सर्विस टैक्स से आम आदमी की रीढ़ पर बढ़ेगा बोझ
- एक्सपर्ट के मुताबिक बजट के जरिए भारत सशक्त देश बनकर उभरेगा
BAREILLY: 'बजट विकासपरक है और इसमें समाज के सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है', बजट पर यह राय है शहर के इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स की। आम आदमी के लिए आम बजट सदन में पेश हो चुका है। पेश हुए बजट किसका है, और इसमें विकास की कितनी संभावनाएं हैं, इस पर शहर की सीए लॉबी ने अपने विचार प्रकट किए। उनके अनुसार बजट में आम और खास दोनों का ख्याल रखा गया है। इसमें डायरेक्ट और इनडायरेक्ट कृषि, काला धन, लघु एवं मध्यम उद्योग, इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, टैक्सेशन, ग्रामीण विकास, समेत सभी राज्यों और आवश्यकतानुसार सभी बिन्दुओं को शामिल किया गया है। बैठक में आईसीएआई की बरेली शाखा के अध्यक्ष अखिल रस्तोगी समेत सभी सदस्य मौजूद रहे। आम बजट का विश्लेषणएक्सपर्ट्स के अनुसार प्रत्यक्ष कर में वेल्थ टैक्स खत्म किया जाना एक अच्छा कदम है। वहीं, कॉर्पोरेट टैक्स रेट में भ् परसेंट की कटौती से कॉर्पोरेट सेक्टर में निवेश की राह आसान होगी। योग शिक्षा को चैरिटी से जोड़ा जाना बेहतर है और चैरिटेबिल संस्थाओं से सकल प्राप्तियां ख् लाख किया गया है। वहीं, अप्रत्यक्ष कर में आम करदाताओं को कोई राहत न मिलने की बात कही। ख् प्रतिशत सर्विस टैक्स बढ़ना आम आदमी पर कर का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। घरेलू निवेश में बीमा क्षेत्र में जीवन, स्वास्थ्य व दुर्घटना संबंधी योजनाएं शुरू होंगी। स्वास्थ्य बीमा पर इनकम टैक्स में छूट स्वागतयोग्य है। लघु एवं मध्यम उद्योग में नया मुद्रा बैंक बनाने से उद्योगों में बढ़ोत्तरी और कालाधन पर बेनामी लेनदेन अधिनियम लाने की योजना है। कृषि क्षेत्र में सिंचाई में 'वन ड्रॉप मोर क्रॉप', सस्ती ब्याज दर पर ऋण, राष्ट्रीय स्तर पर बाजार, नाबार्ड गांव के विकास का फैसला बेहतर है।