-दो किसान बरेली के भमोरा, एक नवाबगंज तो एक महिला किसान मीरगंज निवासी

-बर्बाद फसल देख किसानों को पड़ा था सदमा तो किसी का दिल बैठा तो किसी ने फांसी लगाई

बरेली/बदायूं : इस बार कुदरत ने इस तरह कहर बरपाया कि किसानों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कर्ज में डूबे रुहेलखंड के महिला समेत छह और किसानों ने मौत को गले लगा लिया। मृतक किसानों में दो बरेली के भमोरा के तो एक नवाबगंज क्षेत्र निवासी है। मीरगंज निवासी महिला किसान की भी सदमे के कारण जान चली गई। बदायूं निवासी किसान फांसी पर झूल गया। वहीं पीलीभीत के किसान की सदमे के कारण जान चली गई।

सदमे में चली गई जान

नौगवांअहिरान निवासी किसान सियाराम यादव (55) की तीन भाइयों में से अकेले की शादी हुई थी। बड़े भाई कुंवरसेन ने बैंक से 20 हजार रुपये कर्ज लिया था लेकिन कर्ज अदा करने से पहले वर्ष 2011 में उनकी मौत हो गई। उसके बाद पूरी जमीन 35 बीघा सिया राम के नाम आ गई। कुंवरसेन का कर्ज भी यही अदा कर रहे थे। गेहूं की फसल खेत में लहलहा रही थी। उम्मीद थी कि पैदावार अच्छी होगी तो पूरा कर्ज इस बार चुका देंगे लेकिन ओलावृष्टि व बारिश से पूरी फसल बर्बाद हो गई। तीन अप्रैल को सियाराम दोपहर एक बजे खेत देखने गए थे। बर्बाद फसल देख हालत बिगड़ गई। चार अप्रैल को उनकी मौत हो गई। इसी क्षेत्र के भोजपुर निवासी किसान लेखराज (45) के बड़े बेटे गौतम ऋषि ने बताया कि पिता के नाम 15 बीघा जमीन है। बहन दानवती की दस फरवरी को शादी की थी। बेटी की शादी करने के लिए उन्होंने सेंट्रल बैंक शाखा देवचरा से 1.10 लाख रुपये का लोन लिया था। फसल ओलावृष्टि व बारिश से बर्बाद हो गई थी। 28 मार्च वह खेत देखने गए थे। वहां हालत बिगड़ गई थी। फसल बर्बादी का सदमा पहुंचा था। एक निजी नर्सिग होम में इलाज करवाया उन्होंने दम तोड़ दिया।

बर्बाद फसल देखकर आहत

ग्राम डंडिया बीरमनगला निवासी कृष्णदास (62) के पास आठ बीघा कृषि भूमि है। उसमें गेहूं की फसल की बुवाई की थी। शनिवार को कृष्ण दास खेत पर गए। गेहूं की बर्बाद फसल देखकर वह सदमे में थे। रात सोने के लिए चले गए। रात नौ बजे अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा तो वह तड़पने लगे.परिजनों ने आनन फानन में उन्हें कस्बे के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर होने पर उसे बरेली रेफर कर दिया लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

ले रखा था कर्ज

गांव जौनेर निवासी विधवा किसान सावित्री देवी ने 20 बीघा में गेहूं व सरसों की बुवाई की थी। इसके लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सिंधौली से 80 हजार रुपये कर्ज लिया था। बीते दिन ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बाद हो गई थी। उसके बाद से वह सदमे में थी। शनिवार की रात यह घर में सो गई लेकिन सुबह लोगों ने देखा तो उसकी जान जा चुकी थी।

आत्महत्या कर ली

जनपद के उसहैत थाना क्षेत्र के गांव काकोरी निवासी किसान मुनेंद्र गिरि (28) की 40 बीघा फसल नष्ट हो गई थी। शनिवार को वह रात 11 बजे गायों की रखवाली करने की बात कहकर घर से निकला। जहां गांव के बाहर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

बदहाली से गुजर रहा था

गजरौला थाना क्षेत्र के ग्राम गोयल कालोनी निवासी आशुतोष माझी (40) किसान के तीन एकड़ खेत में गेहूं की फसल लगी थी.एक दिन पहले हुई बेमौसम आंधी बारिश में किसान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। इससे वह आहत था। शनिवार रात आशुतोष ने फसल की बर्बादी से आहत होकर जान दे दी।

Posted By: Inextlive