विंडरमेयर के ब्लैक बॉक्स में चला शरलॉक होम्स का जादू
बरेली: एक तो दुनिया का सबसे मशहूर जासूस शरलॉक होम्स और ऊपर से विंडरमेयर के ब्लैक बॉक्स ऑडिटोरियम का जादू, रंग विनायक रंग मंडल की प्रस्तुति में दर्शकों को एक साथ दो अद्भुत अनुभव मिले। 'शरलॉक होम्स-द हाउंड ऑफ द बास्करविल्स' में विक्टोरिया काल को जीवंत बनाने के लिए कलाकारों ने जी-जान लगा दी। रंग विनायक की टीम ने लंदन की बेकर स्ट्रील से लेकर डेवनशर के दलदली मैदान के खौफनाक माहौल तक को मंच पर उकेर कर दर्शकों को बेहद प्रभावित किया। वरिष्ठ उर्दू साहित्यकार और जामिया मिलिया इस्लामिया के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। खालिद जावेद भी शो देखने पहुंचे।
विक्टोरिया काल को किया जीवंतनाटक की शुरुआत छाया चित्र की एक अद्भुत श्रृंखला होती है, जिसमें एक युवती के अपहरण की कोशिश में नाकाम ह्यूगो बास्करविल अपनी आत्मा शैतान को सौंप देता है। यहीं से शुरू होता है बास्करविल वंश का वो श्राप जो सदियों बाद सर चार्ल्स बास्करविल की मौत का कारण बनता है। सर चार्ल्स के दोस्त डॉ। मॉरटिमर उनके इकलौते वारिस सर हेनरी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इसलिए वो सर हेनरी के साथ शरलॉक होम्स के पास पहुंचते थे। शरलॉक होम्स अपने साथी डॉ। वॉटसन को सर हेनरी के साथ बास्करविल भेजते हैं, जहां एक रहस्यमयी खूंखार हाउंड की कहानी सामने आती है। शरलॉक होम्स सभी से छुपकर बास्करविल के दलदली मैदान में रहकर पता लगाते हैं कि यह सचमुच हाउंड की कारस्तानी है या फिर इसके पीछे कोई साजिश है। दुनिया का सबसे मशहूर जासूस कैसे इस मुश्किल गुत्थी को सुलझाता है, यही इस नाटक का सबसे अनूठा पहलू है।
नाटक का निर्देशक लव तोमर ने किया है और स्क्रिप्ट शुभा भट्ट भसीन ने लिखी है। बेतरतीब जिंदगी जीने वाले जीनियर जासूस शरलॉक होम्स के किरदार में दानिश खान ने शानदार काम किया है। डॉ। वॉटसन के पात्र में उत्कर्ष प्रजापति प्रभावित करते हैं। पंकज मॉर्य ने डॉ। मॉरटिमर, आर्यन कालरा ने सर हेनरी, अमन गुप्ता ने मिस्टर स्टेपलटन, शोभित ने बैरीमोर, सम्युन खान ने मिसेज बैरीमोर, अंशी ठाकुर ने बैरल बैरीमोर, विजय प्रताप सिंह ने पुलिसवाले, हिमांशु गंगवार ने कैबी, सुदेश कुमार सैनिक ने सर चार्ल्स और मंजीत ने बेहतरीन अभिनय किया। इनके अतिरिक्त बैकस्टेज में स्पर्श, तुषार, प्रशांत, श्रेया, अनुश्री, प्रियंका, ऋषभ, उत्कर्ष शर्मा, मंजीत, मेघा, अमन अंसारी ने बेहतरीन सहयोग किया।