सहालग के सीजन में जयमाला और सेहरा में गूंथे जाने वाले फूलों में चुनावी बयार से मानो बहार आ गई है. इस बहार से नेताओं की तरह ही फूलों के भी भाव चढ़ गए हैं.

बरेली (ब्यूरो)। सहालग के सीजन में जयमाला और सेहरा में गूंथे जाने वाले फूलों में चुनावी बयार से मानो बहार आ गई है। इस बहार से नेताओं की तरह ही फूलों के भी भाव चढ़ गए हैं। फूलों के भाव चढऩे का एक बड़ा कारण निकाय चुनाव में गली-गली से उठ खड़े हुए नेता हैं। इन नेताओं को चमकने के लिए हर दिन फूलों के हार चाहिए। इससे ही मार्केट में फूलों की डिमांड हर दिन बढ़ रही है और फूलों के भाव दो गुने तक पहुंच गए हैं। चुनावी बयार से फूलों में यह बहार सहालग वालों को बहुत साल रही है।

40 से 50 क्विंटल गैंदा की खफत
निकाय चुनाव में छोटे नेताओं की भरमार है। सभी को चमकने के गले में फूलों का हार चाहिए। यह हार वह खुद भी पहन रहे हैं और समर्थकों से भी पहनवा रहे हैं। इसके लिए मार्केट से गैंदा के फूलों की मालाएं खूब खरीदी जा रही हैं। इसके चलते ही गैंदा की खफत लगातार बढ़ रही है और बीते कुछ दिनों से यह खफत तो 40 से 50 क्विंटल प्रति दिन तक पहुंचने की बात फूल कारोबारी स्वीकार रहे हैं।

गुलाब की खपत 8 से 10 क्ंिवटल
निकाय चुनाव में नेताओं को गैंदा तो भा ही रहा है, गुलाब की महक भी उन्हें खूब भा रही है। सहालग में यूं तो गुलाब की खफत सेहरा और जयमाला में सबसे अधिक रहती है, पर इन दिनों नेताओं को महकाने के लिए भी गुलाब खरीदा जा रहा है। इससे गुलाब की डिमांड में भी खासा इजाफा हुआ है। फूलों के होलसेल कारोबारी मानते हैं कि इन दिनों मार्केट में हर दिन 8 से 10 क्विंटल तक गुलाब की खफत हो रही है।

फूलों के रेट भी हो गए दो गुने
हिन्दू व मुसलिम सहालग के साथ ही निकाय चुनाव के चलते फूलों की डिमांड दो गुना होने से रेट भी दो गुना पहुंच गए हैं। फूल कारोबारी बताते हैं कि गैंदा बीते कुछ दिनों पहले 20 से 30 रुपया तक बिक रहा था, जो अब 50 से 60 रुपया प्रति किलो तक आसानी से बिक रहा है। गुलाब भी 80 से 100 रुपया किलो तक बिक रहा है। चुनाव का समय ज्यों-ज्यों करीब आएगा त्यों-त्यों फूलों के रेट और भी चढ़ते जाएंगे।

सहालग वालों की जेब ढीली
फूलों की डिमांड सबसे अधिक सहालग में ही रहती है। बारात घरों में सजावट से लेकर दूल्ला-दूल्हन की जयमाला तक में फूलों की खूब खफत होती है। बारात में दूल्हे की कार और दूल्हन को विदा कराकर ले जाने वाली कार को सजाने में भी फूलों की खफत होती है। इस बार सहालग के समय ही निकाय चुनाव होने से फूलों के रेट दो गुना हो गए हैं। इससे सहालग वालों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ रही है।

फूल उत्पादकों को भी होगा फायदा
सहालग के साथ ही निकाय चुनाव के चलते फूलों की डिमांड बढऩे और इससे रेट बढऩे का फायदा फूल उत्पादकों को भी होगा। मंडी में हर रोज आने वाला गैंदा जिले के ही अलग-अलग जगहों से आता है। इसके अलावा बदायूं से भी यहां गैंदा मंगाया जाता है। गुलाब भी देवचरा और फरीदपुर से मंडी पहुंचता है। डिमांड अधिक होने से इन फूल कारोबारियों को भी जरूर फायदा होगा।

फूल कारोबारियों की जुबानी
गैंदा और गुलाब की डिमांड कुछ दिनों से तेजी से बढ़ रही है। इससे मार्केट में 40 से 50 क्ंिवटल गैंदा और 8 से 10 क्विंटल गुलाब प्रति दिन तक बिक रहा है। डिमांड बढऩे से रेट भी बढ़ रहे हैं।
नंद किशोर, होलसेल कारोबारी

फूलों की बिक्री कुछ दिन पहले तक तो कम थी, पर अब दो-तीन दिनों से ज्यादा हो रही है। चुनाव वाले भी गैंदा खरीद रहे हैं। इससे फूलों के रेट भी बढ़ रहे हैं।
सोहित माली

अभी हिन्दूु व मुस्लिम सहालग एक साथ होने से गैंदा व गुलाब की डिमांड अच्छी है। इससे पहले तो फूलों की बिक्री बहुत कम थी। चुनाव वाले भी अब गैंदा की मालाएं खरीद ले जा रहे हैं।
कमल बाबू सैनी

इस बार सहालग के साथ ही चुनाव होने से फूल का कारोबार अच्छा होगा। इसकी हम उम्मीद लगाए हुए हैं। मार्केट में इसका असर दिखाई भी दे रहा है। अभी तो चुनावी सभाएं ओर मतगणना बाकी है।
पियूष कुमार सैनी

Posted By: Inextlive