Bareilly: शहर की सड़कों पर टैम्पो राज चलता है. टैम्पो और ऑटो वाले नियम-कानून की परवाह किए बिना मनमाने तरीके से इन्हें चलाते हैं. जहां मन चाहे रोकते हैं सवारी बैठाते हैं और चल देते हैं. यही नहीं नियम के खिलाफ जरूरत से ज्यादा सवारियों को बैठाते हैं. शॉकिंग बात ये है कि ये सब ट्रैफिक पुलिस की आंखों के सामने होता है लेकिन वे नहीं टोकते. ये सारी बातें टैम्पो चालकों और ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत की तरफ इशारा करती हैं. कुछ भी हो इस मनमानी की वजह से शहर के ट्रैफिक सिस्टम की छवि तो धूमिल होती ही है साथ ही आम पब्लिक को भी बहुत दिक्कत होती है. कई बार एक्सीडेंट्स होते हैं. जाम लग जाता है.


कहीं traffic police से setting तो नहीं!शहर की खराब व्यवस्था के लिए ऑटो और टैम्पो वालों के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस भी कम जिम्मेदार नहीं है। ट्रैफिक पुलिस के सामने ही ऑटो चालक चौराहों पर खड़े होकर सवारियां भरते रहते हैं लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसके अलावा ओवरलोडिंग करके भी ऑटो पब्लिक की जान से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं फिर भी इन पर कोई लगाम नहीं है। जिम्मेदार लोग सिर्फ कार्रवाई की बात कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।Road पर मनमानी


शहर में ऑटो व टैम्पो चलने व उनमें सवारियां बैठाने के कुछ रूल्स हैं लेकिन इन स्टैंडड्र्स की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। रूरल एरिया के लिए रजिस्टर्ड ऑटो शहर में प्रवेश कर आराम से सवारियां भरते हैं। यही नहीं नियमों को ताक पर रखकर भूसे की तरह सवारियां एडजस्ट करते हैं। वैसे तो शहर में 3,250 ऑटो तथा 1300 टैम्पो रजिस्टर्ड हैं लेकिन बिना रजिस्टे्रशन के भी तमाम टैम्पो व ऑटो चल रहे हैं। न तो ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और न ही ट्रैफिक पुलिस इनके खिलाफ एक्शन लेती है। इन पर एक्शन न लेने के चलते दोनों डिपार्टमेंट की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े होते हैं।ठूंस लेते हैं passengers

ऑटो में तीन सवारियां बैठाने की ही परमिशन है। ड्राइवर सहित सिर्फ चार लोग ऑटो में बैठ सकते हैं लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। ऑटो में ठूंस कर सवारियां बैठाई जा रही है। कई ऑटो में ड्राइवर सहित 10-10 सवारियां बैठाई जाती हैं। इसके अलावा टैम्पो यानी विक्रम में ड्राइवर सहित सात लोगों के बैठने की परमिशन है पर ऑटो की तरह इसका भी हाल बुरा है। टैम्पो में तो 15 तक सवारियां ठूंसी जाती हैं। दूर-दराज से भी आते हैं ऑटोऑटो को जंक्शन से 16 किलोमीटर तथा टैम्पो को 40 किलोमीटर तक आने-जाने की परमिशन है पर इस नियम की भी ऑटो व टैम्पो चालकों द्वारा धज्जियां उड़ायी जा रही है। कई बार देखने में आया है कि पीलीभीत, बीसलपुर व अन्य एरिया के टैम्पो भी शहर में सवारी भरने के लिए आ जाते हैं। कार्रवाई नहीं होती इन पर

शहर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर ऑटो व टैम्पो चालक बीच चौराहे पर खड़े होकर सवारियां बैठाते हैं। जबकि इन्हें चौराहे से करीब 100 मीटर दूर ही सवारियां बैठाने की अनुमति है। शहर में सैटेलाइट, चौपुला, चौकी चौराहा, अय्यूब खां मेन चौराहा ऐसे स्पॉट्स हैं, जहां पर ऐसे हालात कभी भी देखे जा सकते हैं। इसके अलावा मिनी बाईपास, बीसलपुर चौराहा, कुतुबखाना, इज्जतनगर बाईपास, नैनीताल रोड सहित कई अन्य जगहों पर भी ऑटो चालक बीच सड़क पर सवारियां बैठाते हैं। यही नहीं अगर इन प्वाइंट पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात भी रहें तो भी इन ऑटो व टैम्पो चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। कई बार इनकी वजह से जाम और एक्सीडेंट हो जाते हैं।

Posted By: Inextlive