एलएलबी इंट्रेंस में आरयू 'पास'
आरयू के एलएलबी इंट्रेंस एग्जाम में इस बार नहीं हुई मास चीटिंग
यूनिवर्सिटी ने पुख्ता इंतजाम कर सॉल्वर्स के मंसूबों पर फेरा पानीBAREILLY: पिछली गलतियों से सबक लेते हुए आरयू ने इस बार एलएलबी के इंट्रेंस टेस्ट में मास चीटिंग को रोकने के लिए अलग अरेंजमेंट्स कर रखे थे, जो काफी हद तक कामयाब भी हुए। हर सेंटर पर अलग से यूनिवर्सिटी का कोऑर्डिनेटर अप्वॉइंट किया गया था। इसके साथ ही ऑब्जर्वर की टीम के साथ 3 गाडि़यों में 12 लोगों की टीम भी हर वक्त सेंटर्स पर गश्त लगा रही थी। इस टीम की अगुवाई खुद वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन कर रहे थे। यही वजह थी कि इस बार बड़े पैमाने पर होने वाले मास चीटिंग का दाग आरयू पर लगने से बच गया। हालांकि गुपचुप तरीके से कैंडीडेट्स एक दूसरे से पूछ का आंसर मार्क करते जरूर नजर आए। वहीं कई सेंटर्स पर पर्चियों के द्वारा नकल करने की इंफॉर्मेशन मिली।
10% students absentएलएलबी में एडमिशन के लिए इंट्रेंस टेस्ट 12 सेंटर्स पर कंडक्ट किया गया। बरेली कॉलेज के 4, महाराजा अग्रसेन के 2, पीसी आजाद, जय नारायण, सिल्वर लॉ कॉलेज, केसीएमटी, सरदार वल्लभ भाई पटेल और महामाया पब्लिक स्कूल के 1-1 सेंटर पर सुबह 8 से 11 बजे तक एग्जाम कंडक्ट कराया गया। इसके साथ ही आरयू में एलएलएम के लिए इंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराया गया। एलएलबी में करीब 6,550 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें से 10 परसेंट से ज्यादा स्टूडेंट्स एग्जाम में अपीयर नहीं हुए। ज्यादातर वे स्टूडेंट्स थे जो चीटिंग का जुगाड़ लगाए हुए थे लेकिन कामयाब नहीं हो पाए।
Late पहुंचे तो no entry इंट्रेंस टेस्ट स्टार्ट होने के आधे घंटे देरी से आए स्टूडेंट्स को एग्जाम सेंटर के अंदर इंट्री नहीं दी गई। कई सेंटर्स पर इसको लेकर स्टूडेंट्स की नोकझोंक भी हुई लेकिन पुलिस की मुस्तैदी की वजह से उनकी एक नहीं चली। बरेली कॉलेज में ही 8 से ज्यादा स्टूडेंट्स मुरादाबाद से एग्जाम देने आए लेकिन आधा घंटा लेट होने की वजह से उन्हें बाहर कर दिया गया। दरअसल इस बार सख्ती करते हुए लेट लतीफ कैंडीडेट्स को इसलिए वापस कर दिया, जिससे पेपर लीक की आशंका ना हो। Purse तक जमा करा लिएआरयू के निर्देश पर सख्ती का यह आलम था कि मेल कैंडीडेट्स के पर्स तक जमा करा लिए गए। जिन कैंडीडेट्स के पास ज्यादा रुपए थे, उन्होंने पर्स जमा कराने में आपत्ति दर्ज कराई। लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। मोबाइल तो पहले ही जमा करा लिया गया था। स्टूडेंट्स इस बात पर भी खफा थे कि कॉलेज ने मोबाइल जमा करने के क्0 और पर्स जमा करने के लिए अलग से क्0 रुपए चार्ज किए। ऐसे में अधिकांश हर कैंडीडेट्स से ख्0 रुपए चार्ज किया गया।
बीसीबी और अग्रसेन पर खास नजरलास्ट ईयर बरेली कॉलेज में जमकर मास चीटिंग हुई थी। इस बार एक सीरीज के करीब फ्0 रोल नम्बर के कैंडीडेट्स का सेंटर महाराजा अग्रसेन कॉलेज में डाला गया था। ये पहले से संदिग्ध श्रेणी में थे और आरयू की इन पर खास नजर थी। सोर्सेज की मानें तो बड़े पैमाने पर इनके स्थान पर सॉल्वर बिठाने की पूरी योजना बन गई थी, लेकिन आरयू ने इन दोनों सेंटर्स पर विशेष सिक्योरिटी अरेंजमेंट प्रोवाइड कर सॉल्वर के मंसूबों पर पानी फेर दिया। यूनिवर्सिटी की अपनी टीम तो थी ही, साथ ही काफी संख्या में पुलिस और पीएसी भी तैनात कर दी गई थी। सोर्सेज की मानें तो सॉल्वर को इंट्री ना दिलाए जाने के बाद असली कैंडीडेट्स और शिक्षा माफियाओं के बीच भिड़त हो गई। प्लानिंग फेल हो जाने की वजह से कैंडीडेट्स अपना रुपया वापस मांग रहे थे। यह सब अग्रसेन कॉलेज के बाहर हुआ। हालांकि इतनी सख्ती के बावजूद स्टूडेंट्स एक-दूसरे से पूछ कर चीटिंग करते हुए दिखाई दिए। कई सेंटर्स पर तो पर्चियां मुहैया कराने की भी शिकायत मिली।