भोले के जयकारों से गूंजे नाथ नगरी के शिवालय
बरेली (ब्यूरो)। बम-बम भोलेके जयकारों की गूंज के बीच सावन के पहले सोमवार पर कांवडियों ने नाथ नगरी के शिवालयों में जलाभिषेक किया। कांवडियों की टोली आधी रात से ही शिवालयों में पहुंचना शुरू हो गई। तडक़े ही मंदिरों के कपाट पूजा आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा की दृष्टि से अलग लाइन जबकि श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग लाइन में आकर दर्शन की व्यवस्था की गई। शहर के शिवालयों में श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारे शाम तक लगी रहीं। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी जिला प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था की ताकि आने वाले कांवडियों के लिए कोई प्रॉब्लम न हो।
नाथ नगरी का अलग ही नजारा
नाथ नगरी कही जाने वाली बरेली का सावन में अलग ही नजारा देखने को मिलता है। चारों ओर शिवालयों से घिरी नाथ नगरी के सभी दिशाओं में प्राचीन शिवालय हैं। इन सभी शिवालयों को नगर की सुरक्षा चौकियां की मान्यता भी दी जाती है। कहा जाता है कि यही शिवालय प्राकृतिक आपदाओं से नगर की सुरक्षा करते हैं। यहां की मान्यता है कि यहां के शिवालयों में पूजा अर्चना और परिक्रमा से दोहरा पुण्य मिलता है।
हर शिवालय में 24 घंटे तैनात हो पुलिस
डीएम शिवाकांत दिवेदी ने सवाल को लेकर सभी शिवालयों में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए। सभी मंदिरों में सीसीटीवी के साथ ही खुराफात रोकने के लिए 24 घंटे पुलिस तैनात किए गए हैं। इस दौरान शिव भक्तों को कोई परेशानी न हो इसके लिए बिजली, पानी से लेकर पार्किंग तक का पूरा ख्याल रखा गया है। कावडि़ए जाम में न फंसे इसके लिए रुट डायवर्जन भी लागू किया गया।
बरेली के शिवालयों में जलाभिषेक के लिए ज्यादातर कांवडिय़े बदायूं के कछला गंगा घाट से जल भरकर पैदल आते हैं। इस दौरान बदायूं से लेकर बरेली तक करीब 50 किलोमीटर का सफर वह पैदल तक कर नाथ नगरी के सभी शिवालायों में जल चढ़ाते हैं। जिसके साथ उनकी नाथ नगरी की परिक्रमा भी पूरी है। सोमवार तडक़े से ही शिवालयों में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचने लगे।
जगमग रहे शिवालय
नाथ नगरी बरेली में सावन को लेकर विशेष तैयारियां। मंदिरों में बिजली पानी से लेकर पार्किंग व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। शहर के बड़े से लेकर छोटे मंदिरों के सामने इन दिनों सुरक्षा के लिए पुलिस रात में भी लगाई गई। विशेषकर बरेली के नाथ कहे जाने वाले सात शिवालयों को सावन को लेकर विशेष रूप से तैयारी की गई है। प्रत्येक शिवालय को माला फूल के साथ ही विद्युत झालरों की चकाचौंध रौशनी से रात भर जगमगाते रहे।
शहर में समाजसेवियों ने शहर से होकर निकलने वाले कांवडिय़ों के लिए जगह-जगह रोड किनारे कैंप भी लगाए। जहां पर कांवडिय़ों को हेल्थ चेकअप सहित अन्य सुविधाएं मिल सके। हालांकि जिला प्रशासन ने भी मंदिरों के आसपास डॉक्टरों की टीम लगाई थी ताकि मंदिर में आने वाले कांवडिय़ों को सुविधा मिल सके। रोड टूटी होने से हुई प्रॉब्लम
शहर के वनखंडी नाथ और पशुपति नाथ मंदिर को जाने वाली मेन रोड टूटी है। हालांकि पशुपति नाथ मंदिर को जाने वाली रोड तो एक दिन पहले बना दी गई जिस कारण मंदिर साइड तक वाहन नहीं जा सके। इस कारण भी श्रद्धालुओं को प्रॉब्लम हुई। वहीं वनखंडी नाथ मंदिर को जाने वाली रोड टूटी होने के कारण कांवडिय़ों को निकलने में काफी प्रॉब्लम हुई। वनखंडी नाथ मंदिर में निर्माण कार्य भी चल रहा है जिस कारण वहां पर कांवडियों और श्रद्धालुओं को मुश्किल हुई। प्रमुख शिवालय
बनखंडी नाथ मंदिर
मढ़ीनाथ मंदिर
त्रिवटीनाथ मंदिर
तपेश्वरनाथ मंदिर
धोपेश्वरनाथ मंदिर
अलखनाथ मंदिर
पशुपति नाथ मंदिर