- विद्यार्थियों के लिए विशेष फलदायी रहेगा बुध सिद्ध का योग

BAREILLY:

दान पुण्य का सबसे बड़ा पर्व मकर संक्रांति इस बार विशेष होने जा रहा है। 47 वर्षो के बाद बन रहा सिद्ध बुध योग लोगों के जीवन में सुख समृद्धि दायक बनाएगा। इस योग का असर बाहर राशियों, नौ ग्रहों समेत नक्षत्रों पर पड़ेगा। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक यह योग शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े जातकों के लिए बेहद फलदायी रहेगा। इसके अलावा योग का असर व्यापार और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को भी प्रभावित करने की संभावना है। इस दिन किए गए वस्त्र व अन्न दान का विशेष महत्व होता है। साथ ही शत्रु व मित्र राशियों पर इसके प्रभाव दिखाई देंगे।

विद्यार्थियों के लिए विशेष

माघ कृष्ण नवमी बुधवार का दिन है, इस वर्ष का अधिपति बुध माना गया है। सिद्धयोग के शुभ मूहूर्त के मिलन से बुध सिद्ध योग का अद्भुत संयोग 47 वर्षो बाद बन रहा है। दूसरी ओर नए वर्ष की शुरुआत बृहस्पतिवार से हो रही है। बुध और बृहस्पति सम ग्रह हैं। इसलिए इनकी मित्रता से वर्ष भर इन राशियों के जातकों को लाभ मिलेगा। सूर्य का बल ग्रहण करने की वजह से बुध राजयोग का भी परिचायक है। इन ग्रहों के योग से बन रहा संयोग मेष, वृष, मकर राशि के जातकों के लिए विशेष रहेगा व अन्य राशियों के लिए सामान्य फलदायक है। बुध, ओजस्वी और बुद्धिदायक ग्रह माना जाता है। इसलिए यह योग स्टूडेंट्स और लेखन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अति शुभ रहेगा। दूसरी ओर व्यापार और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों की भी ग्रहदशा 25 जनवरी के बाद सुधरेगी।

देवताओं के आगमन का संदेश

मकर संक्रांति का अर्थ सूर्य का मकर राशि में प्रवेश से है। ज्योतिषाचार्य पं। राजेंद्र त्रिपाठी के अनुसार मकर मानव और देवताओं के मेल का प्रतीक बनता है। 'वैकल्पिक शास्त्र' के अनुसार मन, कर्म और रंध्र को जो शुद्ध करे, मकर कहलाता है। सूर्य राशि में मकर के प्रवेश से मानवों की बुद्धि, बल और शारीरिक शक्ति में बृद्धि होती है। दक्षिणायन में सूर्य के होने से देव निद्रा में रहते हैं। इसलिए किसी प्रकार के शुभ कार्य की शुरूआत नहीं होती। लेकिन मकर संक्रांति से सूर्य का उत्तरायण में आने से सभी ग्रहों और देवताओं का उदय होता है। देवताओं का बल अधिक होता है इसलिए शादी विवाह, गृह प्रवेश, देव कार्य, यज्ञोपवीत, नामकरण समेत अन्य कार्य विशेष फलदायी होते हैं।

वस्त्र व अन्न दान का महत्व

ज्योतिषाचार्यो के अनुसार मकर संक्रांति के शुभ दिन किया गया दान पुण्य कई गुना फलदायी होता है। इस दिन भगवान शंकर के सामने खड़े होकर हाथों में काले तिल, सफेद, चावल ओर गंगाजल को लेकर शिव स्त्रोत का पाठ करने से विशेष लाभ होता है। इस दिन गरीबों को गर्म कपड़े, लकड़ी, काले उड़द की दाल, नमक, मिर्च का दान जरूर करना चाहिए।

विशेष लाभ के लिए जातक करें-

- सुबह उठकर, स्नान कर, पूर्व दिशा की ओर मुख करके मेष, वृश्चिक, कर्क, कुंभ, सिंह, धनु, मीन राशि वाले जातक 'ओउ्म धरणी सुताय भौमाय नमम:' मंत्र का 11 बार जाप करें।

- मकर, वृष, तुला राशि के जातक सुबह स्नान के बाद भगवान शंकर को दूध व तिल मिलाकर चढ़ाएं और 'ओउ्म भैरवाय नमम:' मंत्र का क्08 बार जाप करें।

- कन्या, मिथुन राशि के जातक सुबह उठकर, स्नान करने के बाद मेथी खाकर घर से बाहर निकले और हनुमान चालीसा का पाठ और मंदिर जाकर रूद्र हनुमान के दर्शन करें।

- स्टूडेंट्स सुबह उठकर स्नान कर, पेरेंट्स का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद गायत्री मंत्र का क्08 बार जाप करें, विशेष फलदायी रहेगा।

यह अद्भुत संयोग है। स्वास्थ्य, धन और शिक्षा की इच्छा रखने वाले जातक को विधिवत पूजन करने से लाभ मिलने की संभावना है।

पं। डॉ। संजय सिंह, ज्योतिषाचार्य

यह संयोग बुद्धि और बल को बढ़ाता है। नकारात्मकता को हृदय से दूर करता है। संयोग पर दान करने के साथ ही गरीबों की यथासंभव मदद करना चाहिए।

पं। राजेंद्र तिवारी, ज्योतिषाचार्य

Posted By: Inextlive