जीत की उम्मीद में बैठे रहे, हार का गम लिए लौटे
बरेली(ब्यूरो)। चुनावी अखाड़े में उतरने वाला हर महारथी जीत के लिए सभी दांव-पेंच आजमाता है। अंत तक उसे जीत की पूरी उम्मीद भी होती है। नगर निगम के चुनावी अखाड़े का बादशाह बनने के लिए इस बार यूं तो 13 पहलवानों ने दांव लगाया था, पर इसमें चार ही ऐसे थे जिनमें लडऩे का माद्दा था। यह पहलवान थे भाजपा प्रत्याशी डॉ। उमेश गौतम, सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ। आईएस तोमर, कांग्रेस प्रत्याशी डॉ। केबी त्रिपाठी और बसपा प्रत्याशी यूसुफ खां।
दोबारा बने बादशाह
शनिवार को चुनाव परिणाम वाले दिन यह प्रत्याशी जीत की उम्मीद के साथ मतगणना स्थल पर बैठे भी रहे। मतगणना ज्यों-ज्यों आगे बढ़ती रही त्यों-त्यों भाजपा प्रत्याशी उमेश गौतम का चेहरा खिलता रहा और अन्य प्रत्याशियों के चेहरों पर मायूसी छाती रही। आखिरकार मतगणना पूरी होने से पहले ही निर्दलीय प्रत्याशी डॉ। आईएस तोमर, कांग्रेस प्रत्याशी डॉ। केबी त्रिपाठी और बसपा प्रत्याशी यूसुफ खां हार का गम लिए मैदान छोड़ गए। भाजपा प्रत्याशी डॉ। उमेश गौतम सभी को तगड़ी पटखनी देकर नगर निगम के दोबारा बादशाह बन गए।
हार से डॉ। प्रत्याशियों में बढ़ा प्यार
मतगणना स्थल पर जीत की उम्मीद लिए बैठे मेयर पद के चारों प्रत्याशियों के बीच तरह-तरह की कैमिस्ट्री भी देखने को मिली। भाजपा प्रत्याशी जहां शुरू से ही जीत के आत्मविश्वास के साथ बैठे रहे, वहीं साथ-साथ बैठे सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ। आईएस तोमर और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ। केबी त्रिपाठी माथे पर जीत-हार की चिंता की लकीरें दिखाई दी। मतगणना के राउंड जैसे-जैसे आगे बढ़े वैसे ही इनके माथे पर हार की चिंता की लकीरें भी गहरी होते चली गई। इससे यह दोनों प्रत्याशी मतगणना स्थल एक साथ बैठकर आपस में वोटों का गुणा-भाग लगाते रहे।
मतगणना स्थल परसाखेड़ा एफसीआई गोदाम में डॉ। उमेश गौतम, डॉ। आईएस तोमर और डॉ। केबी त्रिपाठी तो काउंटिंग पर पूरी नजरें गढ़ाए रहे, पर बसपा के यूसुफ खां ने यहां अपना अधिकतर समय बाहर ही बिताया। वह अपने करीबियों के साथ बाहर काफी देर तक बैठे रहे। इससे यह भी साफ हुआ कि वह काउंटिंग के पहले राउंड से ही अपने रिजल्ट को भांप गए। इसके चलते ही वह काउंटिंग पूरी होने से एक घंटा पहले ही मतगणना स्थल को छोड़ गए।