निगम के अभियान के बाद भी ‘अतिक्रमण’ जारी
बरेली (ब्यूरो)। शहर की सडक़ों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए नगर निगम 26 अप्रैल से 8 मई तक अभियान चला रहा है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए नगर निगम ने बाकायदा शेडयूल जारी किया है, जिसमें शो किया गया है कि किस दिन किस एरिया में अतिक्रमण के खिलाफ टीम एक्शन लेगी। अब ऐसे में उस एरिया के अतिक्रमणकारी पहले से ही अलर्ट हो जाते हैं और उस दिन अतिक्रमण नहीं करते हैं अगले दिन अतिक्रमण रोड पर करके फिर बैठ जाते हैं। नगर निगम का अतिक्रमण हटाओ अभियान कितना प्रभावी है, इसके लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने मंडे को अलग-अलग एरिया का रियलिटी चेक किया, तो हकीकत चौकाने वाली सामने आई। टीम ने उस एरिया का रियलिटी चेक किया जिस एरिया को नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण मुक्त कराने का दावा किया। आइए बताते हैं आपको शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान की हकीकत
सीन-1, गिहार बस्ती
27 अप्रैल को चौपुला से जिला पंचायत रोड होते हुए कुतुबखाना तक अभियान चलाया गया था। उसके बाद अब फिर से इस रोड पर पहले जैसा अतिक्रमण हो गया है। अभियान समाप्त होने के दूसरे दिन ही यहां पर फिर से लोगों ने फुटपाथ पर कब्जा कर लिया है।
सीन-2, पटेल चौक से सिकलापुर फर्नीचर हाउस
इस रूट पर 28 अप्रैल को निगम की टीम ने साप्ताहिक बंदी के दिन अभियान चलाया था, जिससे कम संख्या में ही सामान जब्त हो पाया था। साथ ही कम दुकानों पर ही कार्रवाई हो पाई थी। निगम के इस रूट पर अभियान के बाद फिर पहले जैसी स्थिति बन गई है। अभियान के दौरान निगम की टीम महज आधे घंटे में ही सिकलापुर चौराहे से वापस हो गई थी।
निगम की टीम ने अभियान के पहले दिन कोतवाली से कुतुबखाना तक रोड के दोनों ओर से अतिक्रमण हटाया था। अभियान के दौरान निगम की टीम ने जैसे ही अभियान खत्म किया, उसके थोड़ी देर बाद ही पहले की तरह ही रोड किनारे दुकानें लगा दी गई। निगम की टीम को कार्रवाई के दौरान जिला अस्पताल के सामने से सिर्फ तिरपाल और बांस ही मिले थे।
ये आ रही समस्याएं
अतिक्रमणकारियों को निगम के अभियान के रूट के बारे में पहले से ही जानकारी हो गई थी। इसलिए निगम की टीम जब कार्रवाई करने जाती हैं तो पहले ही अतिक्रमणकारी अपना सामान हटा लेते थे। इसलिए निगम की टीम कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाती हैं। इस कारण निगम की कार्रवाई मात्र खानापूर्ति साबित हो रही हैं।
शहर के रोडवेज बस स्टैंड पर शहर का मुख्य इलैक्ट्रॉनिक बाजार हैै। इस रूट पर दुकानों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण रोज जाम की स्थिति बनी रहती हैैं। इससे पब्लिक को परेशानी होती है। दरअसल नावल्टी से रोडवेज होते हुए बरेली कॉलेज तक, बसों का आवागमन होता रहता हैै। इस वजह से यहां पर भीड़ अन्य जगहों से ज्यादा रहती हैै। फुटपाथ पर कब्जा होने के कारण पब्लिक को रोड पर गाड़ी पार्क करनी पड़ती हैै। रोडवेज बस स्टैंड पर शहर का मुख्य इलैक्ट्रॉनिक बाजार हैै। इस रूट पर दुकानों द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण रोज जाम की स्थिति बनी रहती हैैं। इसी तरह शहर के जिला अस्पताल रोड पर अतिक्रमण के कारण कई बार जाम में एंबुलेंस फंस जाती हैं और जाम की स्थिति बनी रहती हैं। लेकिन कार्रवाई सफल न होने से पहले की तरह ही स्थिति बनी हुई हैं।
पब्लिक की बात
अतिक्रमण को लेकर सुरेश शर्मा नगर निवासी मोहित का कहना हैं कि निगम को अतिक्रमण के स्थाई हल के लिए वेंडर्स के लिए वेंडिंग जोन बनाना चाहिए। जिसकी कैपेसिटी अधिक हो। पुराना शहर निवासी आसिफ ने बताया कि निगम की टीम द्वारा चलाया जा रहा अभियान खानापूर्ति बनकर रह गया हैं। इसके लिए निगम को प्रभावी प्लान बनाना चाहिए। वहीं सुभाष नगर निवासी विनोद का कहना हैं कि निगम का अभियान कितना प्रभावी हैं इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता हैं कि निगम की टीम कार्रवाई करने के मात्र आधे घंटे के अंदर फिर से फुटपाथ पर दुकानें लग जाती हैं। इसेक लिए निगम को प्रोपर प्लान के साथ काम करने की जरूरत हैं।
नगर निगम अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ अभियान चला रहा है। अगर इसके बाद भी पहले की तरह किसी ने अतिक्रमण किया हुआ हैं, तो इसके लिए टीम भेजकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-ललतेश सक्सेना, अतिक्रमण दस्ता प्रभारी