाई से कई जगह पेयजल लाइन टूटी है। इसके बाद भी स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज में पेयजल की व्यवस्था है। ऐसा नहीं है कि कॉलेज में स्टूडेंट्स प्यासे रहते हैं।
प्रो। ओपी राय, प्राचार्य, बरेली कॉलेज

Posted By: Inextlive