गायब सफाई कर्मचारियों की होगी 'घर वापसी'
नगर निगम स्वास्थ्य विभाग बना रहा सफाई न करने वाले 300 से ज्यादा कर्मचारियों की सूची
नहीं बनाई गई सफाई कर्मचारियों की बीट, नगर आयुक्त ने कहा वापस होंगे सभी कर्मचारी प्रशासनिक अधिकारियों सहित स्वास्थ्य विभाग के बड़े जिम्मेदारों के घरों पर लगी है ड्यूटी BAREILLY:नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के ऐसे सफाई कर्मचारी जो झाड़ू मारने की अपनी ड्यूटी छोड़ अन्य विभागों और अधिकारियों के घर पर नौकरी बजा रहे हैं, वे सब जल्द अपने विभाग में लौटेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने अपने ऐसे कर्मचारियों की 'घर वापसी' कराने को कमर कस ली है। निगम के स्वास्थ्य विभाग में ऐसे 'गायब' कर्मचारियों की कुंडली की खोजबीन कर उनकी लिस्ट बनाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग कुछ दिनों में ही ऐसे सफाई कर्मचारियों की लिस्ट मेयर व नगर आयुक्त को सौंपेगा। वहीं दूसरी ओर नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव ने भी विभाग से गायब ऐसे सभी सफाई कर्मचारियों को वापस बुलवाने के निर्देश दिए हैं।
क्क् नहीं फ्00 से ज्यादा कर्मचारीस्वास्थ्य विभाग की ओर से अपने क्क् सफाई कर्मचारियों के अन्य विभागों में ड्यूटी करने की रिपोर्ट मेयर व नगर आयुक्त को दी गई थी। लेकिन असल में ऐसे कर्मचारियों की तादाद क्क् नहीं बल्कि फ्00 से ज्यादा है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने इस बात को कंफर्म किया कि विभाग के फ्00-फ्भ्0 कर्मचारी शहर की सफाई की बजाय अधिकारियों के घर और अन्य विभागों में नौकरी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ऐसे सभी कर्मचारियों की शिनाख्त करने में जुट गया है, जो लंबे अर्से से विभाग से बाहर हैं।
तबादले की कीमत फ्0-फ्भ् हजार स्वास्थ्य विभाग में बतौर सफाई कर्मी नियुक्त होने के बाद कई कर्मचारियों ने अपने अधिकारियों से सांठ-गांठ कर अपने तबादले अन्य विभागों में करा लिये। वजह सुबह-सुबह शहर की गलियों में झाड़ू लगाने की नौकरी से बेरुखी और आराम व कमाई वाले विभागों में काम करने की चाहत। जानकार बतातें हैं कि ऐसे में कर्मचारी महज फ्0-फ्भ् हजार रुपए अपने इंस्पेक्टर को देकर दूसरे विभागों में जरूरत की आड़ में अपना तबादला करा रहे। कई साल से यह सिलसिला यूं ही चल रहा। निगम के आला अधिकारियों को भी इसकी भनक होने के बावजूद इस रिवाज पर लगाम नहीं कसी जा सकी। अधिकारियों के घर पर चाकरीस्वास्थ्य विभाग की जो रिपोर्ट तैयार हो रही उसमें कई खुलासे होने वाले हैं। सिर्फ आराम-तलब व मलाई वाले विभागों में ही कमाई कर रहे सफाई कर्मी अपना विभाग छोड़कर नहीं गए। बल्कि कई कर्मचारियों को बड़े अफसरों के प्रभाव के चलते भी उनके घरों पर नियमों के खिलाफ अटैच कर दिया गया। विभाग के जानकार बता रहे कि शहर साफ करने की बजाए प्रशासनिक अधिकारियों के घर पर भी कई सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई। वहीं स्वास्थ्य विभाग के जोनल अधिकारियों व इंस्पेक्टर्स पर भी अपने घरों में सफाई कर्मचारियों से काम कराने के आराेप हैं।
'लापता' हो गई बीट व्यवस्था नगर निगम की ओर से सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाए जाने में उनकी बीट भी तय किए जाने का भी प्रावधान है। लेकिन बीते क्0-क्ख् साल से यह व्यवस्था अनियमितताओं के कुहासे में गुम हो गई है। बीट व्यवस्था के तहत किसी वार्ड में नियुक्त किए गए सफाई कर्मियों का ड्यूटी एरिया तय किया जाता है। वार्ड में दीवारों पर सफाई कर्मी का नाम, मोबाइल नं., ड्यूटी एरिया और ड्यूटी ऑवर्स पेंट से लिख दिए जाते हैं। जिसे देखकर लोग अपने एरिया के सफाईकर्मी की आसानी से पहचान कर सकें। साथ ही सफाई कर्मचारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी तय की जा सके। लेकिन बीट व्यवस्था लागू न हो पाने से सफाई कर्मचारी बेहद आसानी से अपने अधिकारी से सांठ गांठ कर तबादले करा रहे हैं। ----------------------जो भी सफाई कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग से बाहर अन्य विभागों में ड्यूटी कर रहे हैं, वे सब बिना शर्त वापस बुलाए जाएंगे। ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सूची मिलते ही उनके वापस अपने विभाग में तैनाती के आदेश जारी होंगे। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त