एसटीएफ ने अयूब खां से किया गिरफ्तार

एमपी के कई जिलों में वारदातों को दिया अंजाम

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BAREILLY:

यहां ककोड़ा अच्छा नहीं हैं। यहां पर मकोड़ा भी है। इस तरह के कोड वर्ड यूज करके लूट करने वाले गिरोह का सरगना बरेली पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। एसटीएफ ने अयूब खां चौराहे से गिरफ्तार किया है। इस गैंग का लूट करने का तरीका अनोखा है। पुलिस के हाथ आया गैंग का लीडर बदायूं के ककराला अलापुर निवासी असरार उर्फ टिन्ना ने कई राज उगले। गैंग लीडर गैस कटर से बैंक और एटीएम काटने का मास्टर है। वह एमपी में अपने साथियों के साथ कई बैंक और एटीएम से करोड़ों की रकम लूट चुका है।

कई जिलों में लूट की प्लानिंग

एसटीएफ को सूचना मिली कि गैंग लीडर और साजिद बरेली से लखनऊ के बीच जिलों में लूट की प्लानिंग की है। सूचना थी कि असरार हल्द्वानी जाने वाला है और वह अयूब खां से होते हुए सिटी स्टेशन जाएगा। एसटीएफ प्रभारी एसआई अजय कुमार टीम के साथ अयूब खां पहुंचे। टीम को देखकर असरार ने फायरिंग कर दी। हालांकि टीम ने उसे घेरकर पकड़ लिया। उसके पास से फ्क्भ् बोर का तमंचा, ब् जिंदा कारतूस, शेर मोहम्मद नाम के शख्स की वोटर आईडी, एटीएम कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मोबाइल फोन और ख्700 रुपए बरामद हुए हैं।

गैंग में महिलाएं भी शामिल

पूछताछ में बताया गैंग में लईक अली, साकिर, फिरासत, फूलमियां, जहीर, साकिर लंगड़ा, इसरार, इन्नान और चांद बाबू शामिल हैं। सभी बदायूं से ट्रेन या कार से एमपी जाते थे। वहां पर पंडित जी के यहां ठहरते थे। कुछ मेंबर एमपी में छोटी गाड़ी किराए पर लेते हैं। गैंग में शामिल महिलाएं रेकी करती हैं। उसके बाद अन्य सदस्य बड़ी गाड़ी बदायूं से ले जाकर वारदात को अंजाम देते हैं।

पेशी पर नहीं जा रहा था

एमपी पुलिस असरार के साथी फूलमियां, लईक और पंडित को गिरफ्तार कर चुकी है। एमपी की वनखेड़ी पुलिस ने असरार को भी वर्ष ख्0क्फ् में पकड़ा था लेकिन वह जमानत पर आ गया था। उसके बाद से पेशी पर नहीं जा रहा था। जमानत पर आने के बाद भी वह लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा था। उसकी तलाश में वनखेड़ी थाना प्रभारी संतोष सिंह चौहान भी बदायूं आए थे।

ककोड़ा अच्छा नहीं है

बैंक में सेंध लगाने और पुलिस से बचने के लिए गैंग कोड वर्ड का यूज करता है। ऐसे कोड वर्ड जिसे कोई भी आसानी से न समझ सके। रेकी के दौरान भीड़-भाड़ में गैंग के सदस्य बैंक को ककोड़ा कहते हैं। यदि बैंक में सिक्योरिटी टाइट होती तो कहते कि ककोड़ा अच्छा नहीं है। पुलिस होने पर उन्हें मकोड़ा बोलते हैं। इसके अलावा सोना को पिलुआ और चांदी को धौलिया गैंग का काेड है।

इन बैंकों को बनाया शिकार

एमपी के होसंगाबाद डिस्ट्रिक्ट के वनखेड़ी एसएचओ संतोष कुमार सिंह ने बताया कि असरार ने अपने साथियों के साथ क्8 सितंबर ख्0क्ब् को एमपी के कुंदम में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, फ्0 सितंबर ख्0क्ब् को बिचौली बैतूर के फीरापाटिल में एसबीआई, जबलपुर के कुरलिया में ब् अक्टूबर ख्0क्ब् को कॉपरेटिव बैंक ऑफ इंडिया, क्म् दिसंबर ख्0क्ब् को अमरावती में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, क्0 जनवरी को धारनाकला में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, और ख्क् जनवरी ख्0क्भ् को वनखेड़ी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में वारदात को अंजाम दिया था। ख्क् जनवरी को बैंक ऑफ इंडिया से भ्म् लाख रुपए नकद और 9 लाख रुपए का सोना चोरी किया था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसके हिस्से में फ् लाख रुपए आए थे। उसने अपने भाई शेखान को कार खरीद कर दी है। असरार पर ग्यारह मुकदमें दर्ज हैं। उसने दसवीं तक पढ़ाई की है। वह अपराध की दुनिया में वर्ष ख्009 में आया। उसके बाद बदायूं में आ‌र्म्स एक्ट, और मर्डर का मुकदमा भी दर्ज किया गया।

Posted By: Inextlive