कहीं फीकी ना पड़ जाए खरे सोने की चमक
- ज्यादातर ज्वेलर्स देवी देवताओं के क्वॉइन में करते हैं खेल
- एक्सपर्ट के अनुसार कैरेटमीटर से नापकर ही खरीदें ज्वेलरी BAREILLY: 'हर चमकती चीज सोना नहीं होती' जी हां, यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी। लेकिन इसकी परख शायद ही आपने कभी की होगी। कल धनतेरस है, ऐसे में बरेलियंस इस फेस्टिवल को मनाने के लिए फुल मूड में हैं। वहीं दूसरी ओर ज्वेलर्स ने भी पूरी तैयारी कर रखी है। लेकिन बरेलियंस चमकते गहनों के फेर में पड़कर मेहनत की कमाई को गंवा ना बैठें, ऐसे में आई नेक्स्ट आपको बता रहा है सोने की परख का तरीका और जालसाजों से बचने के उपाय। ताकि आप मेहनत की कमाई से खरा सोना ही खरीदें। क्वॉइन खरीदते समय रहें सतर्कधनतेरस के मौके पर ज्यादातर बरेलियंस गोल्ड और सिल्वर के क्वॉइन ज्यादा परजेच करते हैं। शॉपकीपर्स के अनुसार क्वॉइन की शुद्धता की परख उसके पुराने होने से होती है। 'महंगा रोए एक बार सस्ता रोए बार बार' मुहावरा इन सिक्कों की खनक पर सटीक बैठता है, क्योंकि कम कीमत के फेर में पड़कर लोग अक्सर ठगे जाते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक मार्केट में सिक्कों की शुद्धता की पहचान बहुत जरूरी है। कही ऐसा न हो कि आप जिस सुख-समृद्धि के लिए शुद्ध गोल्ड लेने की सोच रहे हैं वह राख हो। इसलिए धर्म और आस्था का फायदा उठाते हुए कहीं ज्वेलर्स आपको शुद्ध गोल्ड की जगह सिल्वर व कॉपर मिक्स क्वॉइन न पकड़ा दें। आमतौर पर लोग सुनहरे डिब्बों में बंद क्वॉइन को चेक नहीं करते। जबकि गहनों को खरीदते समय ज्यादा क्वेरी करनी चाहिए।
नहीं होता शुद्धता मापने का पैमाना सिटी में कई ऐसे ज्वेलर्स हैं, जिनके पास क्वॉइन की शुद्धता मापने की मशीन नहीं है। जिस वजह से कस्टमर गोल्ड क्वॉइन या ज्वेलरी खरीदते समय प्योरिटी के बारे में नहीं जान पाते। तनिष्क शोरूम मैनेजर विवेक अरोड़ा ने बताया कि ज्वेलरी की जांच करने का सबसे अच्छा ऑप्शन कैरेट मीटर होता है। जिसके जरिए इनकी जांच एक मिनट में हो सकता है। जबकि दूसरा ऑप्शन टंच है। जिसे लोकल मार्केट में रिफायनरी करानी पड़ती है, लेकिन इसमें क्वॉइन या ज्वेलरी को काटना पड़ सकता है। जिस वजह से गोल्ड काफी हद तक वेस्ट हो जाता है। आस्था के नाम पर लूटते हैं ज्वेलर्सफेस्टिव सीजन में देवी देवता से रिलेटेड गोल्ड खरीदने के बाद अधिकतर लोग क्वॉइन को भगवान को चढ़ाते है। ज्वेलरी शॉप ओनर अनिल पाटिल ने बताया कि धर्म के प्रति लोगों में इतनी अधिक आस्था होती है कि जरूरत पड़ने पर भी लोग क्वॉइन को बेचना उचित नहीं समझते हैं। जिसका फायदा उठाते हुए ज्वेलर्स फेस्टिव सीजन में प्योर गोल्ड न देकर कॉपर व सिल्वर मिक्स गोल्ड भी मार्केट में बेच देते है। सोने का रंग चढ़ा होने की वजह से नार्मली पहचान कर पाना संभव नहीं हो पाता है। एक्सपर्ट ज्वेलर्स ही इसकी पहचान कर सकता है।
हॉलमार्क का रखें ख्याल एक्सपर्ट्स के मुताबिक चमक पर फिदा होने के बजाय बरेलियंस को चाहिए कि वह क्वॉलिटी पर ध्यान दें.साथ ही पक्की रसीद लें। ब्राडेड ज्वेलरी ही परचेज करें। ऐसे में कस्टमर्स ध्यान दें कि ख्ख् कैरेट की शुद्धता 9क्.म्म् परसेंट होती है, जबकि ख्ब् कैरेट की शुद्धता 99.9भ् से 99.99 परसेंट तक होती है। इसकी जांच कैरेट मीटर पर चेक जरूर करवाएं। ताकि ख्ब् के फेर में आप ख्ख् कैरेट गोल्ड की परचेजिंग ना कर लें। इसके अलावा भारत सरकार की ओर से ज्वेलरी की क्वॉलिटी का मानक हॉलर्माक है, जो शुद्धता की गारंटी देता है। साथ ही रिटर्न करने पर ज्वेलर्स परसेंटेज भी कम ही काट पाते हैं। इस बात का ध्यान दें - ब्रांडेड शॉप से गोल्ड क्वाइन या बार (बिस्किट)खरीदें। - क्वॉइन खरीदते वक्त पक्का बिल जरूर लें।- क्वॉइन की वापसी के बारे में शॉपर्स से जरूर बात करें।
- हॉलमार्क का निशान जरूर देख लें। - रसीद पर टिन (वैट) नंबर होना जरूरी। - कैरेट्स मीटर में चेक कराएं। इस बात से बचें - लोकल शॉप से क्वॉइन खरीदने से बचे। - बहकावे में आकर क्वॉइन न खरीदें। - बिना पक्की रसीद क्वॉइन लेने से मना कर दे। - रसीद पर टिन (वैट) नंबर है या नहीं इस बात का ध्याने दें। फेस्टिवल के मौके पर कस्टमर्स अपने मेहनत की कमाई से खरा सोना ही खरीदें। ज्यादातर हेर फेर क्वॉइन में ही होती है। धर्म और आस्था के नाम पर कस्टमर्स आसानी से फंस जाते हैं। संजय अग्रवाल, शॉपओनर, रामकुमार अग्रवाल ज्वैलर्स धनतेरस पर लोग ब्रांडेड ज्वेलरी की परचेजिंग करें। हॉलमार्क का विशेष ख्याल रखें। ख्ब् की जगह ख्ख् कैरेट की परचेजिंग ना हो, इसके लिए गोल्ड को कैरेटमीटर पर जांच कर ही परचेज करें। विवेक अरोड़ा, स्टोर मैनेजर, तनिष्क