कोविड के पेशेंट जिले में बढऩे के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सैैंपलिंग मेंं पिछड़ा. शहर में स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम साबित हो रहे नाकाफी

बरेली (ब्यूरो)। जिले में कोविड के मामलों में एक बार फिर बढ़त देखने को मिल रही है। संडे तक एक्टिव केसेस की संख्या पांच हो गई है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग अभी भी पूरी तरह एक्टिव नहीं हुआ हैै। सैटर्डे को मात्र 1321 सैैंपलिंग की गईं। कम सैैंपलिंग को लेकर एडी हेल्थ ने थर्सडे को मीटिंग में नाराजगी जाहिर की थी। कोविड महामारी की संभावित फोर्थ वेव को लकेर विभाग कितना तैयार है। यह जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने जमीनी स्तर से रियलिटी चैक किया है।

नहीं बढ़ी सैैंपलिंग
कोविड को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां नाकाफी साबित हो रही हैै। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाल में हुई मीटिंग में कोविड से संबंधी तैयारियों की समीक्षा की गई थी। मीटिंग में एडी हेल्थ ने कोविड की सैैंपलिंग कम होने पर नाराजगी जाहिर की थी। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी कोविड को लेकर तैयार रहने को कहा था। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया हैै। टारगेट से भी कम कोविड सैैंपलिंग रोजाना हो रही हैै। इससे जाहिर होता हैं कि स्वास्थ्य विभाग अपने ही उच्च अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं कर रहा हैै

बचाव हैै जरूरी
कोविड जिले में फिर से एक बार दस्तक दे चुका है, इसको लेकर पब्लिक कोबखासा सावधान रहने की जरूरत है। इसके लिए आप अपने हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह से धोएं। मास्क का इस्तेमाल करें, रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों को साफ करते रहें। खांसतें और छींकते समय टिशू पेपर का इस्तेमाल करें। बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छुएं। संक्रमित व्यक्ति के संपंर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने में बेहद जरूरी है।

कितना तैयार स्वास्थ्य विभाग

2178-कोविड बेड्स की संख्या
33-रैपिड रिस्पांस टीम
1193-ग्राम निगरानी समिती
372-शहर निगरानी समिती
32-सैंपलिंग सेंटर की संख्या प्राइवेट को छोड़क़र
6-मोबाइल टेस्टिंग टीमों की संख्या
21-एंबुलेंस की संख्या
आरटीपीसीआर टेस्टिंग प्रतिदिन का
3हजार-लक्ष्य
2हजार-एंटीजन टेस्टिंग प्रतिदिन का लक्ष्य

संडे को हुई सैैंपलिंग
630-आरटीपीसीआर सैैंपलिंग
689-एंटीजन टेस्टिंग

सीन-1, गांधी उद्यान
शहर के गांधी उद्यान में लगी हुई सैनेटाइजेशन मशीन खराब पड़ी हुई है। लाखों की लागत से विभिन्न विभागों से लेकर पार्को में लगाई गईं ये मशीने धूल फांकती हुई नजर आ रहीं हंंै। कोविड के मामलों को देखते हुए, इन मशीनों को भी जिम्मेदारों को ठीक करना चाहिए।

सीन-2, बस स्टैैंड
शहर के सबसे व्यस्ततम एरिया में से एक पुराना बस स्टैैंड पर कोविड की टेस्टिंग को सीमित समय के लिए ही किया जा रहा हैै, जिससे कोविड के पेशेंट ट्रेस नहीं हो पा रहे हैै। अब तक के जो भी कोविड के नए पेशेंट मिले हैै उनमें से ज्यादातर शहर में बाहर से ट्रैवल करके आए हैै। इसके बाद भी यहां पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से टेस्टिंग पर विशेष ध्यान देेने की जरूरत है।

Posted By: Inextlive