सोशल साइट्स पर भी 'वायरल' हुआ स्वाइन फ्लू
फेसबुक-व्हाट्सएप पर छाया स्वाइन फ्लू, एक दूसरे को अवेयर कर रहे लोग
हैश टैग के साथ स्वाइन फ्लू के लक्षणों व बचाव के टिप्स की खबरें हो रही शेयर BAREILLY: देश भर में सैंकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाने के बाद अब सोशल साइट्स को भी स्वाइन फ्लू ने अपनी चपेट में ले लिया है। इस खतरनाक व जानलेवा बीमारी के वायरस एच1एन1 की गिरफ्त में सोशल साइट्स भी आ चुकी हैं। सोशल साइट्स में सबसे ज्यादा पॉपुलर फेसबुक व ट्विटर में भी इस बीमारी का असर और डर दोनों साफ दिखने लगा है। वहीं तमाम खबरें स्वाइन फ्लू के हैश टैग के साथ इंटरनेट पर अपनी जगहें बना चुकी हैं। स्वाइन फ्लू की बढ़ती दहशत के साथ ही लोगों ने संवाद के सबसे तेज जरिए सोशल साइट्स को ही इस बीमारी के खिलाफ अवेयरनेस का सबसे बड़ा हथियार बना लिया है। दे रहे लक्षण व बचाव के टिप्सबीते कुछ दिनों में स्वाइन फ्लू की दहशत का ग्राफ बढ़ने के साथ ही सोशल साइट्स पर भी अवेयरनेस की एक्टिविटी बढ़ गई है। सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री ने अपनी ओर से विज्ञापनों के जरिए लोगों को इस बीमारी से अवेयर करने की कोशिश तो शुरू कर ही दी। लेकिन फेसबुक यूजर्स ने भी अपने अकाउंट की वॉल पर इस बीमारी के लक्षणों व बचाव की पोस्ट करनी शुरू कर दी है। जिससे कि अपने दोस्तों और शुभचिंतकों को अवेयर कर सकें। ऐसी पोस्ट धड़ल्ले से शेयर भी की जा रही हैं और ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील भी हो रही है। इन पोस्ट में कॉमन फ्लू, वायरल और स्वाइन फ्लू के बीच फर्क बताकर जागरूक किया जा रहा है।
व्हॉटसएप में बता रहे घरेलू नुस्खे हर स्मार्टफोन की जान बन चुके व्हॉट्स एप पर भी स्वाइन फ्लू से जान बचाने की मुहिम जोरों पर चल रही है। सोशल साइट्स से भी ज्यादा पॉपुलर हो चुके इस एप पर लोग धड़ल्ले से एक दूसरे को स्वाइन फ्लू से बचाव वाले मेसेज और कंटेट भेज रहे। इनमें मेडिकल एक्सपर्ट के सुझाव से लेकर आयुर्वेद के जानकारों की सलाह तो शामिल है ही। एच1एन1 वायरस को हराने के लिए घरेलू नुस्खों के बारे मे भी जानकारियां साझा की जा रही हैं। सोशल साइट्स व एप यूज करने वाले लोगों का एक बड़ा तबका ऐसी मुहिम के जरिए ही न सिर्फ खुद अवेयर हो रहा बल्कि औरों को भी जागरूक कर रहा है। प्लीज शेयर एंड सपोर्टसोशल साइट्स से लेकर व्हॉटस एप के जरिए स्वाइन फ्लू के खिलाफ अवेयरनेस मुहिम में तेजी लाने को लोग एक दूसरे से अपील भी कर रहे। एक दूसरे को भेजे जा रहे मेसेज और वॉल पर डाली जा रही पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की अपील काम भी कर रही है। वहींअवेयरनेस मुहिम के तहत बांटे जो रहे पम्फलेट्स में भी पाने वाले से पर्चे छपवाकर बंटवाने की गुजारिश की जा रही। जो लोग ऐसा नहीं कर पा रहे वह इन पम्फलेट्स या मेसेज की फोटो ही सोशल साइट्स या व्हॉटसएप के जरिए एक दूसरे को शेयर कर अपनी सामाजिक जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
------------------------------------------------- स्वाइन फ्लू पर शासन ने उठाए कदम बीमारी की रोकथाम व इलाज पर भारत सरकार से मिले निर्देश जारी किए ए, बी और सी कटेगरी के तहत डॉक्टर्स को प्रोटोकॉल फॉलो करने के निर्देश BAREILLY:प्रदेश में स्वाइन फ्लू के गहराते खतरे पर शासन भी गंभीर हो गया है। डायरेक्ट्रेट, मेडिकल एंड हेल्थ सर्विस की ओर से 23 फरवरी को लखनऊ के केजीएमयू वीसी व एसजीपीजीआई निदेशक समेत सूबे के सभी सीएमओ और सीएमएस को अहम ईमेल किया गया। जिसमें स्वाइन फ्लू या इंफ्लूएंजा ए एच1एन1 की रोकथाम व इलाज के बारे में भारत सरकार की हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइंस को फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं। इस गाइडलाइंस में स्वाइन फ्लू या ऐसे सस्पेक्टेड मरीजों की स्क्रीनिंग करने और तीन कटेगरी में उनके इलाज की व्यवस्था किए जाने के निर्देश हैं।
