स्कूल की लापरवाही से बिछड़ गया हिमांशु
स्कूल में उल्टी होने लगीमृतक बच्चे की पहचान 8 वर्षीय हिमांशु के रूप में हुई है। हिमांशु के पिता नाम मुकेश है। मुकेश रिक्शा चालक है। हिमांशु संजय नगर स्थित आर के कॉनवेंट स्कूल में सेकेंड क्लास में पढ़ता था। मुकेश ने बताया कि मंडे सुबह उनका बेटा स्कूल गया था। उस वक्त वह बिल्कुल ठीक था। सुबह साढ़े नौ बजे अचानक उसकी तबियत खराब हो गई और उसे उल्टी होने लगी। मुकेश का आरोप है कि स्कूल स्टाफ ने न तो उनके बेटे को किसी हॉस्पिटल में एडमिट कराया और न ही इसकी सूचना उन्हें दी। परिजनों ने स्कूल में की तोडफ़ोड़
इस घटना के बाद हिमांशु के परिजन गुस्से में आ गए और ट्यूजडे सुबह स्कूल में पहुंचे। वहां स्टाफ से इस बारे में बात की, लेकिन संतुष्ट जवाब न मिलने पर परिजनों का गुस्सा और बढ़ गया और उनकी कर्मचारियों से हाथापाई हो गई। उसके बाद परिजनों ने स्कूल में जमकर हंगामा व तोडफ़ोड़ किया। इस मारपीट में एक कर्मचारी के चेहरे पर मामूली चोट भी आई। पुलिस ने हिमांशु के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। इस मामले में हिमांशु के पेरेंट्स व स्कूल प्रशासन द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ बारादरी थाना में तहरीर दी। पुलिस ने स्कूल स्टाफ के खिलाफ बच्चे को हॉस्पिटल में एडमिट न कराने पर लापरवाही और पेरेंट्स के खिलाफ मारपीट व तोडफ़ोड़ का केस रजिस्टर कर लिया है। पड़ोस के बच्चों ने दी सूचनादोपहर करीब 12 बजे स्कूल की छुट्टी होने पर पड़ोस के बच्चे घर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि हिमांशु की तबियत खराब है। उसके बाद मुकेश तुरंत स्कूल पहुंचे और हिमांशु को कई हॉस्पिटल में लेकर गए, लेकिन तबियत ज्यादा खराब होने के चलते किसी भी हॉस्पिटल ने हिमांशु को एडमिट नहीं किया। मुकेश ने सोचा कि हो सकता है कि कोई जादू-टोना का मामला हो, इसके लिए पास के ओझा को भी दिखाया लेकिन उन्होंने भी बीमारी की बात कही। करीब डेढ़ बजे हिमांशु को सिविल लाइंस स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया, जहां उसकी डेथ हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने स्कूल में हंगामा व तोडफ़ोड़ की थी। दोनों पक्षों की तहरीर पर केस रजिस्टर कर लिया गया है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। -ओम प्रकाश यादव, सीओ सिटी थर्ड, बरेली