रामगंगा घाट पर गूंजे हर-हर गंगे के जयकारे
बरेली (ब्यूरो)। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व जनपद में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान रामगंगा घाट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भोर होने से पहले ही श्रद्धालुओं के जत्थे रामगंगा की ओर कूच कर चले थे। झुंडों में चलते श्रद्धालु हर-हर गंगे के जयकारे लगाते चल रहे थे। गंगा के तट पर इक_ा हुई श्रद्धालुओं की मंडली में उत्साह का माहौल था। सभी रामगंगा के जल में उतर कर स्तुति वंदना कर स्नान कर रहे थे।
सूर्य को दिया अघ्र्य
ज्यों-ज्यों दिन चढ़ता गया, श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। सुबह सात बजे तक रामगंगा घाट आस्था से सराबोर हो गया था। घाट पर कही भी खड़े होने की जगह नहीं बची थी। इस अवसर पर लोगों ने परिवार सहित गंगा की लहरों के मध्य खड़े होकर सूर्य देव को अघ्र्य दिया। उसके विधि विधान से मां गंगा की स्तुति-वंदना की गई। बहुत से लोग च्च्चों का मुंडन करवाने के लिए पहुंचे थे। श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते गंगा घाट काफी शोभायमान रहे। घाट के किनारे प्रसाद और पूजा सामग्री की दुकानें सजी रहीं। जहां से खरीदारी कर श्रद्धालुओं ने गंगा मैया की पूजा कर उनसे पति की दीघार्यु और परिवार में सुख समृद्धि के लिए मंगलकामनाएं कीं।
पकौड़ी-जलेबी की दुकानों पर रही भीड़
रामगंगा में स्नान करने के बाद जो श्रद्धालु अपने घर से भोजन तैयार करके आए थे उन्होंने घाट के किनारे वहीं भोजन किया। वहीं दूर शहरों से आने वाले श्रद्धालु ने मेले में खाने-पीने की दुकानों पर छोले-पूड़ी खाए। चाट-पकौड़ी और जलेबी की दुकान पर सबसे ज्यादा भीड़ लगी रही। वहच्ं बच्चों ने खिलौनों की खरीदारी कर मेले का लुत्फ उठाया।
गंगा स्नान के दौरान श्रद्धालु मां गंगा की भक्ति में लीन रहे लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए वहां किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी। रामगंगा पर कोई पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था, जिस वजह से कई बार श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं महेशपुरा रेलवे फाटक से चौबारी तक यातायात व्यवस्था भी ध्वस्त रही। जाम लगने की वजह से लोग कई बार सडक़ पर गिरने तक से बचे।