Bareilly News: स्पोट्र्स के जरिए करियर संवारने का सपना संजोए जिले के प्लेयर्स को अब स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं. इसके लिए स्टेडियम का विस्तार तो ही रहा है कई नई सुविधाओं को भी जुटाने का प्रयास हो रहा है


बरेली (ब्यूरो)। स्पोट्र्स के जरिए करियर संवारने का सपना संजोए जिले के प्लेयर्स को अब स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं। इसके लिए स्टेडियम का विस्तार तो ही रहा है, कई नई सुविधाओं को भी जुटाने का प्रयास हो रहा है। सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक इसी प्रयास में शािमल है। करोड़ों की लागत से तैयार होने वाली इस एडवांस टै्रक के लिए आरएसओ की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो बरेली ऐसा शहर बन जाएगा जहां एक नहीं दो सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक होंगे।

तैयार मल्टीपरपज हॉल
बरेली के प्लेयर्स को स्मार्ट सिटी परियोजना से भी बड़ी सौगात मिली है। इस परियोजना के करोड़ों के बजट से स्टेडियम में इनडोर गेम के लिए नया मल्टीपरपज हॉल बनाया गया है। जल्दी ही इसका इनॉग्रेशन भी जा जाएगा। इसके बाद जिले के प्लयेर्स को इस हॉल में कई इंडोर गेम्स की प्रैक्टिस करने की सुविधा मिल जाएगा। इसके अलावा इस हॉल में इंडोर गेम्स की नेशनल लेवल की प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो सकेंगी। इस हॉल में दर्शकों के बैठने की भी व्यवस्था है।

सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक की रखी जाएगी नीव
बरेली स्टेडियम में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बनानेे की प्लानिंग शुरू कर दी है। इसके लिए यहां से खेल निदेशालय को ड्राफ्ट भेजा गया है। वहां से कंफर्मेशन आते ही काम शुरू किया जाएगा। यह ट्रैक 400 मीटर का बनाया जाएगा। ट्रैक बनने से एथलीट्स को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के ट्रैक पर प्रैक्टिस करने की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इससे उनके परफॉर्मेश में सुधार आएगा और वह स्टेट, नेशनल से लेकर इंटरनेशनल लेवल के कंप्टीशन में बेहतर कर सकेंगे। सिंथेटिक ट्रैक के जानकार बताते हैं कि यह ट्रैक एक खास तरह की रबर को कुसिंग करके बनाया जाता है। ट्रैक बनाने के लिए सबसे पहले मिट्टïी और बजरी की कई परत बिछाई जाती हैैं। इसके बाद केमिकल की लेयर बिछाकर उसके ऊपर रबर के बुरादे की लेयर बिछाई जाती है।

कहां-कहां है सिंथेटिक एथलैटिक ट्रैक
शहर में अभी तक सिर्फ एक ही जगह पर सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बनाया गया है। यह टै्रक है एमजेपीआरयू के कैंपस स्टेडियम में। करीब आठ करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह ट्रैक यूनिवर्सिटी के प्लेयर्स के लिए ही है। यहां यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित होने वाले स्पोट्र्स इवेंट और कंप्टीशन होते हैं। यह ट्रैक आम प्लेयर्स के लिए नहीं है। स्टेडियम में जब सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बन जाएगा तो इसमें आम प्लेयर्स प्रैक्टिस कर सकेंगे।

ट्रैक पर हो सकेंगे यह इवेंट
सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बन जाने से जंपिंग, रनिंग, थ्रोइंग जैसे कई खेल को बढ़ावा मिलेगा। अभी तक स्टेडियम में 10 गेम्स ही खेले जा रहे हैैं। इसमें जिमनास्टिक, वॉलीबॉल, फुटबॉल, क्रिकेट, हॉकी, बास्केटबॉल, लॉन टेनिस, वेट लिफ्टिंग, एथलेटिक्स आदि।

कई और बदलेंगी सुविधाएं
गाउंड में काफी टाइम से कुछ न कुछ बदलाव हो ही रहे थे। वहीं गाउंड में रेनोवेशन काम के चलते ही गाउंड में बने क्रिकेट ट्रैक को भी पीछे की तरफ शिफ्ट किया जा रहा है। जिससे गाउंड में हर गेम के लिए अलग स्पेस को मेंटेन किया जा सकें।

ग्राउंड की बदल जाएगी सूरत
स्टेडियम में कई तरह के चेंजिज किए जा रहे हैं, जिससे पूरे गाउंड का यूटीलाइजेश्न किया जा सकें। इसके अलावा सुविधाएं बढ़ जाने से प्लेयर्स और भी मोटिवेट हो सकेंगे। ट्रैक बन जाने से शहर के साथ-साथ पूरे मंडल के प्लेयर्स प्रैक्टिस कर सकेंगे।

जितेंद्र यादव, आरएसओ, बरेली स्टेडियम

Posted By: Inextlive