शिक्षकों की सैलरी पर डिसिजन फंसा
BAREILLY: बरेली कॉलेज के सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज के टीचर्स को छठा वेतनमान दिया जाए कि नहीं, इस पर डिसिजन नहीं हो पाया। थर्सडे को डीएम की अध्यक्षता में मीटिंग होनी थी। जिसमें बरेली कॉलेज के मैनेजमेंट कमेटी के वरिष्ठ मेंबर देव मूर्ति और प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव को भी शामिल होना था। इसको लेकर डीएम ने कॉलेज की आय व व्यय का पूरा खाता तलब किया था। रिपोर्ट अभी स्टडी की जा रही है जिसके चलते सैलरी पर कोई डिसिजन नहीं हो पाया। हालांकि डीएम के अनुसार कॉलेज मैनेजमेंट ने साफ कर दिया है कि कॉलेज की वित्तिय हालत ऐसी नहीं है कि वे टीचर्स को छठे वेतनमान के तहत सैलरी दे पाएं।
कॉलेज कर रहा है मनाप्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा संवर्धन योजना के तहत सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज के उन टीचर्स को भी छठा वेतनमान देना का आदेश दिया है जो यूनिवर्सिटी से अनुमोदित हैं। इनमें उन कॉलेजेज को शामिल किया गया है जो नैक की ए ग्रेड की श्रेणी में आते हैं। बरेली कॉलेज के फ्ब् टीचर्स को छठा वेतनमान के तहत सैलरी दी जानी है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने क्म् लाख रुपए की ग्रांट जारी की थी। लेकिन साथ ही प्रदेश सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वे रेगुलर सैलरी नहीं दे पाएंगे। ऐसी स्थिति में कॉलेज को अपने स्तर से सैलरी निर्गत करनी होगी। लेकिन बरेली कॉलेज ने हाथ खड़े कर दिए। कॉलेज मैनेजमेंट ने अपनी सफाई में डीएम से कहा कि उनकी आय ऐसी स्थिति में नहीं है कि वे सेल्फ फाइनेंस टीचर्स को भी छठे वेतनमान के तहत सैलरी दे सकें।