Positive face of tech savvy working
Time की बचतपहले किसी भी डिपार्टमेंट की वर्किंग मैनुअल होती थी। रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए पेपर वर्क किया जाता था। ऐसा नहीं है कि पेपर वर्क अब नहीं हो रहा है लेकिन कंप्यूटर के जरिए इस काम में तेजी आ गई है। ईमेल से सेकेंड्स में एक पेपर कई जगह पहुंच जाता है। कंप्यूटर में सेव होने के चलते फाइलों का गट्ठर बीते जमाने की बात हो गई। यह पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन दोनों डिपार्टमेंट के लिए काफी अच्छा है। Andriod से काम आसान
आजकल काफी कम कीमत में एंड्रॉयड फोन और टैब आ गए हैं। इनके डिफरेंट एप्स ने काम और आसान कर दिया है। पहले पुलिस को किसी घटनास्थल की फोटो या वीडियो के लिए फोटोग्राफर को बुलाना पड़ता था। कई बार काफी वेट करना पड़ता था, लेकिन एंड्रॉयड मोबाइल से यह काम काफी इजिली हो जाता है। वॉट्सएप जैसे एप्लीकेशंस के जरिए इसे सीनियर ऑफिसर्स तक सेकेंड्स में पहुंचाया जा सकता है। Location trace में helpful
टेक्नोलॉजी के यूज से पुलिस की ट्रांसपेरेंसी भी बनी रहती है। एंड्रॉयड मोबाइल में जीपीएस सिस्टम लगा होता है। सीनियर ऑफिसर्स को अक्सर शिकायत मिलती है कि पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची। ऐसे में ऑफिसर उनकी लोकेशन ट्रेस कर सकता है। इसके अलावा कई अन्य एप्स का यूज पुलिसवाले क्रिमिनल्स की आइडेंटिटी, फोटो और लोकेशन ट्रेस करने में कर रहे हैं। मैं झूठा साबित होने से बचा मुझे नई टेक्नोलॉजीज से काफी फायदा मिला है। इससे वर्किंग में तो सुधार आया है, साथ ही ऑफिसर्स का भरोसा भी बना रहता है। मैं एंड्रॉयड फोन यूज करता हूं। इसका सीन ऑफ क्राइम के लिए यूज करता हूं। वॉट्सएप और फेसबुक के जरिए एसएसपी और अन्य ऑफिसर्स से जुड़ा हूं। जब भी किसी इंसीडेंट पर जाता हूं, तो तुरंत वहां की फोटो और वीडियो बनाकर वॉट्सएप पर ऑफिसर्स को भेज देता हूं। जीपीएस सिस्टम होने के चलते लोकेशन व अपनी फोटो भी भेजकर भी उन्हें अपडेट करता रहता हूं। कुछ दिन पहले मेरे थाना क्षेत्र में एक लड़की के रेप का मामला सामने आया था। मैंने सीन ऑफ क्राइम तुरंत एसएसपी को भेज दिया था। इसके अलावा लड़की के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग और लिखित रिकॉर्डिंग फोटो के जरिए भेज दी थी। केस में जब मुझ पर आरोप लगे तो इसी टेक्नोलॉजी को दिखाकर मैं निर्दोष साबित हुआ। - वीर सिंह, पीआरओ एसएसपी Easy to collect information
लेटेस्ट टेक्नोलॉजी क्राइम सॉल्व करने में काफी हेल्पफुल है। एंड्रॉयड फोन में कई ऐसे एप्स हैं, जो वर्किंग में हेल्पफुल हैं। जैसे कि अगर कोई शख्स किसी सोशल साइट पर अटैच है और उसने अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कर रखा है तो ट्रू कॉलर के जरिए उसका एड्रेस पता लगा लिया जाता है। वॉट्सएप और फेसबुक पर अगर कोई रजिस्टर है, तो उसके मोबाइल नंबर मिलने पर उसका फोटो, एड्रेस व कंपनी का पता चल जाता है। ईमेल के जरिए भी तमाम जानकारियां दूसरे डिस्ट्रिक्ट और स्टेट की पुलिस से कलेक्ट कर ली जाती हैं। मैं कई ऐसे सॉफ्टवेयर यूज करता हूं, जिससे साइबर क्राइम से जुड़े केसेज सॉल्व करने में मदद मिलती है। कई बार इन सबके सहारे अपना काम ऑफिसर्स के सामने रखने में आसानी होती है। इससे वर्किंग के साथ-साथ पर्सनल लाइफ में भी फायदा मिलता है। गिरीश पोशवाल, क्राइम ब्रांच पुलिस की working में speed
लेटेस्ट टेक्नोलॉजीज का यूज करने से वर्किंग में काफी हेल्प मिलती है। पुलिस के लिए जरूरी है क्योंकि क्रिमिनल्स भी हाईटेक टेक्नोलॉजीज का यूज कर रहे हैं। साइबर क्राइम इसी का पार्ट है। ग्रुप मैसेजिंग के जरिए एक साथ सभी पुलिसकर्मियों को मैसेज भेजता हूं। ऑल आउट स्कीम के तहत सभी की ड्यूटी एक साथ लगा दी जाती है। एड्रॉयड फोन से फोटो और वीडियो बनाना और भेजना काफी इजी हो गया है। कुछ सॉफ्टवेयर के जरिए क्रिमिनल्स की लोकेशन, उसकी फोटो और अन्य डिटेल कलेक्ट कर लेता हूं। इसके अलावा वायरलेस कम्यूनिकेशन सिस्टम, सीसीटीवी मॉनिटरिंग सिस्टम भी लेटेस्ट टेक्नोलोजी के पार्ट हैं। जल्द ही कुछ कंट्रोल रूम को हाइटेक कर सभी सिपाहियों को एंड्रॉयड फोन के जरिए जोडऩे का काम करना है। जो पुलिसकर्मी इन टेक्नोलॉजीज का यूज कर रहे हैं, उनकी वर्किंग भी अच्छी हो रही है। जो नहीं कर रहे हैं, उनसे मेरी रिक्वेस्ट है कि इनका यूज करें। - त्रिवेणी सिंह, एसपी सिटी Decisions लेना आसान
आजकल की वर्किंग में टेक्नोलॉजी का इंपॉर्टेंट रोल है। नॉर्मल और टेक्नोलॉजी की वर्किंग उसी तरह डिफरेंट है, जैसे आर्ट और साइंस। मैं खुद नई टेक्नोलॉजीज यूज करता हूं। इससे मेरी वर्किंग क्विक तो होती है, साथ ही क्वालिटी भी बनी रहती है। मैं मैक्सिमम फाइल्स ऑनलाइन या कंप्यूटर में रखता हूं। मोबाइल में इंटरनेट यूज करता हूं। मेरी कोर्ट में आने वाले केसेज का पूरा रिकॉर्ड मेंटेन रखता हूं। अगर मैंने किसी केस में जजमेंट दिया तो दूसरे सेम केस में मुझे ज्यादा सोचना नहीं पड़ता। तुरंत उस फाइल को देखकर डिसीजन दे देता हूं। अगर यही सब मुझे ऑफिस में रखी फाइल्स देखकर करना हो तो काफी टाइम टेकिंग होगा। केसेज ऑनलाइन होने से क्लाइंट को भी इसका फायदा मिलता है। ग्रुप मैसेजिंग का भी काफी यूज करता हूं। इसके जरिए पूरे स्टाफ को एक साथ इंफॉर्मेशन दे देता हूं। तहसील दिवस ऑनलाइन होने से तुरंत रिपोर्ट अपडेट कर दी जाती है। अरुण कुमार, एडीएम सिटी