साहब...कोविड अभी जारी है
(बरेली ब्यूरो)। एक तरफ जिले में तेजी से कोरोना केस बढ़ रहे हैं। पिछलेे दिनों का रेश्यो देेखें तो केसों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखनेे को मिल रही है। जिले में कोविड केस 15 सौ के पार हो चुके हैं। बावजूद इसके लोग कोविड के नियमों को सीरियसली नहीं ले रहेे हैं। ऐसे में संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने कोविड की नई गाइड लाइन जारी की है। लेकिन इसका असर कहीं नजर नहीं आ रहा है। सरकारी ऑफिसेज में भी जमकर कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां गाइडलाइन को किस तरह फॉलो किया जा रहा है इसकी हकीकत जानने के लिए दैैनिक जागरण आइनेक्ट्स की टीम ने सैटरडे को शहर के कई ऑफिसेज में विजिट किया तो हालात चौकाने वाले सामने आए। किसी भी गवर्नमेंट ऑफिस में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है और न ही कोई मास्क का यूज कर रहा है। यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में कोरोना के केस बढऩे से स्थिति भयावह हो सकती है।
सीन -1
नगर निगम
नगर निगम में बिना मास्क के एंट्री करने पर कोई पाबंदी नहीं है। न ही आने-जाने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। किसी को भी अंदर आसानी से जाने दिया जा रहा है। यहां कोविड हेल्प डेस्क भी देखने को नहीं मिली। जबकि नगर आयुक्त का कहना कि शहर में नगर निगम भी वैक्सीनेशन के लिए लोगोंं से अपील करेगा। ऐसे में जब खुद के कार्यालय में नियम की धज्जियां खुलेआम उड़ रहीं हो तो अन्य लोगों को जागरुक कैसे करेेंगे।
कलेक्ट्रेट
कलेक्ट्रेट में सैकड़ों लोगों का डेली आना-जाना लगा रहता है। इस समय चुनाव का माहौल भी चल रहा है। तो लोगों की भीड़ जमा रहना कोई बड़ी बात नहीं है। जबकि निर्वाचन आयोग और प्रशासन ने भी कोविड नियम फॉलो करने के सख्त आदेश दिए हैं। इसके बाद भी यहां आने वाले लोगों के साथ ही कर्मचारी भी कोविड नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। गेट पर कोविड डेस्क तो बना दी गई है, लेकिन यहां आने वाले लोगों को न तो मास्क लगाने के लिए कोई रोकटोक की जा रही है और न ही उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।
सीन -3
सदर तहसील
यह शहर की यह सबसे भीड़-भीड़ वाली जगह है। यहां पर शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों से भी लोगों को आना रहता है। ऐसे में यहां पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होना बहुत जरूरी है। लेकिन यहां पर ऐसा नही है न तो कोई थर्मल स्क्रीनिंग ही हो रही है और न ही बिना मास्क लगाए आने वालों को रोका जा रहा है। इतना ही नहीं तहसील के कर्मचारी भी बिना मास्क के टहलते नजर आए।
रेलवे जंक्शन
जंक्शन पर रोजाना हजारों की संख्या में लोग आते हैं। इसके बावजूद कोई सर्तकता देखने को नही मिली। कोविड हेल्प डेस्क होने बाद भी लोग उसे अनदेखा कर रहे थे। बाहर से आने वाले यात्रियों को भी बिना थर्मल स्क्रीनिंग के ही शहर में एंट्री दी जा रही है। टिकट आरक्षण विंडो पर भी भीड़ लगी हुई थी। इसमें ज्यादातर लोग मास्क भी नहीं लगाए थे। ऐसे में यह लापरवाही और भी ज्यादा मंहगी पड़ सकती है। गवर्नमेंट ऑफिसेज के लिए गाइडलाइन
50 परसेंट स्टाफ को ही बुलाया जाएगा
बिना मास्क के किसी को भी ऑफिस में एंट्री नहीं दी जाएगी
ऑफिसेज में कोरोना हेल्प डेस्क जरूरी
हैंड सैनेटाइजेशन के लिए व्यवस्था
भारी न पड़ जाए यह लापरवाही
एक तरफ जिले में कोविड केस 1500 के पार हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि जिले में एक्टिव केसेस की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शहर के बाजारों के साथ ही गवर्नमेंट ऑफिसेज में कोविड गाइडलाइन की अनदेखी भारी पड़ सकती है।
शहर के सरकारी संस्थानों में कोरोना को लेकर गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा हैै। सरकारी ऑफिसेज में कोविड गाइडलाइन फॉलो कराने की जिम्मेदारी वहां के शीर्ष अधिकारी की होती है, लेकिन वह भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में अधिकारियों की यह अनदेखी बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है।