- आज ही की तिथि, वार, नक्षत्र और योग का संयोग था जानकी जन्म के मौके पर

- ज्योतिषाचार्यो के अनुसार चौघडि़या का योग लोगों के लिए रहेगा विशेष

BAREILLY:

त्रेतायुग में बैसाख के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि, दिन और नक्षत्र के माता जानकी का जन्म हुआ था। तो दूसरी ओर वर्षो बाद एक बार फिर समय का पहिया घूमकर ठीक जानकी जन्म की परिस्थितियों यानि योग, मुहूर्त, नक्षत्र और वार को दर्ज करा रहा है। ऐसे में बनने वाला चौघडि़या का संयोग जातकों के लिए फ्रूटफुल होने की संभावना, ज्योतिषाचार्यो ने जताई है। वहीं, दूसरी ओर इस मौके पर बन रहे चौघडि़या योग के रोग, काल और उदवेग के दौरान मांगलिक कार्य करने से अमंगल होने की भी संभावना जताई है।

क्या है बेला

'बेला' स्थानीय बोली में इसे 'समय' कहा जाता है। बेला तीन प्रकार की होती है। इसमें वार बेला, काल बेला और काल रात्रि इन तीनों में इसे बांटा गया है। इन बेला में मांगलिक कार्य करने से तत्काल अमंगल अथवा दूरगामी पीड़ा की संभावना होती है। इस बार चौघडि़या के दौरान काल बेला का समय सुबह 7.ख्म् से 9.ब् बजे तक, वार बेला दोपहर फ्.फ्ब् से भ्.क्ख् बजे तक और काल रात्रि रात के क्0.भ्म् से क्ख्.क्9 बजे तक रहेगा। तीनों समय में से दोपहर के समय यानि वार बेला जातकों के लिए शुभ रहेगी। जबकि अन्य दोनों बेला अशुभ होने के संकेत हैं।

संतानहीन के लिए विशेष

इस बार पड़ने वाली नवमी का मौका खास है। इसीलिए इस दिन संतानहीन दंपत्ति के द्वारा किए गए व्रत, उपवास और पूजन अनुष्ठान उनके लिए लाभप्रद रहने की संभावना है। सुबह क्क् से फ् बजे तक का समय के मध्य में पूजन का अनुष्ठान करना संतानहीन दंपत्ति के लिए लाभप्रद रहेगी, ऐसी संभावना ज्योतिषाचार्यो की ओर से जताई गई है। इसके अलावा सोमवार होने से शिवलिंग का पूजन करना भी श्रेयस्कर रहेगा।

Posted By: Inextlive