दवाई को हाय, इंजेक्शन को बोलें बाय
फैक्ट एंड फिगर
जनपद में मिले एमडीआर के पेशेंट
275-2021 में मिले
45-2022 में मिले
पांच वर्ष के पेशेंट को मिलेगा लाभ
इस दवा को अभी तक 18 वर्ष से ऊपर के एमडीआर टीबी मरीजों को दिया जाता था। लेकिन अब इसको पांच वर्ष से ऊपर के एमडीआर टीबी के सभी मरीजों को दिया जा सकेगा। दवा के आने के बाद अब एमडीआर टीबी मरीजों को लगातार चार माह तक लगने वाले इंजेक्शन के दर्द से छुटकारा मिलेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। केके मिश्रा ने बताया कि इस दवा से अब टीबी के मरीज कम अवधि में ही नौ माह में पूरी तरह से मुक्त हो जाएंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि 2021 में बरेली जनपद में एमडीआर के 275 मरीज थे। वहीं 2022 में एमडीआर के 45 मरीज मिल चुके हैं।
इंजेक्शन से मिलेगी मुक्ति
डॉ। सूरज कुमार सीनियर मेडिकल आफिसर डीआरटीबी वार्ड ने बताया कि अभी तक एमडीआर टीबी मरीजों को कैनामाईशिन इंजेक्शन चार माह तक लगवाना पड़ता था। लेकिन इस दवा के आने से अब इंजेक्शन से मरीजों को मुक्ति मिल जाएगी। अब इंजेक्शन की जगह टैबलेट ही मरीजों को खानी पड़ेगी। इस अवसर पर जिला पीएमडीटी समन्वयक आलोक कुमार, जिला कार्यक्रम समन्वयक निखिल बंसल, टीबी विभाग के अन्य डॉक्टर्स और स्टाफ मौजूद रहे।
इस दवा से अब एमडीआर टीबी मरीजों को लगातार चार माह तक लगने वाले इंजेक्शन के दर्द से छुटकारा मिलेगा। साथ ही इसको पांच वर्ष से ऊपर के एमडीआर टीबी के सभी मरीजों को दिया जा सकेगा। -डॉ। केके मिश्रा, जिला क्षय अधिकारी