Bareilly: सैटरडे मॉर्निंग बरेलियंस की नींद खुली तो तेज हवा और बारिश ने उनका वेलकम किया. बेमौसम बारिश ने जहां बीते कुछ सालों का रिकॉर्ड तोड़कर सर्दी को भी फिर बुला लिया. वहीं बारिश ने मैक्सिमम पारे को भी 8 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का दिया.


बेमौसम बारिश ने बनाया recordसैटरडे को एक बार फिर वेदर एक्सपट्र्स का पूर्वानुमान सही साबित हुआ और सुबह से ही काले बदरा गरज के साथ बरसे। बेमौसम हुई इस बारिश ने बरेलियंस को तेज ठंड के साथ ही जलभराव की समस्या से भी रूबरू कराया। शाम तक 16.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। वेदर एक्सपट्र्स के अनुसार इतनी ज्यादा बारिश पिछले पांच साल की फरवरी में कभी दर्ज नहीं की गई। रुक-रुक कर हुई बारिश ने दिन के टेंप्रेचर में अच्छी-खासी गिरावट भी दर्ज करवाई और मैक्सिमम टेंप्रेचर 18.2 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। गरजे भी और बरसे भी  


वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर सैटरडे सुबह से ही जारी रहा और दिनभर बारिश होने का सिलसिला चलता रहा। अचानक तेज गरज के साथ बारिश होने से फ्राइडे के मैक्सिमम टेंप्रेचर की तुलना में सैटरडे के मैक्सिमम टेंप्रेचर में 8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई। इसके बाद तो गायब हो रही ठंड ने एक बार फिर से अपनी मौजूदगी का अहसास दिलाया। हालांकि शाम 4 बजे तक मौसम साफ हो गया लेकिन रात होते ही फिर से गरज के साथ बारिश का दौर शुरू हो गया। हवा चलने से लोगों को ठंड से राहत नहीं मिली।  और टूट गए record

सैटरडे सुबह से शाम तक 16.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग की वेबसाइट के अनुसार, पिछले पांच सालों की फरवरी में इतनी बारिश रिकॉर्ड नहीं की गई है, जितनी सैटरडे को हुई। 2011 की फरवरी में 15.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई थी। यही नहीं बीते पांच वर्ष की फरवरी के टेंप्रेचर में भी इस कदर गिरावट दर्ज नहीं की गई थी। 2012 में हाइऐस्ट मैक्सिमम टेंप्रेचर 30.8 डिग्री और 2011 में 28.9 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज की गई थी। पिछले दस सालों में 2007 की फरवरी ही ऐसा रहा जब 49.4 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी। वेदर एक्सपर्ट मान रहे हैं कि यह इस सीजन की आखिरी बारिश थी। लेकिन पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी की वजह से ठंड जाने में करीब 8-10 दिन लग सकते हैं। जलभराव ने भी किया परेशान

सुबह से शुरू हुई बारिश से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चें और ऑफिस निकलने वाले लोगों को हुई। अचानक बदले मौसम की वजह से एक तरफ लोगों को तेज ठंड का सामना करना पड़ा दूसरी तरफ कई एरिया में जबरदस्त जलभराव भी हो गया। इसके बाद तो जब भी बारिश रुकती लोग घरों के आगे जमे पानी को निकालने की जुगत में लग जाते। अर्ली मॉर्निग शुरू हुई बारिश ने लोगों को शाम ढलने तक परेशान किया। फरवरी में बारिश और टेंप्रेचर    Year         Max         Mini       rainfall(mm)    2012         30.8         6.2         0.0    2011         28.2         9.0         15.7    2010         31.2         8.6         14.1    2009         31.0         9.5           3.0    2008         28.9         5.0           1.1    नोट: टेंप्रेचर डिग्री सेल्सियस मेंऔर उड़ गई शहर की बिजली सैटरडे को हुई बारिश के चलते सिटी के कई एरियाज में बिजली सप्लाई बाधित रही.  सब स्टेशन में आ रहे टेक्निकल फॉल्ट के साथ वायर टूटने की भी समस्या सामने आई। राजेंद्र नगर एरिया में वॉयर टूटने की वजह से 33 केवी की लाइन प्रभावित हो गई। जिस वजह से पूरे एरिया में बिजली सप्लाई नहीं हो सकी। वहीं दूसरी ओर सीबीगंज से सुभाषनगर की ओर आ रही 33 केवी की लाइन पर ब्रेक डाउन रहा, जिसके चलते सीबीगंज और सुभाषनगर एरिया में बिजली सप्लाई नहीं हो सकी। इसके अलावा कोहड़ापीर, किला सहित अन्य एरियाज में सब स्टेशन में आए टेक्निकल प्रॉब्लम्स के चलते बिजली सप्लाई बाधित रही।
मौसम अब साफ हो चुका है। आगे बारिश की सम्भावना बहुत कम है। अगले 7-8 दिन तक लोगों को ठंड का सामना करना पड़ सकता है। एचएस कुशवाहा, वेदर एक्सपर्ट, पंतनगर 

Posted By: Inextlive