50 की जगह 5,000 रुपए में किट की परमीशन
- सीएनजी और एलपीजी किट में कमीशन का खेल
- इल्लीगल शॉप ओनर लेते हैं 5 हजार BAREILLY: जिन सीएनजी और एलपीजी किट लगे वाहन को पास कराने की फीस आरटीओ में महज भ्0 रुपये है। उसी वाहन को पास कराने के नाम पर अनऑथोराइज्ड शॉप ओनर्स लोगों से अच्छे खासे पैसे ऐंठ रहे हैं। यह काम इतने शातिराना अंदाज से किया जाता है कि वाहन ओनर्स भी शॉप ओनर्स की चालाकी को समझ नहीं पाते। इल्लीगल कमाई का खेल लाखों रुपये में है, मगर ऑफिसर्स हैं कि सब कुछ पता होते हुए भी खामोशी के चादर ओढ़े हुए हैं। बरेली की बात करें तो डीजल और पेट्रोल की अपेक्षा किट लगे वाहनों की संख्या हर साल तेजी से बढ़ रही है। भ्0 रुपये है फीसवाहन में सीएनजी व एलपीजी किट लगने के बाद आरटीओ ऑफिस में आरआई टेक्निकल किट की जांच करते हैं। जांच में ओके पाए जाने के बाद ही परमीशन दी जाती है, मगर इल्लीगल तरीके से काम कर रहे शॉप ओनर पैसे के दम पर सारा खेल कर रहे हैं। दरअसल वाहन जांच के समय आरआई द्वारा लीगल शॉप ओनर के एनओसी सर्टिफिकेट भी देखे जाते हैं। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक इल्लीगल शॉप ओनर भ्000 से म्000 रुपये कमीशन देकर वाहन में लगे किट को पास कराने का काम कर रहे हैं। इस खेल में वे लीगल शॉप ओनर की भी मदद लेते हैं। हालांकि, सिटी में चार रजिस्टर्ड शॉप में से दो ने किट लगाने का काम बंद कर रखा है, मगर आरटीओ विभाग से अपना रजिस्ट्रेशन कैंसिल नहीं कराया है। कारण, इल्लीगल शॉप ओनर से पैसे लेकर अपने माध्यम से किट पास कराने का काम करते हैं।
दूसरे सिटीज के वाहन भी पास सबसे अजीब बात यह है कि पैसे के दम पर दूसरे सिटीज के वाहनों को भी आसानी से एनओसी मिल जाती है। एनओसी व किट लगाने से पहले वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर संबंधित आरटीओ विभाग में ट्रांसफर कराना आवश्यक होता है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता है। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक संजय नगर और जवाहर मार्केट के कुछ इल्लीगल डिस्ट्रिब्यूटर इस खेल में शाि1मल हैं। किट लगे वाहनों की संख्याआरटीओ की ओर से ख्008 से सीएनजी व एलपीजी किट लगे वाहनों को पास जारी किए जा रहे हैं। पिछले म् साल के दौरान सैकड़ों की संख्या में वाहनों को एनओसी जारी की गई है। वहीं आरटीओ विभाग में रजिस्टर्ड वाहनों की बात करें तो सीएनजी के क्00फ् और एलपीजी किट लगे ख्भ्09 वाहनों को एनओसी जारी की जा चुकी है।