Bareilly: सवाल के जवाब में कोई सवाल करे तो समझ लो वह ब्यूरोक्रेट है. यह कटाक्ष नाटक कामरेड कुंभकरण में ब्यूरोक्रेसी पर किया गया है. नौटंकी विधा पर आधारित इस नाटक में रामायण के माध्यम से वर्तमान परिदृश्य में कुंभकरण को चरितार्थ करने की कोशिश की गई है. कुंभकरण रामायण का एक ऐसा किरदार जो सोता ही रहता है पर नाटक में वह अपना मंदिर बनाने की बात करता है. कुंभकरण के जरिए नाटककार ने सोए हुए लोगों की प्रसिद्धि के प्रति चिंता को दर्शाया है.


सोयी आवाम को जगाने का संदेशनाटक का मुख्य किरदार कुंभकरण अपने प्रतिद्वंद्वी विचारों वाले माता-पिता के बीच की कड़ी है। वास्तव में वह एक क्रांतिकारी पिता में एक वास्तविक दुनिया और एक थिएटर की मालकिन मां के रूप में काल्पनिक दुनिया में जीता है। उसकी बहनें सामाजिक अंधविश्वासों को प्रदर्शित करती हैं। वास्तविकता सबसे पहले दम तोड़ देती है और कल्पना हमेशा जीवित रहती है। नाटक में नवीन सिंह ने कुंभकरण के किरदार को बखूबी निभाया है। कुंभकरण केजरिए उन्होंने सोयी हुई आवाम को भी समय रहते जागने का संदेश दिया।Today’s showनाटक    जात ही पूछो साधु कीसमय    शाम 6:30 बजेस्थान    आईएमए ऑडिटोरियमकलाकार    अम्बरीश सक्सेना,  पुंज प्रकाश, नवीन सिंह,  मोती लाल

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