टेंप्रेचर वैरिएशंस बना रहा 'बीमार'
- फिर लुढ़का चढ़ता हुआ पारा, टेंप्रेचर में वैरिएशंस जारी
- बादलों की वजह से हो रहा ठंड का अहसास - वैरिएशंस से हेल्थ और प्लांट्स पर पड़ा रहा निगेटिव इफेक्ट BAREILLY: हाल ही में पारे के मिनिमम का 'मैक्सिमम' टॉर्चर सहने वाले बरेलियंस को फिलहाल कुछ राहत मिली है। लेकिन बार-बार हो रहे वैरिएशन की वजह से लोगों को प्रॉब्लम भी हो सकती है। फिजिशियंस के अनुसार वैरिएशन की वजह से वायरल सहित अन्य डीजीज में म्0 परसेंट की बढ़ोत्तरी हुई है। वेदर एक्सपर्ट की मानें तो वेस्टर्न डिस्टर्बेस की वजह से पारे में वैरिएशंस ब् से म् डिग्री तक दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे बरेलियंस को मैक्सिमम और मिनिमम टार्चर सहन करना पड़ रहा है। वहीं लोगों को अभी गर्मी से निजात नहीं मिलने वाली है। वेडनसडे को टेंप्रेचर मैक्सिमम फ्भ्.क् और मिनिमम ख्0 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। चलती रही तेज हवावेडनसडे सुबह करीब नौ बजे तक आसमान में छाए काले बादलों से बारिश की आशंकाएं भी बढ़ती रही, लेकिन मौसम साफ होने से धूप बढ़ने लगी और दोपहर में तेज हवा चलने लगी। हवा में मौजूद नमी से लोगों को धूप के तीखेपन का अहसास कम हुआ।
वैरिएशंस के मेन रीजंसपारे में वैरिएशंस का सिलसिला थम नहीं रहा है। कुछ दिनों पहले जहां पारा मैक्सिमम ब्ख् और मिनिमम ख्फ् डिग्री तक पहुंचा गया था। वहीं कुछ ही दिनों के भीतर मैक्सिमम में म् और मिनिमम में फ् डिग्री की गिरावट दर्ज कर फ्म् और ख्0.ख् डिग्री तक पहुंच गया है। दूसरी ओर बादलों की वजह से ह्यूमिडिटी परसेंटेज में भी इजाफा हुआ है। हफ्ते भर पहले एंवायरमेंट में ह्यूमिडिटी फ्भ् से भ्भ् परसेंट थी जो बढ़कर भ्0 से 7भ् परसेंट तक पहुंच गई है। वेदर एक्सपर्ट्स की मानें तो सिटी में लो प्रेशर एरिया बनने की वजह से इस बार टेंप्रेचर में हर वीक वैरिएशंस हो रहे हैं। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बरसात और वेस्टर्न डिस्टर्बेस की वजह से भी पारे में वैरिएशंस हो रहे हैं।
हेल्थ प्रॉब्लम्स में इजाफाबार बार हो रहे वैरिएशन की वजह से बॉडी की इम्यूनिटी पॉवर कम हो जाती है, जिससे लोगों में बीमारियां होने का खतरा म्0 परसेंट तक बढ़ जाता है। वेदर एक्सपर्ट और फिजिशियंस का मानना है कि टेंप्रेचर में एक से दो डिग्री का वैरिएशन होने से हेल्थ पर ज्यादा इफेक्ट नहीं होता, लेकिन ब् से म् डिग्री तक का अंतर बॉडी पर काफी प्रभाव डालते हैं। वैरिएशन की वजह से खांसी, जुकाम, जकड़न, नजला, बुखार, हेडऐक, क्रॉनिक डिजीज, निमोनिया, यूरिन इंफेक्शंस और आई रिलेटेड बीमारियों में इजाफा हुआ है। वहीं पेड़ पौधों में कीड़े, फंगस और सड़न की प्रॉब्लम्स बढ़ने लगी हैं।
मैदानी क्षेत्रों में लो प्रेशर एरिया बनने की वजह से टेंप्रेचर में वैरिएशन आ रहे हैं। ब् से भ् दिनों तक आसमान में बादल छाए रहेंगे, लेकिन बरसात नहीं होगी। इसके बाद आसमान साफ होने से टेंप्रेचर बढ़ने से लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ेगा। डॉ। एचएस कुशवाहा, वेदर एक्सपर्ट टेंप्रेचर वैरिएशन की वजह से हेल्थ पर निगेटिव इफेक्ट पड़ते हैं। इसमें बॉडी की इम्यूनिटी पॉवर कम हो जाती है। सिटी में इन दिनों वायरल व अन्य डीजीज में म्0 से 70 परसेंट का इजाफा हुआ है। डॉ। जेके भाटिया, फिजिशियन