आवाज उठाने का platform बना social media
Social media का सहाराआरयू के स्टूडेंट्स ने भी अपनी प्रॉब्लम्स रेज करने के लिए सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म का सहारा लिया। फेसबुक पर ग्रुप और पेज क्रिएट किया, जो स्टूडेंट्स को अवेयर करने का काम करता है। उनकी प्रॉब्लम्स उठाता है। सॉल्यूशन के लिए स्टूडेंट्स को एकजुट कर रहा है। ग्रुप से जुड़े 443 studentsबीटेक ईआई के स्टूडेंट राघवेंद्र प्रताप सिंह ने करीब डेढ़ साल पहले फेसबुक पर ्यक्र्रहृञ्जढ्ढञ्चक्र ग्रुप क्रिएट किया। स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम्स उस पर शेयर कीं। कैंपस के स्टूडेंट्स और एकेडमिक्स से रिलेटेड इंफॉर्मेशन शेयर कीं। स्टूडेंट्स जुड़ते गए। आज ग्रुप में 443 से ज्यादा मेंबर्स हैं। जिसे जो भी इंफॉर्मेशन मिलती है, उस पर शेयर कर देता है। कोई क्वेरी होती है तो दूसरे स्टूडेंट्स सुझाव देने लगते हैं। हालांकि ग्रुप का कोई भी स्टूडेंट इस पर पोस्ट कर सकता है। फिलहाल राघवेंद्र और सुकीर्त सिंह एडमिन का जिम्मा संभाल रहे हैं।
10 दिन पहले page create
ग्रुप की सक्सेज को देखते हुए हाल ही में 10 सितंबर को ग्रुप के ही स्टूडेंट्स ने फेसबुक पर ्यक्र्र्रहृञ्जढ्ढ.ह्म्ह्व पेज क्रिएट किया। हॉस्टल में 24 घंटे बिजली-पानी की सुविधा, कैंपस में वाई-फाई, एक्टिव प्लेसमेंट सेल जैसी मांगों को लेकर इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स ने यह पेज बनाया। इन डिमांड्स को लेकर सैकड़ों स्टूडेंट्स एकजुट हुए और आंदोलन का रूप ले लिया। इसके बाद से ही यह पेज हिट हो गया। वीसी आवास का घेराव हो या फिर थर्सडे से आमरण अनशन, स्टूडेंट्स के हर आंदोलन पेज पर शेयर होने लगे। पेज को 54 से ज्यादा स्टूडेंट्स लाइक कर चुके हैं। सुकीर्त सिंह और रवि शंकर तिवारी पेज के एडमिन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।हर problem होती है shareग्रुप और पेज दोनों ही जरियों में स्टूडेंट्स की क्रांति साफ झलकती है। रिजल्ट लेट आना, मार्कशीट गड़बड़ होना या मिलने में देरी, एकेडमिक को लेकर किसी भी तरह की प्रॉब्लम्स हों, स्टूडेंट्स दिल खोलकर शेयर करते हैं। यही नहीं कैंपस में किस तरह की फैसिलिटीज चाहते हैं, क्या कमी महसूस करते हैं, अधिकारी व कर्मचारियों का रवैया कैसा है, ये सारी फीलिंग्स भी शेयर करते हैं। एक तरह से कैंपस से रिलेटेड स्टूडेंट्स के जो भी इमोशंस हैं, वे यहां उभर कर आती हैं।