शहर की मेन रोड्स भले ही ठीक-ठाक हों पर गली-मोहल्लों की सडक़ें खस्ताहाल हैं. इनको बनवाने की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा है. ऐसी सडक़ों पर जिनको चलना पड़ता है वही इसका दर्द समझता है.

बरेली (ब्यूरो)। शहर की मेन रोड्स भले ही ठीक-ठाक हों, पर गली-मोहल्लों की सडक़ें खस्ताहाल हैं। इनको बनवाने की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा है। ऐसी सडक़ों पर जिनको चलना पड़ता है, वही इसका दर्द समझता है। जब इनका यह दर्द जिम्मेदारों ने नहीं सुना और समझा तो इन्होंने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां करना शुरू कर दिया। शहर की सडक़ों को लेकर सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉम्र्स पर जो कमेंट किए गए हैं, उनमें मेयर साहब रोड पर भी थोड़ा ध्यान दे दीजिए। लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। सडक़ें खतरनाक, जिम्मेदार कौन जैसे कमेंट शामिल हैं। कुछ समय पहले मेयर उमेश गौतम ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की थी। इसमें उन्होंने कई कार्यक्रम में प्रतिभाग करने की बात लिखी थी। उनकी इस पोस्ट पर भी बरेलियंस ने कमेंट करते हुए अपनी पीड़ा बयां की है।

क्या हैैं ट्वीट

1: तनुज तलवार ने लिखा कि सर संजय नगर की रोड भी डलवा दो। रोड का बुरा हाल हो चुका है। दो-तीन साल हो गए है धूल में रह रहे हैं।

2: दीपक पाठक ने लिखा कि शहर की सडक़े खतरनाक हालत में है। इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कौन है।

3: रवि पाठक ने लिखा कि हमारे यहां की रोड की हालत खराब होती जा रही है। अब तो पैदल चलना भी मुश्किल होता है।

4: वॉन्डरर हैंडल पर लिखा है कि सर श्यामगंज वार्ड 57 की तरफ की रोड भी बनवा दीजिए। एक साल से रिक्वेस्ट कर रहे हैैं।

गड्ढे ही गड्ढे
सिटी की सडक़ों पर जहां-तहां गहरे-गहरे गड्ढे लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। आलम यह है कि इन सडक़ों को दुरुस्त कराने की कोई सुध ही नहीं ले रहा है। जिम्मेदारों को भी इससे कोई वास्ता नहीं है। जैसे की सुभाष नगर, संजय नगर, कुतुबखाना, पीलीभीत बाईपास, सनराइज कॉलोनी, बदायूं रोड, बीसलपुर आदि।

कमी सरकार की, परेशान लोग
सरकारी विभागों में आपसी तालमेल के आभाव से सिटी का डेवलपमेंट भी प्रभावित हो रहा है। इससे सिटी की कई रोड्स की हालत खराब हो चुकी है। सडक़ों पर सीवर लाइन और पेयजल लाइन बिछाने का काम पूरा होने के बाद भी संबंधित विभाग सडक़ को ठीक नहीं कराते हैं। ऐसे मेें रोड बार-बार धंसते रहती है। जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से रोड के गढ्ढे राहगीरों के लिए मुसीबत बन जाते हैं।

रास्तों में धूल मिट्टïी और गढ्ढों की भरमार है। मैैं रोज घर से मंदिर की तरफ जाता हूं, रोड खराब होने से वहां जाने में हालत खराब हो जाती है।
अनुज

खराब सडक़ों को ठीक कराने के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए। शहर में कई जगह सडक़ों की हालत खराब है। इससे आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
डॉली

Posted By: Inextlive