संपूर्ण सुरक्षा केंद्र में 06 माह में 22 लोगों को किया गया चिह्नित स्टेट एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन द्वारा 26 जिलों में हो रहा एसएसके का ट्रायल

बरेली(ब्यूरो)। एड्स बीमारी से बचाव ही एक बेस्ट ऑप्शन रह जाता है। इसको लेकर सरकार की ओर से तमाम प्रयास भी किए जा रहे हैैं। एड्स की रोकथाम के लिए प्रदेश के 26 जिलों के आइसीटीसी केंद्र में ही एसएसके ट्रायल के तौर पर खोला गया है। जिसमें महाराणा प्रताप संयुक्त मंडलीय चिकित्सालय भी शामिल है, इन जिलों में सफल होने पर इसको सभी जिलों में शुरू किया जा सकता है।

पार्टनर पर रहता है फोकस
प्रदेश के 26 जिलों में आइसीटीसी यानी इंटीग्रेटेड काउंसलिंग टेस्टिंग केंद्र में संपूर्ण सुरक्षा केंद्र ट्रायल के तौर पर खोला गया है। जिला अस्पताल में विगत वर्ष अक्टूबर में खोले गए संपूर्ण सुरक्षा केंद्र में संक्रमित मरीजों के पार्टनर को एचआईवी के प्रति अवेयर किया जा रहा है। साथ ही बताया जाता है कि कैसे वह सुरक्षित उपाय अपनाकर एड्स से बचाव कर सकते हैैं। अगर पति एचआइवी पाजिटिव है और पत्नी को कुछ नहीं हुआ है। ऐसे में उनकी काउंसलिंग की जाती है। साथ ही एचआईवी की समस्या होती है तो केंद्र में भर्ती कराने से पहले लीपिड प्रोफाइल, हेपेटाइटिस-बी और सी, चेस्ट एक्सरे टेस्ट कराने के बाद भर्ती किया जाता है।

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर जोर
सरकार अब जांच का दायरा बढ़ाते हुए कांटेक्ट ट्रेसिंग पर अधिक जोर दे रही है, ताकि एचआईवी फैलने से पहले ही इसके रोकथाम के प्रयास किए जा सकें। एसएसके मैनेजर छाया पांडे ने बताया कि आईसीटीसी को एसएसके में समाहित कर दिया है। केंद्र खुलने से एड्स के प्रसार में काफी हद तक रोकथाम लगाई जा सकती है। इसके लिए एसएसके के स्टाफ को ट्रेनिंग भी मिल चुकी है।

22 लोगों को किया चिन्हित
एसएसके मैनेजर छाया पांडे ने बताया कि कई पॉजिटिव ऐसे भी आते हैैं जिनका पार्टनर एड्स से संक्रमित हो चुका है, ऐसे में यह चैलेंज होता है कि उन्हें एचआईवी न हो पाए। इसके लिए लगातार टीम प्रयास करती है। जिला अस्पताल स्थित एसएसके में स्टार्टिंग से अब तक 22 लोगों को चिन्हित किया गया है। नॉन रिएक्टिव एट रिस्क पेशेंट्स या जिसे लग रहा है कि वह संक्रमित हो सकता है। उसे जांच के बाद संपूर्ण सुरक्षा केंद्र में भेज दिया जाता है, जहां उसे अवेयर किया जाता है। साथ ही प्रयास किया जाता है कि व्यक्ति संक्रमित न हो।

इन जिलों में खोला गया सेंटर
सरकारी की ओर से संपूर्ण सुरक्षा केंद्र के लिए फिलहाल झांसी, कानपुर, लखनऊ। मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, रायबरेली, सुल्तानपुर, वाराणसी, आगरा, अलीगढ़, अंबेडकरनगर, अयोध्या, अजमगढ़, बारबंकी, बरेली, बस्ती, बिजनौर, देवरिया, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, हाथरस सिविल हॉस्पिटल आदि को शामिल किया गया है।

संपूर्ण सुरक्षा केंद्र में संभावित मरीज व जिनको संक्रमण का खतरा होता है, उसकी काउंसलिंग की जाती है। साथ ही अवेयर भी किया जाता है।
डॉ। त्रिभुवन प्रसाद, नोडल अधिकारी, एसएसके

एसएसके अक्टूबर में जिला अस्पताल में स्थापित किया गया था। अब तक 22 लोगों को चिह्नित कर, उनकी काउंसलिंग की जा चुकी है। केंद्र में नॉन रिएक्टिव एट रिस्क पेशेंट्स पर फोकस किया जाता है।
छाया पांडे, मैनेजर, एसएसके जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive