प्रबुद्ध जनों की राय पर संवरेगी यूनिवर्सिटी
- आरयू के वरिष्ठ प्रोफेसर्स और शहर के प्रबुद्धजन होंगे एक मंच पर
- यूनिवर्सिटी को बेहतर बनाने को लेकर होगी चर्चाBAREILLY: आरयू को संवारने में अब शहर के प्रबुद्ध वर्ग भी अहम रोल प्ले करेंगे। एकेडमिक एक्सिलेंस की बात हो या फिर कैंपस में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने का मुद्दा। इन सभी पहलुओं पर आरयू अब इनसे भी राय-शुमारी लेगा। आरयू की पहल पर यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्रोफेसर्स और शहर के कुछ प्रबुद्धजन एक मंच पर होंगे। अपने अनुभवों और नवीन विचारों को साझा करेंगे। विचारों के भंवर से जो योजना जन्म लेगी, आरयू उसे अपने कैंपस को संवारने के लिए लागू करेगा। आरयू की हिस्ट्री पर नजर डालें तो पहली बार इस तरह की पहल की जा रही है। जिससे आरयू को ना केवल अपनी कमियों के बारे में पता चलेगा बल्कि जिन पहलुओं पर वह मजबूती से बढ़ रहा है उसमें और क्वालिटेटिव सुधार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
उम्मीदों को भांपने की मंशाशासन, यूजीसी समेत तमाम नीति नियमन एजेंसीज की योजनाओं को यूनिवर्सिटी लागू करती हैं। बावजूद इसके यूनिवर्सिटी कभी यह नहीं जान पाती की आम पब्लिक की उम्मीदों पर वह कितना खरा उतर पा रही है। उनकी एक्सपेक्टेशंस क्या है। वे यूनिवर्सिटी में किस तरह का एकेडमिक बदलाव चाहते हैं। उनकी नजर में यूनिवर्सिटी में किस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए। इन्हीं सभी एक्सपेक्टेशंस और डिमांड को जानने के लिए आरयू ने यह पहल की है। इसके लिए मंडे को वरिष्ठ प्रोफेसर्स और शहर के कुछ प्रबुद्धजनों की मीटिंग होगी। मीटिंग की अध्यक्षता वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन करेंगे, साथ ही रजिस्ट्रार एके सिंह भी मौजूद रहेंगे।
ओवरऑल परफॉर्मेंस पर होगी चर्चा यह मीटिंग महज आम मीटिंग की तरह नहीं होगी। जब प्रोफेसर्स और प्रबुद्धजन एक ही मंच साझा करेंगे तो बातें यूनिवर्सिटी की ओवरऑल परफॉर्मेस पर होंगी। एकेडमिक की बात करें तो रिजल्ट के सिस्टम को कैसे सुधारा जाए, मार्केट की डिमांड के अनुसार कोर्सेज में कौन-कौन से बदलाव होने चाहिए, पढ़ाई के तरीके में क्या बदलाव जरूरी है, उसे रोचक कैसे बनाया जाए। इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो कैंपस में किस तरह की फैसिलिटीज होनी चाहिए, स्टूडेंट्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए क्या कमियां महसूस की जा रही हैं। इन सभी पहलुओं समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। प्रोफेसर्स यूनिवर्सिटी का एकेडमिक रिकॉर्ड सबके समक्ष रखेंगे। उसके बाद उन रिकॉर्ड्स की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद शहर के प्रबुद्धजनों से राय ली जाएगी। ओवरऑल परफॉर्मेस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। प्रपोजल तैयार किया जाएगामीटिंग में जो भी निगेटिव, पॉजीटिव प्वाइंट्स और डिमांड रखी जाएंगी उसे बाकायदा नोट किया जाएगा। उसके बाद यूनिवर्सिटी की तरफ से एकेडमिक एक्सिलेंस के लिए उसका प्रपोजल तैयार कराया जाएगा। प्रपोजल को लागू करने की पूरी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी पर ही होगी। फंड यूजीसी समेत अन्य फंडिंग एजेंसीज से जुटाया जाएगा। जिसे यूनिवर्सिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने करने के लिए खर्च किया जाएगा।