स्टाफ ने संभाली नन्हीं मासूम की जिम्मेदारी
नवजात के लिए कपड़े, दूध, डाइपर का इंतजाम अपने पैसों से कर रहे
डॉक्टर्स और हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कोई मदद नहीं BAREILLY: रेलवे ट्रैक से गैरों की गोद में पहुंच अपनापन पाने वाली मासूम की देखभाल का नर्सिग स्टाफ ने पूरा जिम्मा संभाल लिया है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में एडमिट मासूम की सेहत सुधरने के बाद अब उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी नर्सिग स्टाफ के कंधों पर आ गई है। वार्ड की स्टाफ नर्स की ओर से मासूम के कपड़े, डाइपर्स और दूध का इंतजाम खुद किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर वार्ड के डॉक्टर्स सिवाय बच्ची के इलाज के उसकी देखभाल और जरूरी सामान की फिक्र से कोसों दूर हैं। जबकि जिला प्रशासन की ओर से अभी तक मासूम की देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हॉस्पिटल से नहीं मिली मददमासूम की सेहत सुधरने के बाद उसकी देखभाल और फीडिंग के लिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कोई मदद नहीं दी गई है। वार्ड की स्टाफ नर्स रेनु ही बच्ची के लिए बिस्तर, दूध, दूध की बोतल और डाइपर्स की व्यवस्था कर रही हैं। इसके अलावा बाकी का स्टाफ भी मासूम की साफ सफाई, कपड़े और हर समय नजर रखने की कवायद में जुटा है। वेडनसडे को भी स्टाफ को हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से बच्ची की देखभाल के लिए जरूरी चीजें नहीं मुहैया कराई गईं। इसके बाद स्टाफ ने सीएमएस से इस बारे में मदद करने की अपील की।
मासूम की सुरक्ष्ा की मांग मासूम बच्ची को अपनाने के लिए दिनों दिन लोग वार्ड में जुटते जा रहे हैं। ऐसे में नवजात की सुरक्षा के लिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने सिटी मजिस्ट्रेट को लेटर भेजा है। लेटर में नवजात की सुरक्षा के लिए दो महिला कांस्टेबल मुहैया कराने की मांग की गई है। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट को पहले भी नवजात की देखभाल के लिए अपनी कस्टडी में लेने का लेटर भेजा जा चुका है। लेकिन प्रशासन की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं आया।