Bareilly: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल बस नाम भर का हॉस्पिटल रह गया है. अरे भई जब हॉस्पिटल में ढंग से इलाज नहीं हो पाएगा तो ये बात सच हो ही जाएगी. पहले से ही डॉक्टरों और नर्सों की कमी से जूझ रहे हॉस्पिटल को अगस्त शुरू होते ही नया झटका लगा. हॉस्पिटल की 21 ट्रेनी नर्सों का टर्म 31 जुलाई को खत्म हो गयौ. अब हॉस्पिटल में सिर्फ 43 नर्स ही बची. अब जबकि वायरल और डायरिया की वजह से हॉस्पिटल में पेशेंट्स की संख्या बढ़ गई है हॉस्पिटल में कम नर्सों का होना बहुत दिक्कत वाली बात है. गौरतलब है कि शासनादेश के मुताबिक 10 बेड पर एक नर्स की ड्यूटी होनी चाहिए. तब भी इनकी कमी को पूरा नहीं किया जा रहा.


Training हुई खत्म दरअसल इन ट्रेनी नर्सों को तीन साल के मेडिकल कोर्स में पहले दो साल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ट्रेनिंग करनी थी। इनका ट्रेनिंग पीरियड 31 जुलाई को खत्म हो गया। अगस्त में नर्सेज के एग्जाम्स हैं। इसके बाद थर्ड ईयर की ट्रेनिंग महिला डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में होनी है। डॉ। सुधांशु ने बताया कि उनका प्रयास है  हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले पेशेंट्स को नर्सों की कमी का आभास न हो। उन्हें पूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं।बढ़ गए हैं patient


हॉस्पिटल में नर्सों का टोटा तब हुआ है जब संक्रमण के पेशेंट्स सबसे ज्यादा पहुंच रहे हैं। पिछले 15 दिनों में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में 200 डायरिया के पेशेंट पहुंच चुके हैं। इंफेक्शन के चलते गेस्ट्राएंट्राइटिस, फ्लू और वायरल फीवर के पेशेंट में इजाफा हुआ है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ। विजय यादव ने बताया कि नर्सों की कमी के बाबत उन्होंने मुख्यालय को लेटर लिखकर सूचित कर दिया है।

बस एक shift की नर्स

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आने वाली दिक्कतों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल एक शिफ्ट की नर्सें बची हैं। ट्रेनी नर्स को मिलाकर ही हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन 2 शिफ्ट की नर्सों से 3 शिफ्ट का काम चलाया जा रहा था। मगर अब ट्रेनी नर्सेज जाने के बाद हॉस्पिटल मे सिर्फ एक शिफ्ट की नर्स बची हैं। ऐस में अगर कुछ नर्सों ने छुट्टी ले ली तो कंडीशन और गंभीर हो जाएगी।मैंने मुख्यालय लिखा है। हॉस्पिटल लंबे समय से नर्सेज की कमी से जूझ रहा है। हम कोशिश कर रहे है कि इस कमी को पूरा किया जाए। -डॉ। विजय यादव,  चिकित्सा अधीक्षक, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive