'कल' के लिए जल बचाएगा जलगांव
- सेव वॉटर के मद्देनजर केंद्रीय जल आयोग का कदम
-बरेली में मंडे तक हो जाएगा जलगांव का चयन > BAREILLY: पानी के दोहन के चलते जल स्तर तेजी के साथ गिर रहा है। गिरते जल स्तर की चिंता केंद्रीय जल आयोग को भी सताने लगी है। जल कल खत्म न हो इसके लिए केंद्रीय जल आयोग ने अपनी रिपोर्ट में राज्यों को पानी को बचाने के लिए प्रयास करने के लिए कहा है। इसी के तहत हर जनपद के एक ग्राम को जल गांव बनाया जाएगा। ताकि पानी को बचाया जा सके। काम हो गया शुरूबरेली में जलगांव बनाने के लिए काम शुरू हो गया है। जिस ब्लाक में तेजी से जल जलस्तर तेजी के साथ गिर रहा है। उसका चयन होगा और वहां से जल को बचाने की कोशिश होगी। इस मॉडल जलगांव की तर्ज पर ही अन्य गांवों में भी पानी को बचाने के लिए प्रयास होगा। पीडी डीआरडीए साहित्य प्रकाश मिश्र ने बताया कि मंडे तक गांव का चयन हाे जाएगा।
प्रति वर्ष हो रही क्0 सेमी की गिरावटकेंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी समेत कई राज्यों में भूमि का जल स्तर तेजी से गिरता जा रहा है। हर साल करीब दस सेंटीमीटर से ज्यादा की जलस्तर में गिरावट आ रही है। वॉटर रिचार्जिग कम और दोहन ज्यादा होना, इसकी मेन वजह है। आयोग की सिफारिश के बाद हर जनपद में एक गांव को जल गांव बनाने की योजना को अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरु हो चुकी है। भ्0 लाख रुपए की रकम से गांव के सभी घरों की छतों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाया जाएगा। पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार और नए तालाबों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा हैंडपंप, नलकूप के जल को तालाब व अन्य गड्ढों में सेव रखना, स्टूडेंट्स को सेव वॉटर के लिए जागरूकता का प्रचार प्रसार होगा। इस कार्य को भूगर्भ जल विभाग, जल निगम, विकास विभाग, ग्राम्य विभाग साझा रूप से करेंगे।