पोलिंग में शहर और कैंट विधानसभा को मिलती है सेकेंड डिविजन


(बरेली ब्यूरो)। वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में जिले की नौ विधानसभा सीटों पर वोटर्स अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें से दो विधानसभा सीटें अर्बन एरिया की हैं तो सात रूरल एरिया से जुड़ी हुई हैं। इन विधानसभा सीटों पर अधिक से अधिक मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी वोटर्स के कंधों पर रहती है, पर इस जिम्मेदारी को समझने और निभाने में ग्रामीण वोटर्स हमेशा ही शहरी वोटर्स से आगे ही रहे हैं। शहर में भले ही लिटरेसी अधिक हो, पर चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि पोलिंग अवेयरनेस में भी ग्रामीण वोटर्स शहरी वोटर्स पर भारी ही पड़ते हैं। वर्ष 2012 और वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं।


शहर और कैंट में सबसे कम मतदान
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जिले का पोलिंग परसेंट सर्वाधिक 65.72 परसेंट रहा। इससे पहले वर्ष 2012 में 63.88 परसेंट पोलिंग हुई थी। इन चुनावों में शहर और कैंट विधानसभा सीटों पर पोलिंग परसेंट अन्य सीटों की अपेक्षा कम ही रहा। शहर विधान सभा सीट पर वर्ष 2012 में 54.44 परसेंट पोलिंग हुई तो वर्ष 2017 में इससे भी कम 54 परसेंट पोलिंग हुई। इसी तरह कैंट विधानसभा सीट पर भी वर्ष 2012 में 53.32 परसेंट पोलिंग हुई तो वर्ष 2017 में इसमें करीब 1.5 परसेंट का इजाफा हुआ। इस वर्ष का पोलिंग परसेंट 54.80 परसेंट रहा।


नवाबगंज के वोटर्स टॉप पर
पोलिंग अवेयरनेस की बात करें तो नवाबगंज के वोटर्स ने अपने को जिले में सबसे अधिक अवेयर साबित किया है। यहां वर्ष 2012 के चुनाव में 73.07 परसेंट वोटर्स ने अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल किया तो वर्ष 2017 के चुनाव में 72 परसेंट वोटर्स ने अपनी पसंद के प्रत्याशी को चुनने के लिए ईवीएम का बटन दबाया।


अन्य सीटों पर भी 60 परसेंट से अधिक पोलिंग
पोलिंग में बरेली शहर और कैंट विधानसभा के वोटर्स सबसे पीछे तो नवाबगंज के वोटर्स सबसे अव्वल रहे हैं। इनके अलावा दूसरी विधानसभाओं के वोटर्स ने भी अपनी विधानसभा को 60 परसेंट से अधिक माक्र्स दिलाए हैं। बहेड़ी विधानसभा में वर्ष 2012 में 69.32 परसेंट पोलिंग हुई तो वर्ष 2017 में 71.1 परसेंट पोलिंग हुई। मीरगंज विधानसभा में वर्ष 2012 में 66.39 परसेंट पोलिंग हुई तो वर्ष 2017 में 67.2 परसेंट पोलिंग हुई। फरीदपुर विधानसभा में वर्ष 2012 में 66.74 परसेंट पोलिंग हुई तो वर्ष 2017 के चुनाव में यहां 72.5 परसेंट पोलिंग हुई। आंवला विधानसभा में वर्ष 2012 के चुनाव में 66.37 परसेंट पोलिंग हुई तो वर्ष 2017 में यहां 66.70 परसेंट पोलिंग हुई। भोजीपुरा विधानसभा सीट पर वर्ष 2012 के चुनाव में 69.56 परसेंट वोटर्स ने अपनी जिम्मेदारी निभाई तो वर्ष 2017 के चुनाव में यहां 68.75 परसेंट वोटर्स ने अपने पोलिंग बूथ पर पहुंचकर ईवीएम का बटन दबाया।


वर्ष 2022 के चुनाव में शहरी वोटर्स की परीक्षा
आगामी विधानसभा चुनाव में पोलिंग अवेयरनेस को लेकर एक बार फिर शहरी और ग्रामीण वोटर्स की परीक्षा होगी। इसमें शहरी वोटर्स के सामने अपने को 20 साबित करने का चैलेंज भी होगा। शहर में इस चैलेंज को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन भी कोशिश कर रहा है। शहर में पोलिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए स्कूल, कॉलेजों में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अलावा सामाजिक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों व एनजीओ के माध्यम से भी वोटर्स को अवेयर करने की कोशिश की जा रही है। इस बार जिला प्रशासन भी सर्वाधिक पोलिंग कराने की कोशिश कितनी कामयाब होगी यह 10 मार्च को पोलिंग का रिजल्ट आउट होने पर ही साप होगा।

फैक्ट फाइल
विधानसभा - पोलिंग परसेंट वर्ष 2012 - 2017
शहर - 54.44 - 54.1
कैंट - 53.32 - 54.8
बिथरीचैनपुर - 68.63 - 64.6
बहेड़ी - 69.63 - 71.1
मीरगंज - 66.39 - 67.20
नवाबगंज - 73.07 - 72
फरीदपुर - 66.74 - 72.5
आंवला - 66.33 - 66.70
भोजीपुरा - 69.56 - 68.75

Posted By: Inextlive