ए, बी, सी कटेगरी के तहत इलाज कटेगरी ए- सिर्फ नॉमर्ल फीवर, खांसी, जुकाम व गले में खराश वाले मरीजों को इस कटेगरी में रखा जाएगा। ऐसे मरीजों को 24 से 48 घंटे बाद परामर्श के लिए बुलाया जाएगा। ऐसे मरीजों को टैमी फ्लू दवा देने और एच1एन1 जांच की जरूरत नहीं। ऐसे मरीजों को घर पर ही रहने की सलाह दी जाएगी। कटेगरी बी- कटेगरी ए के लक्षणों के अलावा मरीज को अगर तेज बुखार, गले में जोरों की खराश व चुभन हो और उल्टी-दस्त की भी शिकायत हो तो उन्हें घर पर रहने की सलाह के साथ टैमी फ्लू दवा दी जाएगी। साथ ही प्रेग्नेंट महिलाएं, 5 साल के कम उम्र के बच्चों या 65 साल से बड़े बुजुर्गो और लंग्स, हार्ट, लीवर, किडनी, ब्लड, डायबिटीज, कैंसर, न्यूरोलॉजिकल या एड्स के मरीजों को भी ऐसे लक्षणों में टैमी फ्लू दी जाएगी। ऐसे मरीजों की भी एच1एन1 जांच जरूरी नहीं।कटेगरी सी- कटेगरी ए व बी के लक्षणों के अलावा अगर मरीज में सांस का फूलना, सीने में दर्द, नींद न आना, ब्लड प्रेशर में गिरावट, नाखूनों का नीला पड़ना, कफ के साथ खून आना, लगातार तेज बुखार बने रहना, खाना न खा पाना, झटके आना, सांस लेने में तकलीफ होना या जल्दी जल्दी सांस लेने जैसी शिकायतें नजर आएं तो यह खतरे की घंटी है। ऐसे मरीजों की कटेगरी सी के तहत तुरंत स्वाइन फ्लू की जांच कराई जाएगी। साथ ही इन्हें हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में एडमिट किया जाएगा।
-------------------------------- तीन सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव वेडनसडे को बरेली से 8 सैंपल जांच के लिए भेजे गए पीजीआई BAREILLY: बरेली से पीजीआई लखनऊ को भेजे गए तीन सैंपल की रिपोर्ट वेडनसडे को मिल गई है। तीनों की रिपोर्ट में एचक्एनक् वायरस न मिलने की पुष्टि हुई है। यह सैंपल ख्फ् फरवरी को जांच के लिए भेजे गए थे। पिछले एक महीने से अब तक बरेली सीएमओ ऑफिस से कुल ब्म् सैंपल जांच के लिए पीजीआई भेजे जा चुके हैं। सीएमओ डॉ। विजय यादव ने बताया कि इनमें सस्पेक्टेड स्वाइन फ्लू के 8 सैंपल वेडनसडे को ही भेजे गए हैं। वेडनसडे को भेजे गए 8 सैंपल में से भ् बरेली से हैं। जबकि क्-क् सैंपल रामपुर, शाहजहांपुर व रूद्रपुर से बरेली आए मरीजों के हैं। एएमयू स्टूडेंट ने जांच न होने पर की कंप्लेन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, एएमयू के एक स्टूडेंट ने वेडनसडे को सीएमओ ऑफिस पहुंचकर हंगामा किया। जुल्फिकार अली नाम का यह युवक बरेली का रहने वाला है और एएमयू में पढ़ रहा है। पिछले दिनों एएमयू में स्वाइन फ्लू के म् मरीज मिलने से यूनिवर्सिटी में छुट्टी कर स्टूडेंट्स को उनके घर भेज दिया गया। युवक का आरोप था कि ख्ब् फरवरी को स्वाइन फ्लू जैसे लक्षणों के होने के बावजूद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में डॉक्टर ने उसकी जांच कराने से इंकार कर दिया। इस पर युवक ने डीएम से जाकर शिकायत की। वहां से सीएमओ ऑफिस पहुंचकर डिप्टी सीएमओ डॉ। मातादीन से कंप्लेन की। इस पर डिप्टी सीएमओ ने युवक का सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाने के निर्देश्ा दिए। ----------------------------- एनईआर में स्वाइन फ्लू पर सेमिनार देश भर में महामारी का रूप ले चुकी स्वाइन फ्लू की बीमारी पर एनईआर इज्जनगर मंडल मं वेडनसडै को एक हिन्दी सेमिनार का आयोजन कराया गया। सेमिनार में आए डीआरएम चंद्रमोहन जिंदल ने कहा कि रेल कर्मचारियों को ऐसी बीमारियों के बारे में अवेयर करना बेहद जरूरी है। वहीं डिवीजन हॉस्पिटल के एसीएमएस डॉ। बीएन चौधरी ने इस मौके पर प्रोजेक्टर के जरिए स्वाइन फ्लू- कारण व निवारण पर एक प्रेजेंटेशन दिया। डॉ। चौधरी ने इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां और बचाव के तरीके रेल कर्मचारियों को बताए।