वीडियो कॉलिंग के लिए डाटा क्रांति बनी वरदान मूक बधिरों की जिंदगी की बदल गई तस्वीर।

BAREILLY: आमतौर पर टेलीफोन का अर्थ है दूर से बोलना और सुनना। वहीं मूक बधिर का अर्थ ऐसे लोगों से है जो न सुन सकते हैं और न बोल सकते हैं। अब अगर कोई मूक बधिर टेलीफोन से संवाद करे तो सभी के लिए आश्चर्य की बात है। डाटा क्रांति ने इस तस्वीर को ही बदल कर रख दिया है। 3 जी और 4 जी एक आम बात हो गई है, जिससे अब मूक बधिर भी मोबाइल का इस्तेमाल करने लगे हैं। हां फर्क सिर्फ इतना है कि वह इशारा करते हैं। यह नजारा शहर में नॉवल्टी चौराहा, संडे को गांधी उद्यान और श्यामगंज के पास स्थित जीवन धारा स्कूल में देखने को मिल सकता है।

 

70 प्रतिशत के पास सुविधा

बात शहर के मूक बधिर स्कूलों की करें तो 70 प्रतिशत स्टूडेंट्स के पास फोन की सुविधा है। मूक बधिर ये सेवाएं दैनिक बातचीत व जरूरी कायरें के लिए काम में लेते हैं। कक्षा पांच तक पढ़ने वाले छोटे बच्चे अभी छोटे होने के कारण फोन कम रखते हैं लेकिन कक्षा पांच से ऊपर के जितने भी स्टूडेंट हैं वह सभी फोन रखते हैं।

 

गु्रप बनाकर देते हैं सूचनाएं

मूक बधिर स्कूल के टीचर्स बताते हैं कि जब कभी उन्हें साथियों के लिए सूचनाएं आदान प्रदान करनी होती है तो वह ग्रुप के माध्यम से करते हैं। बताते हैं कि छुट्टी में संडे को सभी स्टूडेंट्स एक पार्क में जाते हैं तो कितने बजे और कहां पर पहुंचना है यह सभी सूचनाएं वह फोन पर ही एक दूसरे को देते हैं।

 

पुराने दोस्त भी टच में

मोबाइल के साथ डाटा क्रांति मूक बधिरों के लिए एक वरदान साबित हुआ है, वह मोबाइल पर नेट के जरिए गु्रप बनाकर एक दूसरे से पढ़ाई के बाद भी लगातार जुड़े हुए हैं। इसमें कई स्टूडेंट्स ऐसे भी है जो कई वर्ष पहले पढ़ाई छोड़ चुके हैं उनके मां-बाप उन्हें मोबाइल से वीडियो कॉलिंग और व्हाट्सएप सीखने के लिए भी स्कूल में टीचर के पास ला रहे हैं।

 

प्रॉब्लम में मिल जाती है मदद

मृक बधिर स्कूल में पढ़ाई करने वाला बंटू निवासी पीलीभीत बारादरी इलाके के एक मकान में किराए पर रहता है। बंटू की जनवरी माह में मकान मालिक से कुछ कहासुनी हो गई जिस पर उसने अपने दोस्त को फोन पर वीडियो कॉलिंग कर दिखाया कि उसके कमरे का सामान उसके मकान मालिक ने कमरा खाली कराने के लिए फेंक दिया है। वीडियो देख उसका दोस्त मौके पर पहुंचा और अपने अन्य साथियों को भी बताया, तब जाकर मकान मालिक ने अपनी गलती मानी।

 

 

चाइल्ड हेल्प लाइन के लिए भी सरकार को इस तरह की 4 जी सेवाएं शुरू करानी चाहिए। यदि किसी बच्चे या लड़की के साथ दु‌र्व्यवहार हुआ है तो वह अपनी बात इसके माध्यम से हमें कह सकती है।

एकराम, क्लीनिकल डायरेक्टर, जीवनधारा पुर्नवास एवं शोध संस्थान

Posted By: Inextlive