पारे की चाल से सेहत का सीधा पंगा
फ्लू, वायरल के शिकार हुए ज्यादा, एक्सपोजर बना बड़ी वजह
बच्चों में डायरिया-न्यूमोनिया की प्रॉब्लम 35 परसेंट तक बढ़ी BAREILLY : मौसम के मिजाज में जारी उतार चढ़ाव ने पब्लिक का हेल्थ ग्राफ बिगाड़ दिया है। बीते दो हफ्तों में वेदर फ्ल्कचुएशन के चलते सिटी में कइयों की सेहत खराब हो गई है। फ्लू, कोल्ड, कफ और वायरल फीवर की चपेट में आए लोगों की डॉक्टर्स के दरवाजे पर लाइनें लग रही हैं। कड़ाके की ठंड के बाद बसंत पंचमी से शुरू हुई तेज धूप, ठंडी हवा और फिर बारिश के ट्रांएगल ने बीमारियों को बरेलियंस पर हावी होने मौका दिया है। तेज धूप में गरम कपड़ों से परहेज करने का शौक भी कइयों की सेहत पर भारी पड़ा है। मौसम की मार का सबसे ज्यादा असर बच्चों के साथ ही यंगस्टर्स पर भी पड़ा है। स्वेटर उतरे और बैक्टीरिया एक्टिवकड़ाके की ठंड के बाद फ् फरवरी से लोगों को तेज धूप की राहत नसीब हुई थी। करीब एक हफ्ते तक निकली तेज धूप ने कईयों के शरीर से समय से पहले ही स्वेटर जैकेट्स उतार दिए। 9 फरवरी से धूप के साथ सर्द हवाओं की जुगलबंदी ने माहौल फिर ठंडा किया। जिसके बाद पिछले दिनों हुई बारिश और फिर निकली तेज धूप ने बैक्टीरिया को पनपने का बेहतर एनवॉयरमेंट दे दिया। डॉक्टर्स के मुताबिक मौसम में आ रहे उतार चढ़ाव से ह्यूमन बॉडी की इम्यूनिटी भी कमजोर होती है। ऐसे में वायरल और कोल्ड के केसेज बढ़ रहे हैं।
स्टाइल के आगे सेहत से समझौता चटख धूप निकलने के साथ ही जैकेट का बोझ उतार स्टाइलिश शर्ट में निकलना यंगस्टर्स पर भारी पड़ रहा है। कोल्ड एक्सपोजर में आने से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और प्राइवेट क्लिनिक में आने वालों में क्ब्-ख्ब् एज ग्रुप वाले यूथ की तादाद बढ़ गई है। दिन के मुकाबले सुबह-शाम टेंपरेचर में काफी अंतर होने से बीमार होने का सबसे ज्यादा खतरा इन युवाओं और बच्चों पर है। डॉक्टर्स यंग पेशेंट्स को स्टाइल के आगे सेहत से समझौता न करने की सीख दे रहे हैं। इसके साथ ही तेज धूप में भी इनर थर्मल पहनने की सलाह दे रहे हैं। चेस्ट डिजीज दे रही टेंशनवायरल और कोल्ड से जूझ रहे बरेलियंस को चेस्ट डिजीज की दिक्कतों ने भी घेर रखा है। शाम के समय मौसम ठंडा होने से यूज किए जाने वाले अलावा और ब्लोअर-हीटर इसकी वजह साबित हो रहे हैं। डॉक्टर्स ने बताया कि अलावा या ब्लोअर का यूज आस-पास ऑक्सीजन को कम कर देता है। इससे सांस फूलने लगती है, बीपी बढ़ जाता है, सफोकेशन की वजह से चेस्ट प्रॉब्लम शुरू हो जाती हैं। वहीं, सुबह शाम पड़ रहे हल्के फॉग व स्मोक का कॉम्बीनेशन भी चेस्ट के पेशेंट्स में इजाफा कर रहा है। डॉक्टर्स ने बताया कि ओपीडी में आने वाले फ्0 परसेंट पेशेंट्स चेस्ट की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं।
बच्चों में बढ़ा बिगड़ा न्यूमोनिया मौसम के इस स्विंग होते मूड ने बच्चों को भी निशाना बनाया है। बीते दो हफ्तों में छोटे बच्चों में बिगड़ चुके न्यूमोनिया के केसेज तेजी से बढ़े हैं। शहर के पीडियाट्रिक्स ने ओपीडी में न्यूमोनिया से जूझ रहे बच्चों में फ्भ् परसेंट बढ़ोतरी होने की बात कही। एक्सपर्ट्स ने बताया कि मौसम में ऐसा उतार चढ़ाव एक महीना आगे बढ़ गया है। आमतौर पर बसंत पंचमी हेल्दी सीजन की निशानी थी। लेकिन इस बार यह बीमारियों को साथ लाया है। मौसम में तेजी से हो रहे चेंजेस से एनवॉयरमेंट में बैक्टीरिया तेजी से बढ़ चुके हैं, जो तीन दिन तक एक्टिव मोड में रहते हैं। ऐसे में किसी हेल्दी पर्सन की जरा सी लापरवाही इन बैक्टीरिया को हावी होने और बीमारियां घर करने का मौका दे रही। रहें एलर्ट - कोल्ड एक्सपोजर में आने से बचें।- जैकेट्स व स्वेटर को पहनना बंद न करें।
- सुबह-शाम छोटे बच्चों को प्रॉपर्ली कवरअप करें। - टू-व्हीलर राइडर्स सुबह शाम जैकेट्स पहने। - रूम में क्रॉस वेंटिलेशन बनाए रखें। - बड़े बीमार हो तो बच्चों को पास न भेजे। - खांसते या छींकते समय मुंह व नाक को जरूर ढकें। - छोटे बच्चों में बेचैनी, दूध न पीना, पसलियां धंसना जैसे सिम्पटम्स पहचानें। - सलाद का यूज कम करें, खाने से पहले गर्म पानी से धोएं - बस-ट्रेन में सफर करते हुए मुंह-नाक ढककर रखें। सुबह शाम प्रॉपर्ली वुलेन कपड़े पहने। एक्सपोजर में आने से बचें। यंगस्टर्स गर्मी समझकर अभी से जैकेट्स-स्वेटर से दूरी न बनाएं। अभी करीब क्भ् दिन मौसम में ऐसी ही सिचुएशन रहेगी। शादी-पार्टी में खाना भी बीमारियों की वजह बन रहा है। - डॉ। राजीव गोयल, कार्डियोलॉजिस्ट मौसम का स्विंग होना बीमारियों के लिए आइडियल एनवॉयरमेंट बन रहा है। ओपीडी में न्यूमोनिया व डायरिया से बीमार बच्चों की तादाद पिछले क्0 दिनों में काफी बढ़ी है। संडे को भी पेशेंट्स की भीड़ बढ़ती जा रही है। लापरवाही न बरर्त। - डॉ। रवि खन्ना, पीडियाट्रिशियनडिस्टिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में वायरल और कोल्ड के पेशेंट्स की तादाद ख्भ् परसेंट तक बढ़ चुकी है। एक्सपोजर के चलते ही पिछले क्0 दिनों में बीमारों की तादाद में इतना इजाफा हुआ है। अभी गर्मी समझने की भूल न करें।
- डॉ। अजय मोहन अग्रवाल, फिजिशियन