...इसलिए भटकते हैं students
बीएससी फस्र्ट ईयर के फॉर्मबाइक पर पतली रस्सी से बंधे सभी फॉर्म आरयू से एफिलिएटेड कॉलेज के बीएसएसी फस्र्ट ईयर के थे। ये सभी फॉर्म सेशन 2012-13 के मेन एग्जाम्स के थे। करीब 400 स्टूडेंट्स के फॉर्म बाइक पर बिना किसी निगरानी के रखे हुए थे। इस बात की जब पड़ताल की गई तो कोई भी उसकी जिम्मेदारी लेने के लिए सामने नहीं आया। स्टैंड पर खड़े कर्मचारियों ने बताया कि आरयू का ही कोई कर्मचारी इन्हें यहां छोड़कर पोस्ट ऑफिस के अंदर चला गया है।लाया था आरयू का बाबू
पता चला कि आरयू का एक बाबू यूनिवर्सिटी में इन फॉम्र्स को जमा करने जा रहा था। रास्ते में पोस्ट ऑफिस था, इसलिए सोचा यहां का काम भी करता चले। इसलिए फॉर्म बाहर छोड़कर चला गया। दरअसल बाबू फॉम्र्स को स्क्रीनिंग के लिए अपने घर ले गया था। इन्हें आरयू में जमा कराने ले जा रहा था।
हो सकती थी अनहोनी
फॉम्र्स काफी देर तक लावारिस हालत में पार्किंग स्टैंड में पड़े हुए थे। ऐसे में इन फॉम्र्स के साथ कोई भी अनहोनी हो सकती थी। फॉम्र्स चोरी भी सकते थे। बारिश हो जाती तो भीग सकते थे। ऐसी स्थिति में प्रॉब्लम्स तो स्टूडेंट्स को ही फेस करनी पड़ती। उनका प्रवेश पत्र नहीं पहुंच पाता या फिर उनसे दोबारा फॉर्म भरवाया जाता, वो भी लेट फीस के साथ।लास्ट मूमेंट पर लाखों फॉम्र्स की स्क्रीनिंग के लिए कर्मचारियों को घर फॉर्म ले जाने की परमीशन दी जाती है। ताकि काम को समय पर पूरा किया जा सके। फॉम्र्स की पूरी जिम्मेदारी उस कर्मचारी की होती है। लापरवाही का खामियाजा कर्मचारी को ही भुगतना पड़ता है। स्टूडेंट्स पर प्रॉब्लम नहीं आने दी जाती।केएन पांडेय, रजिस्ट्रार, आरयूबाइक स्टैंड में खड़ी करके चेक जमा करने गया था। मैंने स्टैंड वाले को बता दिया था कि मेरी बाइक व फॉर्म पर ध्यान दे। मैं यह फॉर्म घर पर जांचने के लिए लाया था कि कितने फॉर्म वैलिड हैं और अनवैलिड। नरेश पाल, बड़ा बाबू, आरयू