BAREILLY: क्रिसमस में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. जीसस के जन्म की खुशी मनाने के लिए लोगों ने अभी से तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं. कोई घर को स्टार्स और इलेक्ट्रिक झालरों से डेकोरेट कर रहा है तो कोई क्रिसमस सेलिबे्रशन के लिए मार्केटिंग करने में लगा है. केक बनाने की तैयारी क्रिसमस ट्री को शेप करने के साथ ही चर्चों में कैरल सिंगिंग और एडवेंट संडे का सेलिब्रेशन भी किया जा रहा है.


Market भी है तैयारक्रिसमस में केवल 13 दिन बाकी बचे हैं ऐसे में इसके लिए बाजारों में भी रौनक देखने को मिल रही है। लोग क्रिसमस के लिए खरीदारी करने में लगे हैं तो शॉपकीपर्स ने भी शॉप्स पर क्रिसमस ट्रीज, बेल्स, संता क्लॉज की डे्रस और स्टार्स की पूरी रेंज लगा रखी है। शॉपकीपर हर्ष चावला ने बताया कि इस बार उनके पास 8 फीट तक के फोल्डिंग क्रिसमस ट्रीज मौजूद हैं। वहीं क्रिसमस के लिए खास सिरेमिक विंड चाइम्स और स्नो स्ट्राइप्स भी मार्केट में पहली बार आए हैं। सेंटा क्लॉज की डे्रस की भी काफी डिमांड है। लोग क्रिसमस गिफ्ट भी बड़ी संख्या में खरीद रहे हैं। इसमें सेंटा के साथ प्रभु यीशु की स्टेच्यु सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है। खास होता है Christmas cake


क्रिसमस के दिन बनने वाला केक भी खास होता है। स्कूल टीचर आराधना ने बताया कि क्रिसमस के दिन वह स्पेशली पाइनएप्पल फ्लेवर का केक बनाती हैं। इसमें वह सोक किए हुए ड्राइ फ्रूट्स डालती हैं। यह उनके बच्चों को काफी पसंद आता है। इसके लिए उन्होंने ड्राई फ्रूट्स अभी से सोक भी कर दिए हैं। साथ ही वह अपने घर का डेकोरेशन भी कर रही हैं। उन्होंने बताया क्रिसमस डेकोरेाशन की शुरूआत स्टार लगाने के साथ होती है।क्रिसमस के दिन घर की याद तो आती ही है, पर ड्यूटी की वजह से इस मौके पर पिछले 16 सालों में केवल एक बार ही अपने घर चेन्नई जा पाया हूं। हर बार मैं घर की क्रिसमस बहुत मिस करता हूं। यह कहना है डीआईजी एलवी एंटनी देवकुमार का। उनकी वाइफ मोनिशा देवकुमार ने बताया कि जब लास्ट ईयर चेन्नई गए तो उन्होंने पूरे परिवार के साथ क्रिसमस पर जमकर मस्ती की थी। वहां एक चर्च में प्रभु यीशु के जन्म के समय का सीन प्ले हो रहा था, उसे देखना वास्तव में एक सुखद अनुभव था। हो भी क्यों न, जब पूरी फै मिली एक साथ क्रि समस को एंज्वॉय कर रही थी। उनकी बेटी पवित्रा ने बताया कि वह घर में ही मेंजर सीन तैयार करने की प्रिप्रेशन कर रहे हैं। यह कुछ दिन में तैयार हो जाएगा। बच्चों ने बताया कि वह क्रिसमस की रात अपनी पसंद की कोई फरमाइश लिखकर पिलो के नीचे रख देते हैं। सुबह सेंटा उन्हें वह गिफ्ट दे देता है। उनके बेटे विक्टर ने बताया कि वह हर साल नई गन की डिमांड करते हैं। इस बार भी उन्हें बड़ी वाली गन चाहिए। वहीं पवित्रा की डिमांड नई ड्रेस की होती है।


Carol singing की practice क्रिसमस से पहले जीसस के जन्म की खुशी में चर्च की टीम्स घर-घर जाकर कैरल सिंगिंग कर प्रभु यीशु का मैसेज कनवे करती हैं। सेंट अल्फोंसस कैथेड्रल चर्च के रजनीश बेनेडिक्ट चरन ने बताया कि चर्च से चार टीमें बनाई जाएंगी जो चर्च मेंबर्स के घर जाकर कैरल सिंगिंग करेंगी। उन्होंने बताया कि सिटी के लगभग सभी चर्च की टीम्स 15 दिसंबर के बाद से ही कैरल सिंगिंग करना शुरू करेंगी। इसके लिए टीम्स बनाई जा चुकी हैं और प्रैक्टिस कर रही हैं।सात साल पुराना है ये क्रि समस ट्रीसिटी के मिशन कंपाउंड में रहने वाले डॉ। अमित डेविस ने बताया कि वह अपने घर में जो क्रिसमस ट्री डेक ोरेट करते हैं, उसे वह सात साल पहले नैनीताल से लाए थे। यह ट्री उनके गार्डन में लगा है। क्रिसमस पर डेकोरेट करने के लिए वह ट्री को एक हफ्ते पहले गमले में लगा देते हैं.  क्रिसमस बीतने के बाद वह इसे फिर से गार्डन में लगा देते हैं। इसके अलावा वह लास्ट ईयर दिल्ली से छह फीट का फोल्डिंग ट्री भी लाए थे। इस बार भी वह क्रिसमस की शॉपिंग के लिए दिल्ली ही जा रहे हैं।यह भी जानो

स्टार : जीसस के जन्म से पहले एंजल्स ने लोगों के ड्रीम्स में जाकर एक मसीहा के आने की सूचना दी थी। उन्होंने बताया था कि उस मसीहा तक पहुंचने का रास्ता आसमान का सबसे चमकीला तारा बताएगा। जीसस के बर्थ के दिन वह सभी लोग आसमान के उस सबसे चमकीले तारे को देखते हुए ही येरूशलम पहुंचे थे। मेंजर सीन : येरूशलम में चरवाहों और ऊंटों के बीच ही जीसस का जन्म हुआ था। मेंजर सीन के माध्यम से जीसस के जन्म के समय की उन्हीं परिस्थितियों को दर्शाया जाता है। क्रिसमस के दिन यह झांकियां घरों और चर्च में सजाई जाती हैं।क्रिसमस ट्री : जीसस क्राइस्ट के जन्म की खुशी में येरूशलम के लोगों ने पहाड़ों पर उगने वाले जिस पौधे का सजाया था। उसे ही हम क्रिसमस ट्री के नाम से जानते हैं। उसके बाद से ही इस पौधे को हर साल क्रिसमस के दिन सजाया जाता है।कैरल्स : प्रभु यीशु के आने की खुशी में धरती पर आए स्वर्ग दूतों ने जो गीत गाए वही कैरल्स हैं, उन्हें प्रभु यीशु के आने की खुशी में गाया जाता है।
सेंटा क्लॉज : क्रिसमस के दौरान जो लोग गिफ्ट्स नहीं खरीद पाते थे, उन्हें खुशी देने के लिए संत निकोलस रात के अंधेरे में उनके मनचाहे उपहार दे जाया करते थे। उन्हें ही सेंटा के नाम से जाना जाता है।'क्रिसमस पर हर साल याद आता है घरÓ Posted By: Inextlive