उड़ान भरने लगी 'धार', सड़क हो रही 'लाल'
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-400-800 रुपये तक होती है होलसेल में चाइनीज मांझे के एक कोन की कीमत - 2017 में तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट ने चाइनीज मांझे के खिलाफ चलाया था अभियान -14 घटनाएं दर्ज हुई थानों में चाइनीज मांझा के खिलाफ - शहर के पुलों व ओवरब्रिज पर लगातार बाइक सवार हो रहे घायल - सैंकड़ों घटनाओं में कुछ ही मामले हुए दर्ज, लेकिन कार्रवाई एक भी नहींबरेली: शहर में एक बार फिर से धड़ल्ले से 'धार' यानि चाइनीज मांझा उड़ान भरने लगा है जिससे शहर की सड़कें लाल हो रही हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार आंखें मूंदें हुए हैं। चाइनीज मांझे के खिलाफ शासन-प्रशासन द्वारा कई अभियान चलाए जाने के बावजूद ये आसमान में फर्राटा भर रहा है। आए दिन शहर के पुलों व ओवरब्रिजों पर लगातार बाइक सवार इसकी चपेट में आकर घायल हो रहे हैं। बीते साल गुजरे लॉकडाउन में चाइनीजे मांझे का बिक्री और इस्तेमाल कुछ कम हुआ लेकिन अब लॉकडाउन की स्थिति सामान्य होने के बाद अब दोबारा इसकी बिक्री सांतवें आसमान तक पहुंच गई है। आम जनता ही नहीं कई सरकारी कर्मचारी भी चाइनीज मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद शासन-प्रशासन इसकी गंभीरता से नजरें फेरे हुए है।
एक कोन में दो हजार मीटर
चाइनीज मांझा बाजार में कोन के हिसाब से मिलता है। जिसमें एक कोन पर करीब दो हजार मीटर मांझा चढ़ा हुआ होता है। वहीं बाजार पहुंचकर यह घाई व मीटर के हिसाब से खुले में बेचा जाता है। होलसेल में चाइनीज मांझे के एक कोन की कीमत चार सौ से आठ सौ रुपये तक होती है। वहीं रिटेल बाजार पहुंचते ही इसकी कीमत हजारों में पहुंच जाती है। क्वालिटी और बनाने को इस्तेमाल किए गए मेटेरियल के मुताबिक कीमत लगाई जाती है। दिल्ली में रिटेल, किला में होल सेल चाइनीज मांझा शहर में दिल्ली, आगरा, कासगंज व अन्य जिलों से लाया जाता है। जबकि इसका सबसे बड़ा मार्केट दिल्ली में हैं। वहीं शहर में इसका बड़ा रिटेल मार्केट किला क्षेत्र है। यहां बाकरगंज, सुनहरी मस्जिद के पास, बास मंडी, सराय खाम व अन्य जगहों पर मांझा के कारोबार धड़ल्ले से होता है। इसके साथ ही बाजार में मांझा आरडीएक्स, एके 47, आसमानी धमाका व अन्य कोडवर्ड से भी मिलता है। ऐसे बनता है मांझामांझे की धार तेज करने के लिए कारोबारी गंधक, पोटाश, शीशा और बारूद तक का इस्तेमाल करते हैं। साल 2017 में तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने चाइनीज मांझे के खिलाफ इन क्षेत्रों में अभियान चलाकर कई छापामार कार्रवाई की थी, लेकिन फिर उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब भी चाइनीज मांझे की सप्लाई धड़ल्ले से हो रही है, लेकिन अब साठगांठ के चलते चोरी-छिपे मांझा शहर में लाया जाता है।
सैकड़ों घटनाएं हुई शहर में श्यामगंज पुल, चौपुला ओवरब्रिज, हार्टमन ओवरब्रिज, मढ़ीनाथ ओवरब्रिज व अन्य चौड़ी सड़कों पर लगभग हर चौथे दिन चाइनीज मांझे से एक व्यक्ति घायल होता है। लेकिन इसके बावजूद करीब 14 घटनाओं की ही संबंधित थानों में रिपोर्टें दर्ज हुई हैं। हाल ही में छह मार्च को श्यामगंज पुल पर रोहली टोला के रहने वाले एक व्यापारी नेता सुमित वर्मा के चाइनीज मांझे से गंभीर रूप से घायल होने के बाद बारादरी थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज की थी। इससे पहले तीन मार्च को विकास भवन के अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय में तैनात मढ़ीनाथ के रहने वाले अतुल कुमार चौपुला ओवरब्रिज पर घायल हुए थे। लेकिन इनकी शिकायत सुभाषनगर पुलिस ने दर्ज नहीं की थी। जांच में सामने नहीं आते पतंगचीपुलिस के मुताबिक चाईनीज मांझे से घायल होने वाले लोगों की शिकायत पर छानबीन के दौरान काफी समस्याएं आते हैं। अधिकतर पुल व ओवरब्रिज के दोनों तरफ घनी बस्तियां हैं। घायल होने के बाद पीडि़त और उसके आसपास के लोग पहले जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने की कोशिश करते हैं। लेनिक पतंग उड़ने की दिशा और उड़ाने वाले पर कोई ध्यान नहीं देता। हादसे के बाद लोग भी पतंग छोड़कर भाग निकलते हैं। इसके चलते घनी आबादी में पतंग उड़ाने वालों को ढूंढना लगभग नामुमकिन होता है। ़
पशु-पक्षी भी हो रहे घायल चाइनीज मांझे की चपेट में आकर सिर्फ बाइक सवार लोग ही नहीं, बल्कि पशु और पक्षी भी घायल होते हैं। हाल ही में एक जनवरी को कोतवाली क्षेत्र में अनाथालय रोड पर शिक्षा विभाग के ऑफिस में लगे लिप्टिस के पेड़ में एक चील चाइनीज मांझे में फंस गई थी। सूचना पर पहुंचे दमकल व निगम कर्मियों ने करीब तीन घंटों की मशक्कत के बाद चील को आजाद कराया था। वहीं पिछले साल 14 जुलाई को इज्जतनगर थाने के बाद लगे एक पेड़ में एक कबूतर मांझे में फंस गया था। जिसे पुलिसकर्मियों ने क्रेन बुलाकर निकलवाया था। उनके इस प्रयास के लिए तत्कालीन एसएसपी ने उन्हें पांच हजार रुपये का ईनाम भी दिया था।चाइनीज मांझे से होने वाली घटनाओं के लिए पुलिस पुलों के आसपास के इलाकों में सख्ती करती है। तहरीर मिलने पर शिकायत भी दर्ज की जाती है। संबधित अधिकारियों से बातचीत करके मांझे के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
-रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी