शुरू हुई ऑफलाइन स्टडी, सेफ्टी भी है जरूरी
-11 माह बाद ओपन हुए क्लास 6-8 तक के स्कूल्स तो बच्चों के चेहरों पर दिखी खुशी
-पहले दिन स्कूल में कम ही पहुंचे स्टूडेंट्स, स्कूल्स में दिखी अलर्टनेस बरेली: 1 माह बाद वेडनसडे को क्लास 6-8 तक के स्कूल्स ओपन गए गए, लेकिन स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या सिर्फ गिनती की ही थी। वहीं स्कूल्स की तरफ से कोविड गाइड लाइन फॉलो कराने के लिए पूरी तरह से अलर्टनेस दिखाई दी। एंट्री से पहले थर्मल स्क्रीनिंगस्कूल के एंट्री के लिए मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनेटइाज अनिवार्य किया गया। स्कूल के गेट पर ही स्टाफ ने बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनेटाइज कराए इसके बाद ही बच्चों को स्कूल कैंपस में एंट्री दी गई। स्कूल की तरफ से मैसेज भेजकर ही बच्चों को बुलाया गया था। पहले दिन स्कूल्स की तरफ से सभी क्लास के सभी बच्चों को बुलाने के लिए मैसेज नहीं भेजे गए थे। जो बच्चे स्कूल पहुंचे थे उनको क्लास रूम में बैठाया और कोरोना से रिलेटिड स्कूल में बरती जाने वाली सावधानियों के लिए अलर्ट किया गया। ताकि कोई भी बच्चा लापरवाही न करे।
शिफ्ट बायज बुलाए बच्चेस्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो हो इसके लिए स्कूलों ने पहले दिन क्लास 8 के बच्चों को स्कूल बुलाया। लेकिन कम ही बच्चे स्कूल पहुंचे। शहर के कई स्कूलों ने दो दिन 8वीं, दो दिन 7वीं तो दो दिन 6वीं के बच्चों को स्कूल बुलाने का शेड्यूल बनाया है। स्कूल प्रबंधन की मानें तो इससे सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो होती रहेगी और स्टडी भी ऑफलाइन चलती रहेगी। जिस दिन जो क्लास ऑफ रहेगी उस दिन उस क्लास के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास दी जाएगी। क्योंकि अभी फुल कैपेसिटी से बच्चों को स्कूल नहीं बुला सकते हैं इसीलिए ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन क्लासेस भी जारी रहेंगी।
किया गया अवेयर स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या भले ही कम हो लेकिन बच्चों को सावधानी और सुरक्षा के लिए स्कूलों की तरफ से जरूर अवेयर किया गया। स्कूलों में क्लास के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। -पहले दिन स्कूल ओपन हुआ है तो बच्चे को स्कूल तक छोड़ने के लिए आई हूं। स्कूल में गाइड लाइन के अनुसार सभी सुविधाएं और सावधानी बरती जा रही है। अब बच्चे को स्कूल भेजने में कोई डर नहीं है। शकुंतला शाक्य, पेरेंट-बच्चे को स्कूल छोड़ने के लिए आया हूं। काफी दिनों बाद स्कूल आकर बच्चे को भी अच्छा लगा और मुझे भी अच्छा लगा कि स्कूल ओपन हो गए हैं। क्योंकि घर पर बच्चों की उस तरह पढ़ाई नहीं हो पाती जिस तरह स्कूल में होती है।
महेन्द्र सिंह, पेरेंट बहुत ही अच्छा लगा स्कूल आकर, अब स्कूल डेली ओपन हो सभी क्लास के लिए तो और अच्छी बात है। स्कूल में स्टडी करना अच्छा लगता है हालांकि ऑनलाइन भी स्टडी अच्छी तरह से चल रही है। लेकिन स्कूल में स्टडी की बात अलग है। रितुराज, क्लास-8 स्कूल ओपन होने वाले हैं तब से मैं स्कूल आने का इंतजार कर रही थी। आज स्कूल आकर बहुत ही अच्छा लगा। स्कूल में बहुत सी गाइड लाइन बताई गई जिनको फॉलो किया और करुंगी भी। क्योकि रूल्स फॉलो करने के साथ ही स्टडी जरूरी है। वैष्णवी सिंह, क्लास-6 स्कूल ओपन हो गया है। बच्चच्ें की संख्या अच्छच् रही। कुछ बच्चच् ट्रांसपोर्ट की सुविधा के चलते नहीं आ सके। वह भी जल्दी ही स्कूल आने लगेंगे। स्कूल में बच्चच्ें को सरकार की तरफ से जारी गाइड लाइन के अनुसार ही शेड्यूल जारी कर बुलाया गया था। निर्भय बेनीवाल, डायरेक्टर सेक्रेड हार्ट्स स्कूलमंडे से लेकर सैटरडे तक किस क्लास के बच्चच्ें को स्कूल बुलाना है उसके लिए चार्ट बनाकर बच्चच्ें को दिया है। सरकार की गाइड लाइन और स्कूल के शेडयूल अनुसार बच्चच्ें को स्कूल आना है। हमने स्कूल 11 फरवरी से ओपन किया है।
आरएस रावत, प्रिंसिपल, जीआरएम कोहाड़ापीर ब्रांच