-भाजपा पार्षद विपुल अग्रवाल ने पार्टी फैसले के खिलाफ लड़ा चुनाव

-दो अन्य पार्षदों ने पार्टी से किया किनारा, तीनों पार्षद भाजपा से बाहर होंगे

BAREILLY: कार्यकारिणी चुनाव के लिए भाजपा की अंतर्कलह और अव्यवस्थित तैयारियां ही इसकी शर्मनाक हार की बड़ी वजह बन गई। चुनाव के लिए पार्टी के आलाकमान नेताओं की ओर से चुने गए उम्मीदवारों के खिलाफ भाजपा पार्षदों में जो असंतुष्टि थी वह नतीजों में सामने आ गई। पार्टी के फैसले से नाराज चर्चित भाजपा पार्षद विपुल अग्रवाल ने कार्यकारिणी का चुनाव लड़कर न सिर्फ बगावती तेवर दिखा दिए, बल्कि पार्टी के खिलाफ विरोध का बिगुल भी फूंक दिया। बगावत के यह तेवर यहीं न थमे। भाजपा के दो और पार्षदों ने चुनाव में पार्टी के खिलाफ न सिर्फ वोट दिया, बल्कि पार्टी से खुद को अलग भी कर लिया।

'बागी' भाजपाई को सपाई सपोर्ट

बागी भाजपाई पार्षद विपुल अग्रवाल ने पार्टी के खिलाफ अपने दो नामांकन भर सबके होश उड़ा दिए। इस बागी पार्षद ने अपना जो दूसरा नामांकन भरा उसका प्रस्तावक और अनुमोदक दोनों ही सपा पार्षद थे। बागी पार्षद के इस तेवर से चुनाव में भाजपा पार्षदों के बीच अंदरूनी कलह और बगावत खुलकर सामने आ गई। पहली काउंटिंग में विपुल अग्रवाल को कुल फ् ही वोट मिले। जिसके बाद सपा पार्षदों ने विपुल अग्रवाल के सपोर्ट में जमकर नारेबाजी की और जीत के लिए इंतजार करने के नारे लगाए। चुनाव हारने के बाद विपुल अग्रवाल ने साफ किया कि वह बागी भाजपाई है और उनका मकसद पूरा हुआ।

भाजपा के क्रॉस वोट सपा को

चुनाव से ठीक दो घंटे पहले उम्मीदवारों के नाम का खुलासा करना और उस पर भी पार्टी के पार्षदों को एकमत न करा पाने का खामियाजा भाजपा ने भुगता। भाजपा के ख्ब् पार्षद और तीन जनप्रतिनिधी सांसद और दो विधायक समेत कुल ख्7 वोट कार्यकारिणी चुनाव में थे। फ‌र्स्ट च्वाइस वोटिंग में ही क्ख् वोट हर उम्मीदवार की जीत के हिसाब से ही पार्टी अपने दोनों उम्मीदवार आसानी से जीता ले जाती, लेकिन पहली काउंटिंग में ही रीता डुसेजा को 9 और रूपेन्द्र पटेल को म् वोट मिले। इस तरह पार्टी के कुल ख्7 वोटों में से उम्मीदवारों को सिर्फ क्भ् वोट ही मिले, जबकि क्ख् क्रॉस वोटिंग में गए। अगर माना जाए इनमें से बागी विपुल अग्रवाल को फ् वोट मिले तो बचे 9 वोट सपा पार्षदों की झोली में गिरे। जिसने सपाइयों को एकतरफा और आसान जीत दिलाई।

उम्मीदवार ही भूले वोट डालने का तरीका

कार्यकारिणी चुनाव में सपा के खिलाफ इकलौती पार्टी के तौर पर खड़ी भाजपा की तैयारियों की पोल उसके उम्मीदवारों की समझ से ही साफ हो जाती है। भाजपा के उम्मीदवार रूपेन्द्र पटेल की समझ सिंगल ट्रांसफेरेबल बैलेट वोटिंग के सामने बौनी हो गई। इस भाजपा उम्मीदवार ने बैलेट पर उम्मीदवारों के आगे फ‌र्स्ट व सेकेंड च्वाइस का नम्बर डालने के बजाए नाम लिखकर अपना ही वोट खराब कर डाला। काउंटिंग में वोट गलत पाए जाने और खारिज किए जाने पर इस भाजपा उम्मीदवार ने अपना सिर पकड़ लिया। वहीं सपाई पार्षद और उम्मीदवार इस मौके पर चुटकी लेने से नहीं चूके।

Posted By: Inextlive