फीस न भरने पर छात्र को मौत की सजा
-प्रधानाचार्य पर बच्चे का सिर दीवार से मारने का आरोप
-गुस्साए परिजनों ने स्कूल में किया हंगामा और तोड़फोड़ - स्टॉफ ने भागकर बचाई जान, कार्रवाई को लगाया जाम -बगैर मान्यता के चल रहा था डीएसआर स्कूल बहेड़ी : फीस जमा न होने पर एक मासूम छात्र को मौत की सजा मिली। सजा देने वाला कोई और नहीं बल्कि स्कूल का प्रिंसिपल है, जिसने दो माह की फीस जमा नहीं होने पर ऐसा चांटा मारा की उसकी मौत हो गयी। बच्चे की मौत होने की सूचना जैसे ही परिजनों को हुई तो वह बौखला उठे। भागे-भागे परिजन स्कूल पहंचे, जहां जमकर तोडफोड़ किया। स्कूल स्टॉफ को भाग कर जान बचानी पड़ी।पीलीभीत के थाना जहानाबाद के आमखेड़ा निवासी पूर्व प्रधान इकबाल अहमद देवरनियां ने राठ गांव स्थित डीएसआर पब्लिक स्कूल में पोता मुहम्मद आराज (5) का एडमिशन कराया था। किन्ही वजहों से वह स्कूल की फीस जमा नहीं कर पाये थे। मंडे को आराज स्कूल तो गया, लेकिन वापस घर नहीं लौट पाया, क्योंकि स्कूल के प्रिंसिपल ने मासूम स्टूडेंट मुहम्मद आराज (5) को ऐसा चांटा मारा की उसकी जान चली गयी। बताते हैं कि प्रिंसिपल ने मासूम को बेरहमी से पीटा और फिर उसका सिर दीवार में मार दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया।
परिजनों ने मार्ग किया जाम प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आराज के घरवालों ने रिछा-जहानाबाद मार्ग जाम कर दिया। सीओ अमर सिंह ने समझाकर जाम खुलवाया। करीब दो घंटे तक मार्ग जाम होने के कारण वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए परिजनों ने थाने में भी हंगामा किया। आराज के पिता का आरोप है कि दो माह की फीस जमा नहीं करने पर प्रधानाचार्य ने उनके बेटे के साथ मारपीट की। इस दौरान उन्होंने इतने जोर से थप्पड़ मारा कि उसका सिर दीवार में लग गया, जिससे वह बेहोश हो गया, लेकिन स्कूल प्रशासन ने इसकी सूचना उन्हें नहीं दी। किसी अन्य से उन्हें घटना की जानकारी मिली, तो वह स्कूल पहुंचे। अस्पताल ले जाते हुई मौतबच्चे को कस्बा बहेड़ी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया था। बताते हैं कि कस्बे से चिकित्सकों ने बच्चे को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। हालांकि तब तक बच्चे के परिजन भी वहां आ चुके थे, वे उसे लेकर भोजीपुरा स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए चल दिए, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उसकी सांस थम गई। मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। जब इसकी सूचना गांव पहुंची तो परिवार के लोग एवं ग्रामीण भड़क उठे। पर सवार होकर लोग स्कूल पहुंचे, जहां उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी।
प्रधानाचार्य का वर्जन बच्चा मध्यांतर में स्कूल के मैदान में खेल रहा था। झूला झूलते समय वह गिर गया और उसके सिर में गंभीर चोट लग गई, जिससे वह बेहोश हो गया, इसके बाद उन्होंने बच्चे के पिता को फोन कर सूचना दी और इलाज के लिए स्कूल की वैन से बहेड़ी के निजी अस्पताल में ले आए, तब तक बच्चे के घर वाले भी आ गए। परिजनों के आरोप बेबुनियाद हैं। हरीश, प्रधानाचार्य डीएसआर पब्लिक स्कूल उसके इस स्कूल में तीन बच्चे अराज़ के अलावा मुहम्मद आजम व जीनत पढ़ते हैं। उसके तीनों बच्चों की दो माह की फीस बकाया चल रही थी। फीस के लिए स्कूल के प्रधानाचार्य बच्चों को परेशान कर रहे थे। इसके चलते प्रधानाचार्य ने उसके बच्चे की पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। आराज के पिता नसीम अहमद खण्ड शिक्षा अधिकारी का वर्जनदमखोदा ब्लॉक में चल रहे डीएसआर पब्लिक स्कूल की मान्यता नहीं है। न ही कोई मान्यता के लिए आवेदन किया गया।
देवेश राय, खण्ड शिक्षा अधिकारी ब्लॉक दमखोदा सीओ का वर्जन घटना की जांच कराई जाएगी। अभिभावक की तहरीर आने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अमर सिंह, सीओ बहेड़ी यह मामला अभी उनके संज्ञान में आया है। बच्चों के साथ मारपीट गलत है। यहां तो बच्चे की मौत हुई है, स्कूल और संबंधित शिक्षाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बिना मान्यता के स्कूल चलने पर एबीएसए को नजर रखनी चाहिए। शशि देवी शर्मा, एडी बेसिक