BAREILLY: सिटी में बढ़ता 'जिगोलोÓ बिजनेस इस रंग-बिरंगी दुनिया में किसी काली छाया से कम नहीं. वास्तव में यह कारोबार सोसायटी की जड़ों में कैंसर बनकर फैलता जा रहा है. कैंसर जिसका इलाज भी संभव नहीं है. तेजी से पांव पसारती इस बीमारी के बारे में जब आई नेक्स्ट ने बरेलियंस से बात की तो उन्होंने बेबाकी से इस पर बात की. जल्द से जल्द इस पर लगाम लगाए जाने की वकालत की.


बदनाम तो सब होते हैंशहर के यूथ को फल-फूल रहे 'जिगोलोÓ कल्चर से बहुत शिकायतें हैं। उनकी मानें तो आम तौर पर इसमें युवा ही शामिल होते हैं। पर इन कुछ युवाओं की वजह से पूरी सोसायटी ही बदनाम हो जाती है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि सिटी में इनके कस्टमर्स भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। इसे रोकने के लिए सशक्त कानून बनाए जाने चाहिए। अगर सरकार इसे रोकने में नाकाम है तो फिर इसे लीगल कर देना चाहिए।Sting operation में खुलासा एक दिसम्बर को आई नेक्स्ट ने स्टिंग ऑपरेशन कर 'जिगोलोÓ बिजनेस का खुलासा किया था। 'जिगोलोÓ की तलाश से लेकर मुलाकात तक की हकीकत आपके सामने रखी थी। 'जिगोलोÓ के कस्टमर, उनकी प्रोफाइल, 'जिगोलोÓ बनने के लिए होने वाली प्रॉसेस से पर्दा हटाया।


बरेली में 'जिगोलोÓ का खुलासा होना चौंकाने वाली खबर थी, उससे भी ज्यादा शॉकिंग उसमें शामिल लोगों का प्रोफाइल था। यह तो सोसायटी के लिए नासूर की तरह है, इसे रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जाने चाहिए।-सचिन राय, स्टूडेंटसिटी में 'जिगोलोÓ का बढ़ता कारोबार वास्तव में हैरानी की बात है। पढ़े-लिखे लोगों का इससे जुड़ा होना तो बहुत शर्म की बात है। पुलिस-प्रशासन को इसके खिलाफ अभियान चलाकर प्राइमरी स्टेज पर ही रोक देना चाहिए।

-हम्माद खिलजी, स्टूडेंटयह तो पूरे समाज के लिए बदनामी की बात है। जो लोग इसमें शामिल हैं और जो क ोई भी इनके कस्टमर्स हैं वह समाज के लिए कलंक हैं। इसे रोकने की कवायद में समाज सेवी संगठनों को भी आवाज उठानी चाहिए।-शिवा शर्मा, स्टूडेंट'जिगोलोÓ हमारे समाज में एक ऐसे कैंसर की तरह है, जिसकी कोई दवा नहीं बनी है। इसे रोकने के लिए हमारे बीच से ही कुछ लोगों को इनिशिएटिव लेना होगा।-मुदस्सिर, स्टूडेंट

मुझे तो इसकी जानकारी ही नहीं थी। मेट्रोज में 'जिगोलोÓ अब टे्रंड बन चुका है पर बरेली में भी इसके कस्टमर्स होना चौंकाने वाला है। इसे रोकने के लिए तो हमें अपने नैतिक मूल्यों का प्रचार-प्रसार करना होगा।-स्वाति चंद्रा, स्टूडेंटसिटी में 'जिगोलोÓ की प्रजेंस ही यहां के बदलते ट्रेंड की तरफ इंडिकेट करती है। पर यह ट्रेंड समाज में नए कोढ़ की शुरुआत है। अगर इस पर समय रहते लगाम नहीं लगाई गई तो यह समाज रहने के काबिल ही नहीं रहेगा।-अदिबा, स्टूडेंट


इट्स शॉकिंग सिटी में 'जिगोलोÓ। यह वास्तव में वेस्टर्न कल्चर का इंपैक्ट है। इसे दूर क रने के लिए हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों को और अधिक प्रभावी बनाना होगा। ताकि यह हमारी सभ्यता को न मिटा पाए।-शिवांगी चंद्रा, स्टूडेंट

Posted By: Inextlive