सीपी और सीआर के नाम पर भी बड़ा खेल
-अनावश्यक रूप से रोक दिया जाता है रिजल्ट
-मार्कशीट के लिए स्टूडेंट्स लगा रहे चक्कर BAREILLY: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद में कुछ अनुभागों के कर्मचारी स्टूडेंट्स और पैरेंट्स से पैसे ऐंठने के लिए अलग-अलग तरीका अपना रहे हैं। इन दिनों सीपी और सीआर के तहत रिजल्ट रोकने और फिर पैसा लेकर रिजल्ट जारी करने का काम तेजी से चल रहा है। सोर्सेज के अनुसार कर्मचारी स्टूडेंट्स से रिजल्ट जारी करने के नाम पर पैसे की डिमांड कर रहे हैं। डिफरेंट कंडीशन के साथ रोकी जाती है रिजल्टबोर्ड एग्जाम में प्राइवेट स्टूडेंट्स के किसी डाक्यूमेंट्स में कमी की वजह से उनका रिजल्ट सीपी और रेगुलर स्टूडेंट्स का रिजल्ट सीआर के तहत रोक दिया जाता है। सीपी और सीआर के तहत फर्जी टीसी, चालान, स्टूडेंट्स-पैरेंट्स का नाम और जन्मतिथि में किसी प्रकार की गड़बड़ी को रखा गया है, लेकिन क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय के परीक्षा अनुभाग में कर्मचारी बिना किसी ठोस आधार के स्टूडेंट्स का रिजल्ट सीपी और सीआर के तहत रोक देते हैं।
म्,00 स्टूडेंट्स रिजल्ट रुकाइस बार बरेली मंडल के करीब म्,00 स्टूडेंट्स का सीपी और सीआर के तहत रिजल्ट रोक दिया गया है। विभागीय सोर्सेज के मुताबिक डाक्यूमेंट्स में किसी भी प्रकार की कमी या अधूरे इंफॉर्मेशन पर बोर्ड के कर्मचारियों ने स्कूल और स्टूडेंट्स को समय रहते अवगत नहीं कराया। अब स्टूडेंट्स को खुद का रिजल्ट जारी करवाने के लिए ऑफिस के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बता दें कि बीते दो दिन पूर्व क्षेत्रीय बोर्ड ऑफिस पहुंचे कुछ स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया था कि हाईस्कूल, इंटर परीक्षा और अंकपत्र अनुभाग के कर्मचारी डिफरेंट कामों के लिए पैसे की डिमांड कर रहे हैं।
सीपी और सीआर के तहत लंबित रिजल्ट के लिए रजिस्टर तैयार किया जाता है। रजिस्टर में रिजल्ट रोकने के कारणों का जिक्र होता है। अगर किसी कर्मचारी द्वारा स्टूडेंट्स के साथ जान-बूझकर धोखाधड़ी का मामला सामने आता है तो सख्त कार्रवाई होगी। : संजय उपाध्याय, रीजनल सेक्रेटरी यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद बरेली।