जोखिम भरा है आपके लाडले का स्कूली सफर
- चेकिंग के दौरान अनफिट मिले सभी वाहन
- स्कूली वाहनों को चालान काटने के साथ ही किया गया बंद BAREILLY: वाकई, एक बारगी यकीन नहीं होता है, लेकिन है यह एकदम सच। मंडे को आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस ने स्कूली वाहनों की चेकिंग का अभियान चलाया। चौंकाने वाली बात यह रही कि चेकिंग के दौरान जिस भी वाहन को रोका, वही गड़बड़ निकला। आरटीओ ने करीब ख्ब् वाहनों को चेकिंग के लिए रोका तो सभी अनफिट मिले। कुछ ऐसा ही हाल ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग में भी रहा। ट्रैफिक पुलिस ने करीब म्क् वाहनों की चेकिंग की सभी में गड़बड़ी निकल कर आई और उनका भी चालान किया गया। अब स्थिति का अंदाजा आप खुद ही लगा लीजिए। सोचिए, एक भी वाहन नहीं मिला फिटसोचने वाली बात यह है जिस-जिस वाहन को आरटीओ व ट्रैफिक पुलिस ने रोका उसमें से एक भी फिट नहीं मिला। कोई बस ओवरलोड थी तो किसी ऑटो में ब्रेक तक ठीक से काम नहीं कर रहा था। किसी में गैस किट दुरुस्त नहीं थी तो किसी में इमरजेंसी गेट तक नहीं था, जब स्कूली वाहनों का यह हाल है तो फिर ड्राइवर से फिटेनस सर्टिफिकेट की बात करना तो बेमानी सा है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो स्कूली वाहनों के कड़े सुरक्षा नार्म्स तो छोडि़ए, साधारण नार्म्स भी स्कूली वाहन पूरे करते हुए नजर नहीं आए।
ख्ब् वाहनों पर हुइर् कार्रवाई एआरटीओ इंफोर्समेंट उमाशंकर यादव, परेश यादव और अनिल त्रिपाठी ने स्कूली वाहनों के खिलाफ पीलीभीत बाईपास, एयरफोर्स रोड और बदायूं रोड पर चेकिंग अभियान चला। चेकिंग ने सभी ख्ब् वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की। फिटनेस व परमिट न होने पर टीम ने म् वाहनों को सीज कर दिया। इनमें ख् ऑटो और ब् वैन शामिल हैं। वहीं क्म् वाहनों के चालान काटे गए। सर, पहले फोन पर कर लीजिए बात मजेदार बात यह रही की ट्रैफिक पुलिस ने जब स्कूली वाहनों को रोका तो वह कागज दिखाने की बजाय पुलिसकर्मियों को फोन पर बात करने की रिक्वेस्ट करने लग गए। हालांकि इस दौरान ट्रैफिक पुलिस ने सख्ती दिखाई और किसी को भी बख्शा नहीं। चेकिंग में म्क् स्कूली वाहनों के चालान काटे गए। जिनमें भ्भ् थ्री व फोर व्हीलर और म् बसें थीं। नॉर्म्स की उड़ा रहे खुलेअाम धज्जियांपीलीभीत बाईपास पर एक फेमस स्कूल की बस में भ्8 बच्चों की जगह पर म्8 बच्चे कैरी करते हुए पाए गए। वहीं यूपी ख्भ् एटी 0809 नंबर की स्कूली वैन की परमिट ख्0क्ब् में ही खत्म हो चुका था।
आखिर क्यों करते हैं दबंगई स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वाहन पुराने होने की स्थिति में उनको स्कूल से अटैच्ड कर दिया जाता है। क्यों जानिए- -आमतौर पर वाहन में बच्चे होने के चलते पुलिस एक्शन नहीं लेती। -इसमें सीधे स्कूली मैनेजमेंट इंवाल्व होता है, ऐसे में भी पुलिस बचती है। -ज्यादातर बच्चे अच्छी फैमिली से बिलांग करते हैं, ऐसे में पुलिस के रोकते ही तुरंत फोन आने लग जाते हैं। बाक्स-- कुछ यूं होती है एमवी एक्ट में कार्रवाई - नॉर्म्स के तहत सामान न होने पर प्रति सामान क्00 रुपए का चालान। - फिटनेस और परमिट नहीं होने पर वाहन सीज करने का प्रावधान। - ओवरलोड होने पर प्रति पैसेंजर एक हजार रुपए का जुर्माना। आरटीओ से रजिस्टर्ड स्कूली वाहन - बस - ब्00 - वैन - ख्00 किस वाहन में कितने च्च्चे - ऑटो - म् बच्चे - वैन - क्क् बच्चे - मैजिक - क्ख् बच्चे - विक्रम - क्0 बच्चे - बस - सीट के मुताबिक। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश- वाहन के सामने और पीछे स्कूल वाहन लिखा होना जरूरी।
- निर्धारित क्षमता से अधिक संख्या में बच्चे न बैठें। - फर्स्ट एड बॉक्स होना जरूरी। - स्कूल वाहन में हॉरीजेंटल ग्रिल हो। - अग्निशमन व्यवस्था होना जरूरी। - वाहन पर स्कूल का नाम व कॉन्टैक्ट नंबर। - चालक को कम से कम पांच साल भारी वाहन चलाने का अनुभव। - वाहन का रंग गोल्डन यलो विद ब्राउन, ब्लू लाइनिंग होना चाहिए। - आपदा की स्थिति में दो इमरजेंसी गेट होना जरूरी। - स्पीड कंट्रोल डिवाइस जरूरी । - चालक का आई टेस्ट हर साल होना जरूरी। - वाहन में अलार्म बेल या सायरन होना आवश्यक है। बाक्स- पीलीभीत में मासूम की मौत के बाद जागा प्रशासन पिछले दिनों पीलीभीत में एक जर्जर स्कूली बस का फर्श टूट गया था। इस हादसे में बस में सवार मासूम चलती बस से नीचे गिर पड़ा था और पहिए से कुचलकर उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया और स्कूली वाहनों की चेकिंग का अभियान शुरू किया। विभाग का कहना है कि इस अभियान को जारी रखा जाएगा। फिलहाल, देखते हैं कि आखिर कब तक नींद टूटी रहती है।