33 हेल्थ वर्कर्स का किया जाएगा सीरो टेस्ट कोविड प्रभाव जाननेे में मिलेगी सहायता

(बरेली ब्यूरो)। कोरोना काल के दौरान कई लोग कोरोना से संक्रमित हुए, कई लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद सरकार ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए वैक्सीनेशन करना शुरू कर दिया। लक्ष्य के सापेक्ष 100 फीसदी लोगों को कोरोनारोधी वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इसको लेकर हेडक्वार्टर द्वारा जिले के हेल्थ वर्कर्स का चयन किया गया है। जिले में हेल्थ केयर्स वर्कर में एंटी बॉडी ड़िटेक्शन के लिए सीरो सर्वे टेस्ट किया जा रहा है।

शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
इसको लेकर जिले के 33 हेल्थ वर्कर्स की जांच करने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। अभी तक 33 में से 11 सैंपल लिए जा चुके हैं। कोरोना की फस्र्ट वेव के बाद से इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानि आईसीएमआर द्वारा लगातार सीरो सर्विलांस सर्वे किया जा रहा है।

स्वैच्छिक होता है सर्वे
जिले में सर्वे के लिए हेल्थ वकर्स को चिह्नित किया गया है। उनकी सहमति के बाद ही उन्हें सर्वे में शमिल किया जाता है। इसके माध्यम से हेल्थ वर्कर में सेकेंड डोज व बूस्टर डोज के बाद कितनी एंटी बॉडी बनी हैं, इसकी जांच की जाएगी।

क्यों है जरूरी
मौजूदा समय में ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। सर्विलांस सर्वे के जरिए पता लगाया जाएगा कि कोविड इंफेक्शन के बाद से बॉडी में कितनी एंटी बॉडी बनी है। साथ ही वैक्सीन लगने के बाद किस तरह एंटीबॉडी का ग्राफ कितनी तेजी से बढ़ रहा है। इसके माध्यम से ही कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम करने में किस तरह की रणनीती बनाई जा सकती है या रणनीति में परिवर्तन किया जा सकता है। इसमें कितने लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण हैं और कितने लोगों में कोरोनावायरस के लक्षण नहीं है। इसका भी पता लगाया जा सकेगा।

कैसे होता है सर्वे
सीरो सर्विलांस सर्वे में लोगों के ब्लड के संैपल का टेस्ट किया जाता है। टेस्ट के माध्यम से शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित होने के बारे में व शरीर में एंटी बॉडी की मात्रा का
पता लगाया जाता है। इसके माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि देश के किस हिस्से में कितने कितने लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आए हैं। कितने लोगों के शरीर में कोरोना संक्रमण के बाद एंटीबॉडी बन रहे हैं। सर्वे के बाद सैंपल को लखनऊ केजीएमयू लैब में जांच के लिए भेजा जाता है।

वर्जन
टीम की ओर से लक्ष्य के सापेक्ष 11 ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों के सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें बूस्टर डोज लग चुकी है। वैक्सीन लगने के बाद कितनी तेजी से संक्रमण से लडऩे के लिए एंटीबॉडी बन रही है, इसकी जांच की जाएगी।
-डॉ। मीसम अब्बास, जिला एपिडेमियोलॉस्टि, आईडीएसपी

Posted By: Inextlive